डॉ अरुणा अजितसरिया एम बी ई
एक सफ़र साथ साथ – संपादक: दिव्या माथुर
वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इंग्लैंड और अमेरिका में बसी महिला लेखिकाओं की कहानियों का एक अप्रतिम संग्रह ‘एक सफ़र साथ-साथ’ का लोकार्पण लंदन की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था, वातायन के तत्वावधान में 14 मई को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में होने वाला है। वातायन की संस्थापिका, दिव्या माथुर एक लम्बी अवधि से हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखती आ रही हैं।
इस संग्रह का सम्पादन करते समय उनका उद्देश्य पश्चिम जगत में बसी महिला लेखिकाओं की कहानियों को एक साथ संजो कर हिंदी के पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करना था। यह संग्रह उन कहानीकारों की रचनाओं का महोत्सव है जो वर्षों से भारत से बाहर रह कर और अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में सक्रिय होने के बावज़ूद हिंदी साहित्य से जुड़ी रही हैं। इन लेखिकाओं की कहानियों का कैनवस उनके अपने जीवन-अनुभव की तरह अत्यंत विशद है।
ये कहानियाँ विविध मन:स्थितियों और सम्बन्धों की बदलती हुई परिभाषाओं को उकेरने के कारण विशिष्ट बन पड़ी हैं। स्त्री विमर्श कथ्य की विविधता को एक सूत्र में बाँधने वाला तार है जिसे लेखिकाओं ने अलग-अलग ऐंगल से देखा है। संग्रह की 32 कहानीकारों में उषा प्रियंवदा, कीर्ति चौधरी, दिव्या माथुर, सुषम बेदी, सुधा ओम धींगरा, नीना पॉल, अचला शर्मा और ज़किया ज़ुबेरी जैसे हिंदी के प्रतिष्ठित हस्ताक्षरों के साथ नयी और उभरती लेखिकाओं की कृतियाँ भी सम्मिलित हैं। संवेदना की मार्मिकता और शिल्प की सुघड़ाई इस संग्रह की उपलब्धि है।