हलचल – नरेन्द्र मोदी लंदन में।

 

जब मुझे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत की बात – सबके साथ में शामिल होने के लिये वी.आई.पी. पास भारतीय उच्चायोग से प्राप्त हुआ तो ज़ाहिर है कि अच्छा लगा कि हिन्दी लेखक को भी इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिये याद किया गया।

निमंत्रण पत्र में साफ़ लिखा था 2.30 बजे दरवाज़े खुलेंगे और 4.00 बजे नरेन्द्र मोदी का लाईव साक्षात्कार शुरू होगा। आयोजन समिति वॉलन्टीयर चला रहे थे इसलिये ज़ाहिर है कि उन्होंने हमें वीआईपी महसूस नहीं होने दिया। मित्र रवि शर्मा, सरिता सभरवाल, कृष्ण रैले भी जेब में वीआईपी पास रख कर लम्बी कतार में भीतर शामिल होने के लिये मेरे साथ खड़े थे।

मुझे मालूम था कि पार्लियामेण्ट स्कवेअर में नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध बहुत सी संस्थाएं विरोध प्रदर्शन करने वाली थीं। इसलियें 1.30 बजे वहां पहुंच गया। वहां भाई परवेज़ आलम, लवीना टण्डन, एवं प्रभाकर कज़ा से मुलाक़ात हो गई। लवीना अपने चैनल के राजदीप सरदेसाई के साथ व्यस्त दिखाई दे रही थी। चारों तरफ़ अजब सा माहौल था। थोड़ी थोड़ी देर के बाद अचानक जोश आता था और नारे लगने लगते थे।

नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध प्रदर्शन

याद रखना होगा कि कॉमन वेल्थ देशों के सम्मेलन के कारण लंदन में सभी देशों के प्रमुख मौजूद हैं। इसलिये बांग्लादेश सरकार के विरुद्ध नारे लग रहे थे कि ख़ालिदा ज़िया को आज़ाद किया जाए। वहीं बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान के विरुद्ध नारे लगा रहे थे।

मगर नारों का प्रमुख केन्द्र नरेन्द्र मोदी ही थे। पाकिस्तानी कश्मीरी, खालिस्तानी नारों के अलावा एक बड़ा तबका हाल ही में हुई बलात्कार की घटनाओं को लेकर नरेन्द्र मोदी को कटघरे में खड़ा कर रहा था। वैसे यह सच भी है कि आप या तो नरेन्द्र मोदी को चाह सकते हैं या उनसे नफ़रत कर सकते हैं… आप नरेन्द्र मोदी को नकार नहीं सकते।

खालिस्तान समर्थकों भारत का तिरंगा जलाया

ये सब वहां देखने को मिला… जहां एक ओर खालिस्तानी समर्थक लोगों ने भारत के तिरंगे झण्डे को फाड़ कर उसका अपमान किया और सवाल उठाने पर लवीना टण्डन से बदतमीज़ी की वहीं दूसरी ओर मोदी समर्थक लोग भारतीय तिरंगा उठाए देश-प्रेम के नारे लगा रहे थे।

किसी के लिये मोदी हीरो तो किसी के लिये ज़ीरो।

नरेन्द्र मोदी के लाईव साक्षात्कार से पहले संगीत औऱ नृत्य का कार्यक्रम था। श्रोताओं ने इसका आनन्द उठाया। मेरे साथ मेरे मित्र ललित मोहन जोशी, और नरेश कौशिक बैठे थे। कभी हम तीनों बीबीसी लंदन में इकट्ठे काम किया करते थे। हम से कुछ ही सीट दूर विरेन्द्र शर्मा सांसद, सी.बी. पटेल, डॉ. सुकुल, लॉर्ड मेघनाद देसाई भी बैठे थे। भारतीय उच्चायुक्त, उप-उच्चायुक्त एवं विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर भी वहां मौजूद थे।

प्रसून जोशी बदरंग लगे

प्रसून जोशी बदरंग लगे। सवाल आसान थे जिनके जवाब नरेन्द्र मोदी ने बेहतरीन दिये ।

मन में यह टीस रही कि काश नरेन्द्र मोदी से कुछ ऐसे सवाल भी किये जाते जिनके जवाब भारत में बैठे लोग सुनना चाहते हैं। हालांकि बलात्कार के मामले में नरेन्द्र मोदी ने बहुत संवेदनशील ढंग से अपनी बात कही।

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.