लंदन। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर हिंदू धर्म की पवित्र पुस्तक गीता की जयंती मनाई जाती है इस बार यह पावन वर्ष 25 दिसंबर को आया।
गुरूकुल UK के विद्यार्थियों ने इस सुअवसर पर गीता के श्लोकों का वाचन किया। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष माननीय तेजेंद्र शर्मा जी थे जो की गुरुकुल के संरक्षक भी है तथा मुख्य अतिथि श्री नंद कुमार जी तथा श्री राम कुमार जी वैद्य थे । विशिष्ट अतिथि नेहरू सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर श्री बृज कुमार गुहारे जी तथा सारस्वत अतिथि श्रीराम शर्मा थे ।
धन्यवाद ज्ञापन इंदु बारौठ ने किया।
गुरूकुल के संरक्षक तेजेंद्र शर्मा जी ने बताया कि आत्मा एक चोला है जो कि शरीर बदलता रहता है तथा बहुत ही सुंदर सरल और साधारण भाषा में गीता का महत्व समझाया। नंद कुमार जी ने संस्कृत भाषा में गीता की महत्वता हमारे सामने प्रस्तुत की; वहीं श्री राम कुमार जी वैद्य ने बहुत ही सुन्दर ढंग से धर्म का अर्थ बताते हुये श्रेयस और प्रेयस में कौन श्रेष्ठ है समझाया। श्री बृज कुमार गुहारे ने भी हम सभी को गीता जयंती की शुभकामना देते हुए अपने विचार प्रकट किए। हमारे सारस्वत अतिथि श्रीराम शर्मा ने भी विस्तारपूर्वक हमें गीता का महत्व बताया।
एक सुखद अनुभूति का अहसास हो रहा था जब छोटे से छोटे बच्चे और बड़े से बड़े लोग गीता में रुचि दिखाते हुए श्लोकों का वाचन कर रहे थे। ये बच्चे ही भविष्य में हमारी संस्कृति हमारी धरोहर को अपने कन्धों पर ले कर चलेंगे।
गीता जयन्ति का आयोजन लंदन में पढ़कर आनंद अनुभूति हुई
हमारी संस्कृति और सभ्यता अमिट रहे ।
प्रभा मिश्रा