पिछले कुछ सप्ताह से हमारी प्रिय व्यंग्यकार अर्चना चतुर्वेदी कोरोना से जंग लड़ रही थीं। इस कारण आप उनकी चुटकियों का आनन्द नहीं उठा पा रहे थे। अब वे इस जंग में विजयी हो कर लौटी हैं और पूरी शिद्दत से आपके लिये हैण्डसम यमराज से हुई अपनी बातचीत आपके लिये लेकर हाज़िर हैं। पुरवाई परिवार उनका स्वागत करता है और उनकी सेहत के लिये कामना करता है – पुरवाई टीम
आधी रात का वक़्त था हम तेज़ बुख़ार में तप रहे थे… ज़ाहिर है बेचैनी का आलम था। अजवायन और कपूर की पोटली नाक में घुसेड़ कर उल्टे पड़े थे जिससे ऑक्सीजन लेवल कंट्रोल हो ।
अचानक एक रोशनी सी कौंधी, आंखे मसल कर देखने का प्रयास किया तो महंगी सी सॉलिड सी बाइक दिखी जिसकी हैड लाइट से आंखे चौंधिया गईं… थोड़ी और झपकाईं तो देखा बाइक पर एक लंबा चौड़ा, 56 इंच के सीने वाला काले कपड़ों में एक हेंडसम सा पुरुष बैठा था।
इतनी रात को कमरे की बालकनी में बाइक लेकर ये कौन है? सोच कर अपनी उलझे हुए बालों वाली खुपड़िया खुजाई। फिर बुख़ार से खिसके दिमाग पर जोर डाला तो समझ आया कि “अरे ये तो वही है अपना हेंडसम वाला यमराज! लगता है शायद मुझे ही लेने आया है… “अभी सोच ही रहे थे कि वो बोला “तुम्हारा वक़्त पूरा हो चुका है, चलो।
हमने कहा “इतना हैंडसम बन्दा बाइक राइड पर ले जाने को तैयार है तो कौन मना करेगा पर कुछ वक़्त तो दे दो… हम भी ज़रा सज संवर लें… तो तुम्हारे साथ जमें।
हमारी बात सुनकर यमराज ने हम पर रोशनी डाली और हमारा हाल देखते ही थर्रा गया… पूनम के चांद सा बड़ा सा मुंह, बिखरे और उलझे हुए बाल, सूखे पपड़ाए होंठ, काली धंसी आंखे, और भारी भरकम काया पर एक चोंगा नुमा गाउन धारण करे आटे की बोरी से फैले पड़े थे।
हमें देखते ही यमराज के होंठ सूखने लगे… और वह बोला, “हे देवी सज संवर कर शक्ल तो सुधर जायेगी पर तुम्हारी इस सौ मन की काया को मेरी बाइक कैसे संभाल पाएगी? जितनी जगह तुम घेरोगी उतने में तो चार को ले जाऊंगा इस वक़्त टारगेट ज्यादा है तुम अभी आराम करो कुछ बरस और जब बड़ी गाड़ी लाऊंगा तभी लेकर जाऊंगा”
कहकर वो हेंडसम बन्दा अंतर्ध्यान हो गया। और हम पानी पीकर और अजवायन और कपूर की पोटली सूंघते हुए चैन से सो गए और उसी पल मन ही मन ठान लिया मोटापा कभी कम न होने देंगे चाहे कुछ भी हो। जय हो हमारी थुलथुल काया की जिसने हमें वाई.एम.राज के चंगुल से निकाल कर धरती पर कुछ और दिन छोड़ दिया!