मानना पड़ेगा कि यह टीम सही मायने में एक टीम की तरह खेलती है। इस पूरी सीरीज़ में ऐसा नहीं लगा कि केवल दो या तीन खिलाड़ी ही टीम को जिता रहे हैं। ध्यान देने लायक बात यह है कि इस सीरीज़ से पहले पिछले पांच मैच भारत न्यूज़ीलैण्ड से हार गया था।

भारत ने पहली बार 1967-68 में विदेशी धरती पर टेस्ट क्रिकेट में सीरीज़ की जीत की शुरूआत न्युज़ीलैण्ड से ही की थी। उस श्रृंखला के कप्तान थे टाइगर पटौदी। इरापल्ली प्रसन्ना और बिशन सिंह बेदी की घातक स्पिन गेंदबाज़ी ने उस 3-1 की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। 

यह वो काल था जब बापू नादकर्णी, रूसी सूरती, एम.एल. जयसिम्हा, चन्दु बोर्डे, और रमाकान्त देसाई भी टीम का हिस्सा थे और दूसरी तरफ़ अजित वाडेकर और फ़ारुख़ इन्जीनियर भी टीम में अपना स्थान पक्का कर रहे थे। इस सीरीज़ के चार टेस्टों में अजित वाडेकर ने सबसे अधिक 328 रन बनाए थे तो वही रूसी सूरती और फ़ारुख़ इन्जीनियर दोनों ने 321 रन बनाए थे।

चार टेस्टों की इस सीरीज़ में प्रसन्ना ने सबसे अधिक 24 विकेट लिये थे तो वहीं बिशन सिंह बेदी ने 16 और बापू नादकर्णी ने 14 विकट लिए थे। बापू नादकर्णी और बिशन बेदी दोनों बाएं हत्था स्पिनर थे। 

भारत की वर्तमान टीम ने टी-20 सीरीज़ में पांच शून्य से न्यूज़ीलैण्ड को हराकर साबित कर दिया है कि यह टीम विजेताओं की टीम है। इस टीम में आखिरी गेंद तक लड़ने का दम-ख़म है। विराट कोहली की कप्तानी और रवि शास्त्री ने कोच के रूप में इस टीम में विश्व-विजेता बनने का सपना सच करने का विश्वास पैदा कर दिया है। 

हमारी इस टीम में बहुत से मैच-विनर मौजूद हैं। एक दिन रोहित शर्मा का होता है तो एक दिन विराट कोहली का। के.एल. राहुल और श्रेयस अय्यर भी लगातार बेहतरीन खेल दिखा रहे हैं। ज़रूरत पड़ने पर शिवम दुबे भी अर्धशतक लगाने से नहीं चूकते।

बूमराह ने तो साबित कर दिया है कि वह इस समय विश्व के श्रेष्ठतम गेंदबाज़ों में से एक है। वह अपने हावभाव से बल्लेबाज़ को डराने का प्रयास नहीं करता मगर अपनी सटीक गेंदबाज़ी से उसका जीना मुहाल अवश्य कर देता है। एक मैच में तो शार्दुल ठाकुर ने भी मैन-ऑफ-दि-मैच का ख़िताब जीत कर अपने अस्तित्व का औचित्य सिद्ध कर दिया।

मानना पड़ेगा कि यह टीम सही मायने में एक टीम की तरह खेलती है। इस पूरी सीरीज़ में ऐसा नहीं लगा कि केवल दो या तीन खिलाड़ी ही टीम को जिता रहे हैं। ध्यान देने लायक बात यह है कि इस सीरीज़ से पहले पिछले पांच मैच भारत न्यूज़ीलैण्ड से हार गया था। 

इस सीरीज़ में कई नई उपलब्धियां भी रहीः

  1. इस सीरीज़ में भारत ने सातवीं बार टी-20 में 200 से अधिक रन बनाए।
  2. रोहित शर्मा और शिखर धवन ने पहली विकट के लिये 158 रन बनाए जो कि भारत की किसी भी जोड़ी द्वारा किसी भी देश के विरुद्ध किसी भी विकेट के लिये सबसे अधिक रन हैं।
  3. भारत ऐसी पहली टीम बन गयी है जिसने न्यूज़ीलैण्ड को न्यूज़ीलैण्ड में 5-0 से शिकस्त दी है।

इस सीरीज़ की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि रही दो मैचों का सुपर ओवर तक पहुंचना। और भारत का दोनों ही मैचों में जीतना। जीत के बाद विराट कोहली ने कहा भी कि इस सीरीज़ से हमने सीखा है कि मैच अंतिम गेंद तक समाप्त नहीं होता। हमें जीतने का प्रयास नहीं छोड़ना चाहिये। 

सौरभ गांगुली के बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने के बाद विदेशी भूमि पर यह पहली बड़ी जीत है। विराट कोहली और उनकी टीम के साथ साथ सौरभ गांगुली को भी बधाई।

लेखक वरिष्ठ साहित्यकार, कथा यूके के महासचिव और पुरवाई के संपादक हैं. लंदन में रहते हैं.

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