अमृतसर, पंजाब। राष्ट्र भाषा किसी भी राष्ट्र की पहचान होती है भारत की राज भाषा हिंदी आधुनिक युग में बहुत समृद्ध और विकसित हो रही है। तकनीकी के विकास ने इसको वैश्विक क्षितिज भी प्रदान किये है ।हिंदी दिवस पर डी ए वी कॉलेज अमृतसर के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में हिंदी लेखन और काव्योच्चारण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
साइंस कामर्स कम्प्यूटर बायोटेक्नोलॉजी इत्यादि ज्ञानानुशासनों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए लोकोक्ति लेखन, कार्यालयीन पत्र लेखन और हिंदी के प्रमुख साफ्टवेयर और हिंदी के तकनीकी विकास में उनका योगदान विषय पर प्रतियोगिता करवाई गई। इस में मुख्य अतिथि के रूप में कालेज प्राचार्य डॉ राजेश कुमार और विषय विशेषज्ञ व प्रमुख निर्णायकके रूप में डॉ अतुला भास्कर विशेष रूप से शामिल हुए।

डॉ अतुला भास्कर ने बताया कि हिंदी वैश्विक भाषा है। भारतीय प्रतिभा डॉ बालेन्दु दाधीच शर्मा जैसे अनेकों तकनीकी विद्वानों के प्रयासों से हिंदी वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित हो गई है और पूरी दुनिया में हिंदी बोले जाने वाले लोगों की तादाद काफी बढ़ रही है। हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण ही विश्व के बड़े संस्थानों में इसकी पढ़ाई होने लगी है।
हिंदी हमारी राजभाषा है। यह भारत सरकार की घोषित कार्यालयीन कार्यान्वयन की भाषा है। आगामी शैक्षणिक सत्रों में भारत के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों में यांत्रिकी ( इंजिनियरिंग ) , विज्ञान, वाणिज्य की उच्च शिक्षा हिंदी भाषा में दी जाएगी ऐसी योजनाएं कार्यान्वयन में हैं और राज भाषा विभाग इस हेतु परिभाषिक शब्दावली तैयार कर ने पाठ्यक्रम निर्धारित कर रहा है।कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रिंसिपल डॉ राजेश कुमार ने स्टाफ और स्टूडेंट्स को हिंदी को बढ़ावा देने और उसे हर दिन के कामकाज में लाने का आह्वान किया।

डॉ राजेश ने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं है बल्कि यह दिलों को जोड़ने का एक बड़ा माध्यम रहा है। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे संपर्क भाषा ( लिंक लैंग्वेज) कहा था ।हिंदी अपने आप में सबसे समृद्ध भाषा है। उन्होंने कहा कि कालेज का हिंदी विभाग ने केवल अपने विद्यार्थियों को बल्कि कालेज के सभी विद्यार्थियों को हिंदी भाषा से लगातार जोड़ कर रखने का जो प्रयास करता है वह वास्तव में प्रशंसनीय है।
आज नेट पर हिंदी में काम करने वालों की संख्या में आशातीत बढ़ौतरी हो गई है यह तेजी से दुनिया के विभिन्न देशों में प्रसिद्ध भी हो रही है। कॉलेज में भी हिंदी के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए हम सब को प्रयास करना चाहिए।विभागाध्यक्ष मुखी डॉ किरण खन्ना ने बताया कि ‘हिंदी’ जनमानस की भाषा है, इसलिए शुरू से ही इसे वरियता मिली है. यह न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है. सरल, सहज और सुगम होने के कारण यह पूरे देश को एक सूत्र में बांधती है. भूमंडलीकरण और तकनीकीकरण के इस दौर में हिंदी व्यवहार, व्यापार और बाजार की भाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो गई है।

सोशल मीडिया के लिए हिंदी प्रयोगधर्मी भाषा सिद्ध हो गई है। हिंदी के महत्व की अपने देश में पहचान पुख्ता करना आज समय की मांग है।इस कार्यक्रम में मंच संचालन कुणाल और सिमरन ने किया।एम ए समस्तर एक की रीना शर्मा को   *सौंदर्या*, मंजू को  *लावण्या*  और सूरज को *आकर्षक* खिताब से नवाजा गया।   ज्योति, रीतिका, ममता के नृत्य ने सराहना प्राप्त की । मीना दीपिका ,जैस्मीन ,सुमित , सरस्वती वंदना,गणेश आराधना, कविता पाठ, गीत संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किया । इस कार्यक्रम में डॉ डेज़ी शर्मा, डॉ रजनी बाला, स्टाफ सेक्टरी प्रो सुरिंदर कुमार और प्रो परमजीत सिंह रंधावा विशेष प्रो डॉ रजनी बाला ,प्रो संदीप प्रो सीमा,प्रो अनुराधा,प्रो ज्योति प्रो पूनम,प्रो स्मृति अग्रवाल प्रो रितु अरोड़ा इत्यादि रूप से उपस्थित रहे ।

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