होम कविता ज़हीर अली सिद्दीक़ी की कविता – माँ कविता ज़हीर अली सिद्दीक़ी की कविता – माँ द्वारा ज़हीर अली सिद्दीकी - May 29, 2022 29 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet तुझसे मेरा वजूद है तू है धरा मौजूद है। मेरे जिंदगी की गीत है हर गीत की संगीत है।। तू साँस है, तू प्यास है मेरे ज़िंदगी की आस है तू हर क़दम, दिन रात में तू है मेरे जज़्बात में ।। आकार है, विचार है सब जगह साकार है तू रोकती अहंकार से इंसान को व्यभिचार से।। तू दीन है दुनिया भी है माली भी है, मौला भी तू तू ज़िंदगी, तू बन्दगी तू हर खुशी एहसास है।। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं बिमल सहगल की कविता – एक निजी चित्रशाला तोषी अमृता की कविता – केवल तुम मनवीन कौर की कविता – मेरे पापा Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.