होली का त्योहार भारत के जनमानस को ही रंगीला नहीं  बनाता पर, इसकी मस्ती आसपास के देशों को भी अपनी गिरफ्त में ले लेती है। हवा में उड़ता गुलाल, पानी की लहरों में घुली सी भांग की मस्ती, ढ़ोल-मृदंग ,चंग पर बजती थाप के साथ, जोगीड़ा सरर् -सरर् की टेर जड़ को प्राणवान बना देती है तो मानव मन की क्या बिसात की वो इसके जादू से बच जाए ।आज इन्ही पड़ोसियों की ओर भी झांक लेते हैं।
नेपाल.. यहाँ भी होली भारत की तरह ही दो दिन की होती है। होलिकादहन, और दूसरे दिन धूलंडी या धूली वंदन। यहाँ पर होली एकदूसरे पर लोला फैंक कर भी मनाई जाती है। रंगो से भरे पानी के गुब्बारों को लोला कहा जाता है ।नेपाल में एक दूसरे को पानी में डूबाने के लिए बड़े -बड़े पानी के टब भी रखे जाते हैं ।
म्यांमार ..म्यांमार में मेकांग के नाम से पानी का त्योहार मनाया जाता है।इसे यिंग यांग कहते हैं ।म्यांमार के नववर्ष  पर मेकोंग मनाया जाता है। सभी आयु वर्ग के लोग भाग लेते हैं। एकदूसरे पर पानी और रंग की बौछार करते हैं ।यह लोग ऐसा मानते हैं कि पानी डाल कर एकदूसरे का पाप धो ड़ालते हैं।
जापान..यहाँ यह त्योहार अनोखे और अनूठे तरीके से मनाया जाता है।यह उत्सव मार्च-अप्रैल के महिने में मनाया जाता है। इसकी खास वजह यह है कि इन महिनों में चेरी के पेड़ पर फूल आते हैं । लोग परिवार के साथ चेरी के बागों में जाते हैं। एक दूसरे को बधाई देते हैं। पेड़ों से गिरने वाली फूलों की पंखुड़ियों से सबका स्वागत करते हैं । इस अवसर पर विशेष तर का भोजन, नृत्य और गीत भी होता हे ।
मारिशस. यहाँ तो बसंत पंचमी के दिन से शुरू होकर तकरीबन 40 दिनों तक यह त्योहार चलता रहता है । भारत की तरह ही होलिका दहन भी होता है ।
इसी तरह चीन में डाए नाम के समुदाय के लोग नववर्ष पर भारत की तरह होली में एक दूसरे पर पानी डालते हैं । युवा मौज मस्ती और हुड़दंग करते हैं ।
रोम..रोम में मेरोडिका नाम से मई महिने में एक त्योहार मनाया जाता है । इसमें किसी ऊँचे स्थान पर काफी लकड़ियाँ इक्ठी करके जलाई जाती हैं ।इसके बाद लोग नाचते गाते हैं और इटलीवासी एकदुसरे पर खुशबू और रंगबिरंगा पानी फैंकते हैं ।आतिशबाजी भी होती है ।यह त्योहार अन्न की देवी फ्लोरा को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है ।
स्पेन के वैलेशिया शहर में प्रत्येक  साल मार्च को आध वी रात के नाम से एक पर्व मनाया जाता है। जिसमें आतिशबाजी की झांकियां निकलती हैं।इसके अलावा टमाटरों की होली जग प्रसिद्ध है।ला टोमोटीना नामक इस त्योहार का कोई धार्मिक महत्व नहीं है । इसी तरह ग्रीस में  तरबूज के आकार के रसीले टमाटरों का उत्पादन होता है । इन्हें लव एपल भी कहते हैं । रंगबिरंगी चुहलबाजी और शोर शराबे के बीच लव एपल से शानदार होली होती है।
अफ्रीका महाद्वीप के कुछ देशों में ओमेना बोंगा नाम से यह उत्सव मनाया जाता है ।हमारे देश की तरह इस त्योहार में एक जंगली देवता प्रि़ग बोंगा को जलाया जाता है । उसके बाद नाच गाना और पारंपरिक नाटक भी प्रस्तुत किया जाता है ।
पोलैंड में होली की तरह असर्रीना नाम का त्योहार मनाया जाता है । एक दूसरे पर रंग ड़ाल कर नृत्य करते हैं । पुरानी दुश्मनी भूलकर मित्रता करते हैं ।चेकोस्लोवाकिया में भी बलिया कनौसे नाम से एक त्योहार होली की तरह रंग डाल कर मनाते हैं । यूनान .. होली जैसा पोल नाम का उत्सव मनाया जाता है। लकड़ियां इक्ठी करके जलाते हैं और नाचते हैं । यह यूनानी देवता टायनोसियस की पूजा के अवसर पर होता है ।
जर्मनी में रैनलैंड नाम के स्थान पर होली जैसा त्योहार सात दिनों तक मनाया जाता है। इस में अटपटी पोशाकों को पहन कर, सब भेदभाव भुलाकर हर्षोउल्लास से मनाया जाता है।
न्यूजीलैंड के अलग -अलग शहरों में हर साल रंगीला त्योहार मनाया जाता है । इसमें लोग एकदुसरे के शरीर पर पेंटिंग करते हैं ।इस की प्रतियोगिता भी होती है। यह छः दिन तक चलता है ।
कंबोडिया ..यहाँ नववर्ष के उत्सव में चाउन-चानम थेमी लाओस में पियामी के नाम से त्योहार मनाने की परंपरा है जिसमें एक दूसरे पर जल फैंक कर मारा जाता है ।इसी प्रकार थाईलैंड में नववर्ष पर सोंगकरन नामक उत्सव मनाया जाता है। जिसमें सभी लोग तालाब के पास इक्ठ्ठे होते है और पानी फैंक कर या जल में डुबकियाँ लगा कर आनंद मनाते हैं ।
पेरू में इनकान उत्सव पाँच दिनों तक चलता है । इस समय सारा शहर रंगीला हो जाता है । सभी लोग  टोलियाँ बना कर घूमते हैं ,नाचते हैं ।रात को कुजको नाम के एक महल में जाकर शुभकामनाएं देते हैं ।
आस्ट्रेलिया में होली की तरह ही एक रोमांचकारी त्योहार मनाया जाता है।यहाँ रंगों की जगह हर तरफ तरबूज ही तरबूज दिखाई देते हैं।ऐसा लगता है कि तरबूजों की नदी बहने लगी है। इस के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। स्वीडन में होली से मिलता जुलता एक पर्व सेंट जान की पवित्र तिथि के रूप में मनाया जाता है। रंगों के अलावा आतिशबाजी भी होती है ।श्रीलंका ..हमारे पड़ोसी देश में भारत की तरह ही होलिका दहन और रंगों की फुहार से इस उत्सव को मनाया जाता है।
डॉ नीना छिब्बर
17/653
चौपासनी ‌हाऊसिंग ‌बोर्ड
जोधपुर

1 टिप्पणी

  1. आपको पढ़कर दुनिया के कई देशों में भी होली की तरह मिलते-जुलते पर्व व पद्धति के बारे में जानकारी हासिल हुई। यह महत्वपूर्ण जानकारी है।
    इस जानकारी के लिये आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।
    आभार पुरवाई।

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