नरेंद्र कौर छाबड़ा की लघुकथा – रोटी के सपने

सरकारी माध्यमिक स्कूल में खाने की छुट्टी की घंटी बजी ।सभी बच्चों ने अपने अपने टिफिन खोले और खाना खाने बैठ गए। पांचवी क्लास के विद्यार्थी खाना खाते हुए एक दूसरे के साथ बातें भी कर रहे थे । उनमें एक बच्चा बहुत गरीब...

मनवीन कौर पाहवा की लघुकथा – उपहार

शांता बाई मेरे आने से पहले ही ऑफ़िस झाड़ पोंछ कर तैयार रखती है ।सुगंधित ताजे फूलों का गुलदस्ता मेरा स्वागत करता नज़र आता। मेरे आते ही अभिवादन कर अलमारी से फ़ाइल निकाल कर मेज़ पर रख देती ।कोई काम कहो ,”जी मेडम ,”कह...

सतीश कुमार सिंह की लघुकथा – ईगो

अरविंद को बॉस ने इंटरकॉम पर कहा, “जल्दी आइये”। जैसे ही अरविंद चेंबर में घुसा, बॉस ने तेज स्वर में कहा, “आपने कल कोई ईमेल किया था क्या, प्रबंध निदेशक साहब बहुत ज्यादा नाराज हैं, आपका स्थानांतरण आज ही नागालैंड करने के लिए कह...

डॉ ऋतु शर्मा नंनन पांडे की लघुकथाएँ

त्रिशंकु शर्मा जी का लड़का कई साल बाद विदेश से चार हफ़्तों के लिए भारत आ रहा था । घर में बेटियों और उनके बच्चों व अन्य रिश्तेदारों के आने से पूरे घर में चहल- पहल मची हुई थी । वैसे तो शर्मा जी का बेटा...

किरण खन्ना की लघुकथाएँ

1 - जेहाद जेहादी हो कुर्बान होने जा रहे तुम मुहाजिदों को तारीख़ सलाम करेगी। तुम उन फर्जों को अंजाम देने जा रहे हो जिन की बुनियाद पर आज़ाद कश्मीर का सपना सच होगा।।अपने मुकद्दस खून की हरेक बूंद टपका दो, चीर डालो इन काफिरों...

यशोधरा भटनागर की तीन लघुकथाएँ

1 - कम्मो काली घटाओं का घटाटोप, उमड़ते- घुमड़ते बादलों का हृदय-कंपित स्वर । माटी की सौंधी गंध ,बूंदों का संगीत और बूंदों के मृदु प्रहार से नर्तन करते हरित पत्र! ज्येष्ठ जेता गुलमोहर के रक्तिम पुष्पों का जल बूंदों संग झरना! सूखे चरमराते पत्तों...