लता तेजेश्वर ‘रेणुका’ की कविता – समुद्री उफान
उजली किरण और हलका सा अँधियारा
कम्बल में छिप कर देखूँ जहाँ जाए नज़ारा
चिड़ियों की चह-चहाट और सूरज की किरणें
खेलते हुए बच्चे और सागर की...
शैलेन्द्र चौहान का लेख – हिंदी की आलोचना परंपरा
भारतीय साहित्यशास्त्र में साहित्याचार्यों ने साहित्यशास्त्र का अति गंभीर विश्लेषण किया था,परंतु भारतेंदु युग में जिस नवीन आधुनिक चेतना का उदय हुआ वह निश्चित...
संपादकीय – बिगड़ा मुण्डा बिगाड़े रिश्ते
विश्व में भारत की बढ़ती साख और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता शायद अमरीकी प्रशासन को चुभने लगी है। वरना क्या कारण है कि...
रश्मि लहर की कहानी – शिरीष
मेरे कार्यालय में सश्रम कारावास वाले कैदियों की ड्यूटी लगाई जाती थी। मैं विगत कुछ वर्षों से आत्मकेंद्रित रहने लगी थी। बस कार्यालय जाती...
प्रो. पुनीत बिसारिया की लघुकथाएँ
(1) - पेनड्राइव
वह कमाऊ ऑफिस में नया-नया आया था और बात-बात पर सच्चाई, ईमानदारी और...
डॉ. पद्मावती की लघुकथा – रेट
‘हल्की गुनगुनी धूप में चाय की चुस्की... मजा आ गया भाई’ ।
“हाँ जी हाँ ,...
जिज्ञासा सिंह की तीन लघुकथाएँ
1 - जीवन दर्शन
बैसाख की फ़सल घर में सुरक्षित रखने के बाद दूजी मुखिया फिर...
डॉ. पद्मावती की लघुकथाएँ
1 - उड़न खटोला
ईरज हर दिन उससे एक ग़ुब्बारा ख़रीदता था और वह गुब्बारेवाली हर...
जय शेखर की दो लघुकथाएँ
प्रेम
वह आज पूरे 5 दिन कर घर लौटा था । उसे देखते ही परिवार के...
दीपक गिरकर की कलम से – वर्तमान समय की विसंगतियों पर...
समीक्षित कृति : धर्मपाल महेंद्र जैन चयनित व्यंग्य रचनाएँ (व्यंग्य संग्रह) लेखक : धर्मपाल महेन्द्र जैन
प्रकाशक : न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन, सी - 515, बुद्ध नगर,...
डॉ. रमा सिंह की कलम से – नारी मनोविज्ञान को दर्शाती...
पुस्तक - धूप की मछलियाँ (लघुकथा संग्रह) लेखिका - डॉ. अनिता कपूर
समीक्षक
डॉ. रमा सिंह
लघुकथा में कथा है जो कथ्य से संजीवनी पाती है, यह...
शैलेन्द्र चौहान का लेख – हिंदी की आलोचना परंपरा
भारतीय साहित्यशास्त्र में साहित्याचार्यों ने साहित्यशास्त्र का अति गंभीर विश्लेषण किया था,परंतु भारतेंदु युग में जिस नवीन आधुनिक चेतना का उदय हुआ वह निश्चित...