Sunday, October 27, 2024
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साहित्यिक शहर नॉटिंघम में हिन्दी प्रतिष्ठित…

जय वर्मा की कविता नॉटिंघम लायब्रेरी की दीवार पर…

  • एक रिपोर्ट (पुरवाई संवाददाता द्वारा)

यूनेस्को के साहित्यिक शहर नॉटिंघम में ‘फ़ेस्टिवल ऑफ पोइट्री 2024’ का उत्सव 07 जून से 16 जून 2024 के बीच मनाया गया। इस आयोजन की सबसे महत्वपूर्ण ख़बर रही वरिष्ठ साहित्यकार जय वर्मा जी की कविता ‘चिराग़’ का सेन्ट्रल लायब्रेरी की दीवार पर चित्रित किया जाना। यह पल ब्रिटेन में हिन्दी के लिये  ऐतिहासिक पल है। ऐसा पहली बार हुआ है कि हिन्दी की किसी रचना को नॉटिंघम की सेन्ट्रल लायब्रेरी की दीवार पर स्थान मिला है।

जय वर्मा जी की जिस कविता को यह गौरवपूर्ण स्थान मिला है, उसे पुरवाई के पाठकों के साथ साझा करना आवश्यक समझते हैः

कविता – चिराग़ (जय वर्मा)

तेरी रहमत से जी रहे हैं हम

परिधि में रहकर

चिरागों से ज़रा पूछ

अपनी मर्जी से न वे जलते हैं

और न बुझते हैं

उनकी जलती हुई लौ को देख

अपने पास न वे कुछ रखते हैं

लाल अग्नि में जलकर खामोश हो जाते हैं

रोशनी किसको मिली वे नहीं पूछते

अंधेरों में कौन खो गये वे नहीं जानते

उनका काम था राह दिखाना

वे दिखाते रहे

उनकी फ़ितरत थी जलना

वे जलते रहे।

 

इस सप्ताह भर चलने वाले उत्सव के दौरान काव्य रंग (नॉटिंघम) ने सेंट्रल लाइब्रेरी में 13 जून को कवि सम्मेलन का आयोजन किया। काव्य रंग की अध्यक्ष जय वर्मा ने सभी अतिथियों एवं कवियों का स्वागत किया तथा हरमिन्दर नागी ने कवि सम्मेलन का कुशल संचालन किया। इस सम्मेलन में अपनी स्व-रचित कविता सुनाने के लिए सभी अतिथि निमंत्रित थे। ओपन माईक पर लगातार दो घंटे तक कवियों ने कविता पाठ किया। यह बहुभाषीय सम्मेलन हिंदी, उर्दू, पंजाबी तथा अंग्रेजी में सम्पन्न हुआ। नॉटिघम पोइट्री फेस्टिवल के प्रबंघक एवं डायरेक्टर श्री टॉमी फार्मयार्ड ने सबका धन्यवाद किया। साहित्यिक वातावरण में उल्लास एवं खुशी की लहर फैली हुई थी। सभी लोग बहुत खुश थे और अपनी अपनी कविता सुना रहे थे। लगभग 30 लोग  सुनने वाले उपस्थित थे। सभी भाषाओं का मिश्रण संगीतमय था। यह कवि सम्मेलनों का उत्सव  नॉटिंघम शायर में वर्ष में एक बार ही मनाया जाता है। सुनने वाले सभी लोग खुश थे और कविताओं का आनंद उठा रहे थे। सेंट्रल लाइब्रेरी की टीम को धन्यवाद। उन्होंने शानदार कक्ष सम्मेलन के लिए हमे दिया। नॉटिघम का यह एक अविस्मरणीय दिन था।

जय वर्मा जी को इस अवसर पर बधाई संदेशों का जैसे तांता सा लग गया था। हिन्दी अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में बधाई संदेश पहुंचे। उन्हें भारत और अन्य देशों से बहुत से साहित्यकारों ने बधाई संदेश भेजे जिनमें शामिल हैं – हँसा दीप (कनाडा), अनूप भार्गव (अमरीका), शैलजा सक्सेना (कनाडा), निखिल कौशिक (वेल्स), शिव कुमार सिंह (पुर्तगाल), नीलू गुप्ता (अमरीका), सुरेन्द्र गंभीर (अमरीका), शिखा वार्ष्णेय एवं विजय राणा (लंदन)। भारत से प्रेम जनमेजय, दिविक रमेश, बी.एल. गौड़, अंजना संधीर, नूतन पांडेय, मुन्ना लाल गुप्ता, अरविंद चतुर्वेदी, विजय मल्होत्रा, अनविता अब्बी, कुश चतुर्वेदी, अनिता कपूर, शशिकला त्रिपाठी आदि से भी शुभकामना संदेश प्राप्त हुए।

Such a great achievement Jai, Keep up with your amazing work, Regards –

यह बहुत बड़ी बात है, ऐसा सम्मान तो टैगोर को भी नहीं मिला। नॉटिंघम की जनता को शत शत सलाम मेरी सहेली की कविता को सर आंखों पर बैठाने के लिए। माही भाई होते तो कितना खुश होते। बहुत बहुत बधाई।

नॉटिंघम की सेंट्रल लाइब्रेरी की दीवार पर जय जी की हिंदी कविता ‘चिराग’ को स्थान मिलने से वह इस साहित्यिक नगरी के इतिहास में स्थायी रूप से अंकित हो गई है.

शत-शत बधाई !!

आप को बहुत बहुत बधाई। इससे केवल आप को ही नहीं, आप से जुड़े हर सदस्य को गौरवान्वित महसूस होगा।

We’re proud of your recognition by the city council- well deserved

बहुत सुन्दर, आपको ढेर सारी शुभकामनाएं।

आप जैसी लोगों की हमारे देश को बहुत आवश्यक्ता है जो विदेश में रह कर भी हमारे देश का नाम रौशन कर रहे हैं और हमारी हिन्दी भाषा को अभी भी सबके बीच में रखे हुए हैं।

ईश्वर आपको दीर्घायु करें और आप हमेशा स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें और ऐसे ही प्रगति पथ पर अग्रसर रहें।

You have brought Nottingham proud aunty ji so thank you

Many congratulations Mausi ji…! Always been proud of your positive energy and accomplishments. Thank you for sharing

आदरणीय बहन जी को शत शत प्रणाम, बधाई, शुभ कामनाl अभिनंदन आप पर  हमें गर्व है l

हॉलैण्ड की लोकप्रिय साहित्यकार पुष्पिता अवस्थी ने तो अपने मन की भावनाओं को कविता में पिरो कर भेजा…

मेरी  प्रिय 

हर्षित  चित्त  की 

असीम  बधाईयाँ 

आपकी 

कविता  की देवनागरी  लिपि  में 

हम  सब  का  अस्तित्व 

चिन्हित   

ईश्वरी  शक्तियां 

आपकी  शक्ति  बने 

इसी  प्रार्थना  के  साथ 

आपकी  अपनी 

पुरवाई पत्रिका के लिये ये गर्व के पल हैं क्योंकि ज़य वर्मा जी पुरवाई पत्रिका के संपादन मंडल एवं परामर्श मंडल की सदस्य भी हैं। उन्हें हम सबकी ओर सी बधाई।

 

 

 

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2 टिप्पणी

    • शत- शत प्रणाम
      हार्दिक बधाइयां व शुभकामनाएं
      अभिनंदन आप पर पूरे हिंदुस्तान को गर्व है।

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