किया सालों साल शासन इस धरा पर
आज इसी धर में समा जाओगी ।
इस युग की महान शक्ति बनी ,
किये अनगिनत त्याग तुमने,
इस देश को समृद्ध बनाने हित
हर स्थिति में ठोस चट्टान सा पाया तुमको।
छिपा रखा था जो कोमल सा मन , आज उसे संग ले जाओगी।
मिसाल हो  तुम सबके लिए ,
देखा तुमने अपनी पाँच पीढ़ियों को ।
हर व्यक्ति के मस्तिष्क पर छोड़ एक अमिट छाप,
आज इतिहास के पन्नों पर सोने सी चमक छोड़ जाओगी।
बांध पाना शब्दों में कहाँ सम्भव है , तुम्हें
सूर्य  की किरण हो
जो सदा सबके चेहरों पर नजर आ जाओगी।
दे रहे हैं अश्रुधारा से श्रद्धांजलि तुमको।
हमारे दिल के सिंहासन पर तुम सदा खुद को ही पाओगी।
किया बरसों शासन इस धारा पर
आज इसी धारा में तुम समा जाओगी।

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