तीन कविता संग्रह, दो कहानी संग्रह, दो बाल साहित्य, दो आलोचना संग्रह, 40 से अधिक पुस्तक अनुवाद, धारावाहिक ध्वनि रूपक एवं नाटक, रंगमंच नाटक लेखन, 20 से अधिक चुनिंदा पुस्तकों में संकलित रचनाएँ, बतौर रेडियो नाटक कलाकार कई नाटकों में भूमिका. विभिन्न उच्चस्तरीय पत्रिकाओं में सतत लेखन. सत्यवती कॉलेज,दिल्ली में अध्यापन. सम्पर्क - dr.artismit@gmail.com
बेहद मार्मिक समाज की संकीर्णता का चित्रण करती कहानी। जब पठनीयता बनी रहे तो कहानी स्वयं ही अपनी अच्छाई बताती है। बहुत सुंदर। हार्दिक बधाई
धन्यवाद सुदर्शन जी।
स्त्री के संत्रास को व्यक्त करती बहुत ही भावप्रवण कहानी। यह विडम्बना ही है कि केवल स्त्री पर ही उँगली उठाई जाती है, सारी बंदिशें केवल स्त्रियों के लिए हैं।
[…] कहानी ‘आख़िरी पन्ना’ ई पत्रिका ‘पुरवाई’ के इस लिंक पर जाकर पूरा पढ़ सकते हैं| https://www.thepurvai.com/story-by-dr-arti-smit/ […]