डॉ पद्मावतीसहायक आचार्य, हिंदी विभाग, आसन मेमोरियल कॉलेज, जलदम पेट , चेन्नई, 600100 . तमिलनाडु. विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र -पत्रिकाओं में शोध आलेखों का प्रकाशन, जन कृति, अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका साहित्य कुंज जैसी सुप्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिकाओं में नियमित लेखन कार्य , कहानी , स्मृति लेख , साहित्यिक आलेख ,पुस्तक समीक्षा ,सिनेमा और साहित्य समीक्षा इत्यादि का प्रकाशन. राष्ट्रीय स्तर पर सी डेक पुने द्वारा आयोजित भाषाई अनुवाद प्रतियोगिता में पुरस्कृत. संपर्क - padma.pandyaram@ gmail.com
अच्छी समीक्षा की है आपने पद्मावती जी कहानी संग्रह की!
जिस तरह से आज रिश्तों में मर्यादाएँ टूट रही हैं ।संवेदनाएँ खत्म हो रही हैं।कहानियों में उसे स्पष्ट रूप से उजागर किया गया है।
माँ को अगर यह कहकर भी बुला लिया जाए कि बच्चे को संभालना है तो भी खुशी-खुशी आ जाती।
दादा दादी की जान पोते पोती में अटकी ही रहती है, पर आया के रूप में बुलाना कितना दुखद है।
एक बेहतरीन समीक्षा के लिए आपको बधाई।