अच्छे दोहे हैं लक्ष्मी जी आपके लेकिन फिर भी पहले दोहे में चाटुता शब्द खटक रहा है।
दूसरे दोहे के तीसरे पद में दो मात्राएँ कम हैं अत: इसमें मात्रा दोष आ रहा है ।अगर आप ‘वे’ शब्द जोड़ दें-” वे स्वयं” तो यह दोष खत्म हो जाएगा।
सादर प्रणाम नीलिमा जी! चाटुता शब्द बहुत सोच-विचार कर प्रयोग किया है दोहे में। मात्रा दोष नहीं है। दोहे एकदम सही हैं। एक अनुरोध है..मेरा नाम कृपया शुद्ध लिखें।
अच्छे दोहे हैं लक्ष्मी जी आपके लेकिन फिर भी पहले दोहे में चाटुता शब्द खटक रहा है।
दूसरे दोहे के तीसरे पद में दो मात्राएँ कम हैं अत: इसमें मात्रा दोष आ रहा है ।अगर आप ‘वे’ शब्द जोड़ दें-” वे स्वयं” तो यह दोष खत्म हो जाएगा।
सादर प्रणाम नीलिमा जी! चाटुता शब्द बहुत सोच-विचार कर प्रयोग किया है दोहे में। मात्रा दोष नहीं है। दोहे एकदम सही हैं। एक अनुरोध है..मेरा नाम कृपया शुद्ध लिखें।