लंदन 4 नवंबर। दीपावली एक ऐसा उत्सव जो हमारे अंदर ख़ुशियों का उद्घोष करता है, एक ऐसा त्योहार जिसे पूरी तरह से लोग अपने परिवार एवं मित्रगणों के साथ मनाना पसंद करते हैं। ब्रिटेन में भी आजकल दीपावली की धूम है। जगह-जगह रंगारंग कार्यक्रम किए जा रहे हैं, जिसमें लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।
ऐसा ही एक भव्य कार्यक्रम प्रसिद्ध संस्था “मंगलम” द्वारा लंदन में आयोजित किया गया। यह महज़ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि संपूर्ण दिवाली मेला था। कार्यक्रम पिछले कई सालों से Houslow स्थित Tudor Park Sports Center आयोजित किया जा रहा है। लगभग हज़ार लोग इस कार्यक्रम में एकत्र हुए और उनमें भी अधिकांश अपने पूरे परिवार के साथ। कार्यक्रम में इलाक़े के कई जाने माने प्रतिष्ठित व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
इस दीपोत्सव में बच्चों से लेकर बड़े तक सभी ने ख़ूब रंग जमाया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही की इसमें बच्चों द्वारा बहुत ही सुंदर राम लीला का मंचन भी किया गया। आयोजक मंडल के मुख्य सदस्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम की देख-रेख कर रहे श्री राजीव अचारी जी ने बताया कि बच्चों के परिधान, उनका अभिनय, उनकी डायलॉग डेलिवरी सभी ने एक साथ मिलकर पूरे आयोजन को राममय बना दिया।
इसके अलावा ISKON भजन मंडली ने मंच पर “हरे रामा हरे कृष्णा, कृष्णा हरे हरे” की धुन से सैकड़ों लोगो की भीड़ को नाचने-गाने को विवश हो गई।
पूरे कार्यक्रम में भारत और भारतीय संस्कृति की छटा देखते ही बनती थी – कही किसी स्टॉल पर भगवद् गीता की पुस्तकें तो कहीं राम चरित मानस की प्रतियाँ लोगों को उपलब्ध थी, किसी स्टॉल पर घरों को सजाने के लिए झालर, तरह-तरह के दीपक, किसी पर सुंदर मूर्तियाँ, भारतीय ड्रेसेज़, तो कहीं पूजा-पाठ का अन्य सामान।
दिवाली मेला हो और भारतीय भोजन ना हो – ऐसा हो नहीं सकता। लगभग पंद्रह-बीस स्टॉल केवल अलग-अलग Indian food के थे जिसमें नार्थ Indian से लेकर साउथ Indian – छोले-कूलचे से लेकर डोसा, तो कहीं टिक्की-चाट आदि आदि। क्यूँ, लार टपकी ना! और हाँ मसाला चाय तो भी।
लोग जब सांस्कृतिक कार्यक्रम आनंद भी उठा चुके और भोजन का भी तब बाद में आयोजकों ने एक और धमाल प्लान कर रखा था – वह था दिवाली की आतिशबाजी। एक लंबे अंतराल तक पूरे लंदन का आकाश प्रकाश के सुंदरतम रूपों से भरा रहा।
कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक और “मंगलम” संस्था के संस्थापक श्री राज तिवारी जी ने बताया की संस्था हमेशा सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में पूरे साल ऐसे कई भव्य आयोजन करती रहती है।
दीपोत्सव का इतना बड़ा और भव्य आयोजन प्रवासी भारतीयों में अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता और अपने संस्कार के प्रति संकल्प को बार बार दोहराता है।