पुस्तकालय अर्थात लाइब्रेरी यह शब्द अत्यंत सामान्य सा है। इसके अर्थ को समझाने की आवश्यकता नहीं है। आज के इस अत्याधुनिक टेक्नोलाजी से भरपूर युग में व्यक्ति लाइब्रेरी तक जाए वहाँ सूची में पुस्तक ढूँढे फिर रजिस्टर में तमाम औपचारिकता पूर्ण करे तब उसे वह पुस्तक प्राप्त हो। फिर वह चाहे तो उसे घर ले जाए या फिर वहीं बैठकर पढ़े। जब दूसरी पुस्तक की आवश्यकता हो तो उसे वही प्रक्रिया फिर दोहरानी होगी।मतलब की पुस्तकालय चलकर आपके पास नहीं आएगा, आपको चलकर पुस्तकालय के पास जाना पड़ेगा और तमाम औपचारिकता पूर्ण करने के बाद ही पुस्तक प्राप्त हो सकेगी। किन्तु अब नई तकनीक की मदद से ये सबकुछ बिलकुल सरल और सुलभ हो गया है।
एक ऐसी लाइब्रेरी, एक ऐसे पुस्तकालय का निर्माण हुआ है जो चलकर आपके पास तक आए। और आप इस पूरे पुस्तकालय को जहाँ चाहे वहाँ, जब चाहें तब अपने साथ ले जा सकते हैं। एक नहीं कई पुस्तकें हमेशा आपके हाथ में, आपकी जेब में रहेंगी। आप जिस समय चाहें इसका सदुपयोग कर सकते हैं।
और सिर्फ इतना ही नहीं। यह पुस्तकालय मात्र पुस्तकों तक ही सीमित नहीं है। अत्यंत आधुनिक टेक्नालॉजी के सहारे इसमें साहित्यकारों की पुस्तकों के साथ-साथ उनकी फोटो भी सम्मिलित है। वर्षानुक्रम में उनकी तस्वीरें उपलब्ध हैं। सन् 2016 में कहाँ-कहाँ कार्यक्रम किये, कहाँ सम्मान प्राप्त हुआ वो तस्वीरें। 2017, 2018, 2019 आदि। और आगे बढ़कर साहित्यकार का यदि कोई वीडियो उपलब्ध हो सका है तो वे तमाम विडियो वर्षानुक्रम में स्थान के उल्लेख के साथ इस पुस्तकालय में उपलब्ध हैं। साथ ही यदि कोई ऑडियो प्राप्त हो सका है तो वह भी उपलब्ध कराया गया है। अर्थात इस पुस्तकालय में साहित्यकार की पुस्तकें, फोटो, विडियो और ऑडियो सभी उपलब्ध हैं। आप पुस्तक पढ़ना चाहें तो पढें पढते पढते थक गये हैं उनका विडियो सुनना चाहें तो सुनिए। ऑडियो सुनिए, फोटो देखिए।
वह साहित्यकार जो इस लाइब्रेरी से जुड़ा है उसकी जो भी सामग्री प्राप्त हो सकी है वह सब यहाँ उपलब्ध है। साहित्य मर्मज्ञों के लिए, साहित्य रसिकों के लिए, शोधकर्ताओं के लिए, शिक्षकों, अध्यापकों, विद्यार्थियों के लिए यह पुस्तकालय अत्यंत उपयोगी है। भारत में और भारत सहित विश्व के लगभग तीस से अधिक देशों में इसका सदुपयोग हो रहा है।
‘धरासे गगन तक-2’यह पुस्तक भी इसमें सम्मिलित है। भारत सहित विश्व के इक्कीस देशों के हिन्दी रचनाकारों का यह अनूठा, अद्भुत और अद्वितीय संकलन है। वैश्विक साहित्य जगत में इस पुस्तकालय का अधिक से अधिक लाभ सभी को प्राप्त हो यही मनोकामना है।