होम कविता डॉ कनक लता तिवारी की कविता कविता डॉ कनक लता तिवारी की कविता द्वारा डॉ कनक लता तिवारी - March 13, 2022 80 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet जिंदगी एक कहानी है कहानी ही सही I यूँ ही कहते हुए सुनते यूँ गुजर जाएगी II मेरे मेहबूब मेरा प्यार रूहानी ही सही I सिर्फ यादों में न गुजरेगी तड़प जाएगी II तू मुझे याद् करे या न करे ऐ हमदम I मेरे हर लफ़्ज में बस तेरी याद आयेगी II मेरे जज़्बात जो बिखरे हैं इन फ़िज़ाओं में I तुझ तक एक दिन मेरी आवाज़ पहुँच जायेगी II आसमां पर चमकते हुए इस चाँद से पूछोI चांदनी भी तेरे सदके पे बहक जायेगी II तेरी चाहत तेरी उल्फत तेरी रुसवाई भीI मेरे महबूब मुझे रातों को रुलायेगी II पूछते हैं मेरे अल्फ़ाज़ तड़प कर तुझसेI क्या “कनक “तेरी मोहब्बत न पनप पायेगी II संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं बिमल सहगल की कविता – एक निजी चित्रशाला तोषी अमृता की कविता – केवल तुम मनवीन कौर की कविता – मेरे पापा Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.