मंगलवार 3 अक्तूबर 2023 को भारतीय विद्या भवन द्वारा नेहरू सेंटर के सान्निध्य में काव्य माला कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी कविताओं का सम्मिश्रण सुनने को मिला ।
कार्यक्रम का आयोजन भारतीय विद्या भवन के छात्रों द्वारा एक सुंदर और मधुर भजन से हुआ ।
कार्यक्रम के मेज़बान एवं नेहरू सेंटर के निदेशक अमीश त्रिपाठी ने मेहमानों और कवियों का स्वागत करते हुए कहा कि “अंग्रेज़ी हमारे पेट की भाषा है लेकिन हिन्दी हमारे हृदय की भाषा है” इसलिये हमें हिन्दी भाषा को सदैव अपने अंदर सजो कर रखना है चाहे आप कितनी भी भाषाएं जानते हों । अमीश जी ने भारतीय विद्या भवन के अध्यक्ष श्री नंद कुमार जी का भेंट देकर सम्मान किया।
शाम के अन्य अतिथि थे भारतीय विद्या भवन के चेयरमैन श्री सुभानु सक्सेना। वे लगभग चालीस वर्षों से भवन से जुड़े हुए हैं । आप न्यू रहे्न फ़ाउंडेशन के प्रेसिडेंट हैं, इम्पीरियल कॉलेज की गवर्निगं काउंसिल मेम्बर हैं। उन्हें छः सात भाषाओं का ज्ञान भी हैं, मुझे उनके बारे में जानकर ये पूछने की जिज्ञासा अवश्य हुई कि इतना सब कुछ वो कैसे कर लेते हैं।
सुभानु जी ने भारतीय कविता, शायरी, कवि सम्मेलनों एवं मुशायरों का इतिहास बताते हुए महान कवियों की पंक्तियां उद्धत कीं।
कार्यक्रम का संचालन ब्रिटेन के साहित्य जगत के स्वर्णिम हस्ताक्षर या कहें कि यहाँ के उभरते कवियों के साहित्यिक गुरु तेजेन्द्र शर्मा जी ने किया।
इस शाम के कविगण- इंदु बारौठ, अज़ीम शेखर (पंजाबी), आशुतोष कुमार, ज्ञान शर्मा, फ़ईम अख़्तर (उर्दू),एवं आशीष मिश्रा थे। जिन्होंने कविता गज़ल और शायरी का ऐसा समा बांधा कि पूरे हॉल में तालियों की आवाज़ लगातार सुनाई देती री।
कार्यक्रम के अंत में तेजेन्द्र जी ने अपनी ग़ज़ल सुनाकर, अंग्रेज़ी की कहावत ‘चैरी ऑन दि केक’ को पूरा कर दिखाया। उनकी ग़ज़ल के हर शेर पर श्रोताओं ने दाद दी।
कार्यक्रम का समापन भारतीय विद्या भवन की छात्रा राखी द्वारा बेहद खूबसूरत अदायगी के साथ मिर्ज़ा ग़ालिब की एक गज़ल गाकर हुआ ।
अंत में नंद कुमार जी ने धन्यवाद ज्ञापन कर सभी को इस संध्या को सफल और यादगार बनाने के लिये आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में अन्य गण्य मान्य अतिथियों के अतिरिक्त श्रीमती उषा राजे सक्सेना, श्रीमती इंदिरा आनंद, श्रीमती इला कुमार, ऋचा जैन जिंदल, इंदर स्याल एवं रश्मि मिश्रा भी उपस्थित थीं।