Friday, May 17, 2024
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वन्दना यादव का स्तंभ ‘मन के दस्तावेज़’ – जो भी है, बस यही पल है…!

हर दिन के समान हम प्रतिदिन की दिनचर्या को जी रहे होते हैं, उसी में कुछ अलग घटित हो जाता है। यह अलग-सा होना, कुछ अजब सा महसूस करवा देता है। हुआ कुछ यूँ कि हर दिन व्हाट्सएप पर मुझे भी आप सब की तरह अनगिनत संदेश आते हैं। इसी में कल एक नया संदेश और जुड़ गया जब एक पुराने मित्र को मेरी याद आई। 
बात दरअसल उन दिनों की है जब हम पंजाब के पठानकोट शहर में रह रहे थे। हम दोनों परिवारों के बीच गहरी दोस्ती थी जो आज तक कायम है। साथ समय बिताने का आलम यह था, कि हमारी अधिकतर शामें एक साथ गुजरती थीं। जहाँ भी घूमने जाना हो, दोनों परिवार एकसाथ जाते थे। उस समय की बातें और चुटकुले, हमारे बीच आज भी बचे हुए हैं। गाहे-बगाहे हम उन्हें याद भी कर लेते हैं। यह ऐसा ही एक लम्हा था जो सुबह-सुबह व्हाट्सएप के जरिए हम तक पहुँचा था। 
इस संदेश में मेरे मित्र ने एक वृद्ध जोड़े की तस्वीर भेजी थी। उम्रदराज यह जोड़ा इटली के वेनिस शहर में बोटिंग का आनंद लेने के लिए निकला था। उम्र की लंबी पारी खेल चुके दोनों के शरीर, घुमक्कड़ी के बोझ से थक कर बोट (नाव) पर ही लुढ़क गए थे। गहरी नींद में सोए इस जोड़े की तस्वीर किसी ऐसे व्यक्ति ने खींची थी जो नाव से बाहर किसी ऊँचे स्थान पर था। तस्वीर में वृद्ध जोड़े को सोया देखकर नाविक मुस्कुरा रहा है। 
संदेश का मकसद इतना ही था कि अपनी इच्छाओं को कल के लिए मत टालो। ना जाने कल किस हाल में आए। आए तो कहीं आपने शरीर में उसके लिए उर्जा बची हो या ना हो। ऐसा भी हो सकता है कि आज जिस काम को करना आपको रोमांचित कर रहा है, बाद के समय में शायद वह उतना रोमांचक ना लगे। इसीलिए जो आज है, वही सब कुछ है, वही जीवन है! जितना आज हँसना चाहते हैं, घूमना चाहते हैं, लोगों से मिलना चाहते हैं, – मिल लें, घूम लें, हँस लें। क्योंकि कल की किसको ख़बर! यक़ीन मानिए कि जो आज है, वही जीवन है। इसे आप जितना ख़र्च करेंगे, भविष्य में और अमीर होते जाएंगे। यह सोच कर बचाएंगे कि जीवन को कल ख़र्च करना है, तब घाटे में रहेंगे। जिसने जीवन को जिंदादिली के साथ जीया, वही जीवन के असली मर्म को समझा। जिसने ज़रूरत से ज्यादा सम्हाल कर ख़र्च किया, उसकी पूंजी कभी ना ख़र्च की जाने वाली मानसिकता की बली चढ़ गई। 
सार यह है कि जीवन आज में है, अभी में है। इसे भरपूर जीएं। सपनों को हासिल करना है तो मेहनत अभी कर लें। किसी से कुछ कहने-सुनने का मन है तो अभी कर लें क्योंकि यह पल जीवन का बेहतरीन लम्हा है। इस क्षण पर अपना नाम लिख दें। समय हर पल बीत रहा है। इसीलिए एक भी क्षण व्यर्थ ना गंवाएं। इन पलों को इतना खूबसूरत बना लें कि जीवन भर इन पर रश्क कर सकें। ऐसा आप अपने हर पल, हर क्षण के साथ करें… करते चले जाएं। यही जीवन है।
वन्दना यादव
वन्दना यादव
चर्चित लेखिका. संपर्क - yvandana184@gmail.com
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