SOAS एवं वातायन द्वारा श्याम मनोहर पाण्डेय के चन्दायन का लोकार्पण

  • दिव्या माथुर

कल यानि 12 अक्टूबर 2018 की शाम स्कूल ऑफ़ ओरियेन्टल एवं अफ़्रीकन स्ट्डीज़ में श्याम मनोहर पाण्डेय द्वारा संपादित मुल्ला दाऊद के प्रेमाख्यान चन्दायन के लोकार्पण का कार्यक्रम आयोजित किया। मुख्य अतिथि थे सांसद विरेन्द्र शर्मा एवं अध्यक्षता का भार संभाला कैलाश बुधवार ने। लोकार्पण विरेन्द्र शर्मा जी ने किया।

फ़्रेंचेस्का ऑर्सिनी ने चन्दायन के चित्रों एवं लिपि पर व्याख्यान देते हुए श्रोताओं का चंदायन से परिचय करवाया। संचालक थे वेल्स के निखिल कौशिक। श्याम मनोहर पाण्डेय जी ने चन्दायन का पूरा इतिहास बताते हुए अवधी के इस पहले प्रेमाख्यान का विस्तृत विवरण दिया। वायु नायडु ने चंदायन का अंशपाठ किया।

ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय के इम्रै बंघा ने विस्तार से समझाया कि चौदहवीं शताब्दी में मुल्ला दाऊद  द्वारा रचित सूफी काव्य परंपरा की पहली रचना ‘चन्दायन’ में लोरिक और चंदा की प्रेमकथा को मसनबी शैली में प्रस्तुत किया गया है। चंदायन की भाषा में अवधी, भोजपुरी, ब्रज तथा खड़ीबोली का अद्भुत मिश्रण हुआ है –

जेहि हिय चोट लागि सो जानी
कइ लोरिक कइ चंदा रानी
सुखी न जान दुख काहू केरा
जानइ सोइ परइ जेहि बेरा

इम्रै ने आगे बताया  कि श्याम मनोहर पाण्डेय जी द्वारा संपादित चंदायन ऐसा पांचवा प्रयास है। इससे पहले चार बार इसे प्रकाशित किया जा चुका है।

डॉ. पद्मेश गुप्त ने धन्यवाद ज्ञापन भी कविता के माध्यम से दिया। कार्यक्रम में अन्य लोगों के अतिरिक्त काउंसलर ज़किया ज़ुबैरी, उषा राजे सक्सेना, के.बी.एल. सक्सेना, अरुण सभरवाल, इन्दर स्याल, सरोज श्रीवास्तव, शन्नो अग्रवाल, इन्दु बैरॉट, बृज गोयल, उषा गोयल, डॉ. नीलंजना किशोर, एकता गुप्ता, मंजु माथुर, पाण्डेय जी के परिवार के सदस्य एवं मीरा कौशिक ओ.बी.ई.

2 टिप्पणी

  1. यह पुस्तक चंदायन मुझे कहां से प्राप्त हो सकती है और इसका मूल्य क्या रखा गया है कृपया स्पष्ट रूप से बताएं

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