दिनांक 08 सितंबर 2019 को ‘स्पंदन’ संस्थान, जयपुर के तत्वाधान से रजनी मोरवाल के सामयिक प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित कहानी-संग्रह “नमकसार” का लोकार्पण एवं कृति-चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें प्रख्यात उपन्यासकर चित्रा मुद्गल ने लोकार्पण करते हुए कहा कि रजनी मोरवाल की कहानियों में भाषा बहती है और फ़ार्मूला स्त्री-विमर्श को तोड़ती हुई कहानियाँ हैं जो सोचने को मजबूर करती हैं ।

श्रीमती नीलिमा टिक्कू, संस्थापक एवं अध्यक्ष, स्पंदन संस्थान ने सभी का स्वागत किया । कृति की समीक्षा प्रसिद्ध कथाकार चरणसिंह ‘पथिक’ तथा साहित्यकार व पत्रकार उमा जी द्वारा की गई । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार नंद भारद्वाज ने संग्रह को ‘स्त्री-विमर्श की गहरी पड़ताल करती कहानियाँ बताया ।

विशिष्ट अतिथि एवं आलोचक डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने कहा कि रजनी मोरवाल की कहानियों में एक परिवेश शामिल होता है जो पाठकों के समक्ष चित्रण प्रस्तुत करता है जो कहानियों को अपने आप पढ़ाते चले जाते हैं । फ़ारूख अफरीदी, ईश मधु तलवार, गोविंद माथुर, पवन सुराणा, बनज कुमार ‘बनज’ आदि गणमान्य साहित्यकारों ने कार्यक्रम में शिरकत की । मंच संचालन सुपरिचित साहित्यकार प्रेमचंद गांधी ने किया और महेश भारद्वाज, प्रकाशक, सामयिक प्रकाशन, दिल्ली ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।

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