लैप्टॉप की स्क्रीन देखते ही एक अजीब सी घबराहट के साथ मुझ पर बेहोशी सी छा गयी।
“फ़ेल ! कैसे ? इतनी मेहनत के बावजूद ? अब क्या होगा ? कैसे आगे बढ़ेगा ? और सोसायटी में मेरी इज़्ज़त?” एक साथ कई सवाल मेरे दिमाग़ में घूम रहें थे।
“(A+B)^2 = A^2+B^2+2AB.” मेरे फ़ॉर्म्युला पूछते ही उसने एक रोबोट की तरह एक सेकंड में ही रिप्लाई कर दिया ।
“ओके ! टेल मी नेक्स्ट वन … ( A^2-B^2 )= ?” मैं उस पर तीर की तरह बाण चला रहा था ।
“……..उम्मम्म !!” अबकि बार वह सोच में डूब गया।
“इतना टाइम लोगे तो कैसे टाइम से पूरा क्वेस्चन पेपर सॉल्व कर पाओगे?” मैं बहुत तेज़ झुँझला गया था उस पर।
“डैड … मैं ….!!” वह सकपकाया हुआ था।
“बेचारे को थोड़ा रिलैक्स करने दीजिए और आप भी टेन्शन मत लीजिए । वह कर लेगा। उसे सब आता है । बिना वजह इग्ज़ाम के पहले दिन स्ट्रेस मत दीजिए।” माँ का प्रेम बोल रहा था।
“तुम चुप रहो। ये सब तुम्हारे लाड़ का नतीजा है ।”मैं फ़ुल वॉल्यूम में था।
“अब सारे फ़ोरमूले फिर से याद करके मुझे सुनाओ ..अभी के अभी विध नो इक्स्क्यूज़ ! समझे!” मैं शेर की तरह उस पर दहाड़ा।
“डैड , डैड … आप ठीक हैं ना ?” उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा ।मैंने महसूस किया कि अभी मैं हॉस्पिटल के बेड पर था।
“डैड , न्यूज़ में डिक्लेर हुआ है कि कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम से साइट पर ग़लत रिज़ल्ट अपलोड हो गया था ।”
“आई डिड ईंट डैड ! मैथ्स में 100/100 मार्क्स के साथ मैंने 99.6% अचीव किया है ।” वह उत्साह में बोले जा रहा था और मैं उसके चेहरे में अपना फ़्यूचर देख रहा था ।
“टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते ग़लत अपलोड हुए रिज़ल्ट से कई बच्चों ने की सूयसायड !” सामने चल रहे टीवी पर आती ब्रेकिंग न्यूज़ मेरे कलेजे को चीर रही थी।
“आय ऐम सॉरी बेटा ! मैं डर गया था बेटा!” मैंने उसके माथे को चूम लिया।सामने खड़ी पत्नी संतोष के साथ मुस्करा रही थी। उसका आत्मविश्वास मेरे कमज़ोर पड़े विश्वास को सहारा दे रहा था।
“आय विल नेवर लेट यू डाउन डैड। आय प्रॉमिस यू डैड।”उसने मुझसे गले लगते हुए कहा ।
“ऑल्वेज़ प्राउड अव यू माय सन!” उसके चेहरे पर अब फ़ुल कॉन्फ़िडेन्स था और मेरे मन में शांति।