क्रिकेट तो इस धरा पर सदियों से खेला जा रहा है और शायद आगे भी खेला जाता रहेगा लेकिन कुछ  क्रिकेटर अपने कौशल और जीवटता  के कारण इस खेल की किसी एक विधा के पर्याय बनकर अमर हो जाते हैं।
आधुनिक काल के क्रिकेटरों में जैसे सचिन तेंदुलकर बैटिंग के पर्याय हैं, जैसे  शोएब अख्तर और ब्रेट ली तेज गेंदबाजी के प्रतीक हैं, जैसे मैकग्राथ,  कपिल देव मध्यम तेज गेंदबाजी के पर्याय हैं, जैसे जोंटी रोड्स और सर जडेजा फील्डिंग के पर्याय हैं , जैसे मुरलीधरन ऑफ स्पिन के पर्याय हैं,  उसी तरह शेन वार्न पूरे विश्व मे लेग  स्पिनर के पर्याय बन चुके थे।
विश्व के सभी गेंदबाजों में सबसे छोटा रन -अप शायद शेन वार्न का ही था। लेकिन उनकी गेंदों की धार सबसे तेज और करारी थी।  ढाई स्टेप का डायगोनल रन अप लेकर वह विकेट पर नहीं बल्कि बल्लेबाजों के दिमाग पर गेंद डाला करते थे। शेन वार्न  किसी भी बल्लेबाज के चारों ओर एक मायाजाल सा बुन दिया करते थे।
एशेज सीरीज के दौरान  लेग स्टंप के बाहर टप्पा खाकर इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गेटिंग  का ऑफ स्टंप ले उड़ी “बॉल ऑफ द सेंचुरी”
 इसी स्पिन के जादूगर की जादूगरी  थी। इंग्लैंड , न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों  के दिग्गज बल्लेबाज उनकी स्पिन गेंदबाजी से खौफ खाते थे।  वह गेंदबाजी करते समय  किसी अति मानवीय किरदार जैसे लगते थे। कहते हैं कि वह छह की छह गेंदों का टप्पा एक सिक्के पर गिरा सकते थे।
यह भी सत्य है कि शेन वार्न का जादू भारतीय बल्लेबाजों पर उस कदर  नहीं चल सका। शारजाह के ‘डेजर्ट स्टॉर्म’ के बाद  कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में इस महान गेंदबाज की सचिन ने बखिया उधेड़ दी थी। कानपुर की छह छक्कों वाली पिटाई  शेन वार्न पर इस कदर हावी हुई कि उन्होंने  खुद ही स्वीकार किया था कि-  “सचिन उनके सपनों में आते हैं।”
लोग कहते हैं की विलक्षण व्यक्ति थोड़े अतरंगी होते हैं। शायद क्रिकेट की फील्ड का यह बेताज बादशाह अपने अतरंगी व्यवहार के कारण अपने व्यक्तिगत जीवन में तमाम विवादों से घिरा रहा । कभी नशेबाजी को लेकर,  कभी अन्य स्त्रियों से संबंध को लेकर। हालांकि शेन वार्न ने कभी  दोहरा चरित्र जीने की कोशिश नहीं की। वह जैसे थे, वैसे ही दिखते रहे, जो करते थे खुलेआम करते थे, डंके की चोट पर करते थे।
अपने निजी जीवन मे शेन वार्न भले ही लंगोट के कच्चे  रहे हों लेकिन क्रिकेट खेल के वह देदीप्यमान नक्षत्र थे ,  लेग स्पिन के माउंट एवरेस्ट थे। करिश्माई व्यक्तित्व का यह खिलाड़ी   आज ही के दिन यानि 04 मार्च 2022 को असमय ही काल के गाल में समा गया था।
आगामी कई दशकों तक जब भी स्पिन गेंदबाजी, विशेषकर लेग स्पिन गेंदबाजी की चर्चा होगी, इस  महान खिलाड़ी के बगैर कभी पूरी नहीं होगी।

1 टिप्पणी

  1. आशा जी!शेन वॉर्न के प्रति आपकी श्रद्धांजलि में हमारा भी पुण्य स्मरण। उसके हाथों का कमाल हमने भी देखा।खेल की प्रतिभा स्वयं में उपलब्धि है जो दिलों पर राज करती है।
    बहुत दिनों के बाद आपके माध्यम से शेन याद आए।शुक्रिया आपका।

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