हर दिन, उम्र एक और दिन बढ़ जाती है। हर दिन अपने निर्णयों की बनिस्पत हम कुछ अधिक सयाने हो जाते हैं। हर बीतते दिन के साथ हमारे अनुभवों के खजाने में कुछ ना कुछ नया ज़रूर जुड़ जाता है। हर दिन हमारी सोच पहले से ओर ज्यादा परिपक्व हो जाती है। यह लगातार चलने वाला सिलसिला है, जो ज़िंदगी भर नए-नए तजुर्बों से दो-चार करवाता चलता है। 
इसी हर दिन के चलते पहिए में नए वर्ष के पहले पंद्रह दिन, हम सबने अपने देश, समाज और धरती के ओर-छोर पर अपनी-अपनी दुनिया में व्यस्त रहते हुए, सबने एकसाथ पूरे कर लिए हैं। 2022 में जो नया करने के सपने संजोया था, जो अधूरे काम पूरे करने थे या कुछ नया, मगर अद्भुत कर-गुजरने का सपना देखा था, समझिए कि उसके शुरूआती पंद्रह दिन बीत चुके हैं। किसी भी तरह की तैयारी के शुरूआत का समय, सबसे महत्वपूर्ण होता है। अपने इन्हीं आरंभिक दिनों का यानी सबसे महत्वपूर्ण अवधि का जवाब खुद से देने का सबसे अच्छा समय आज, और अभी है।
याद है ना कि आज की शाम 2023 के पहले पंद्रह दिनों का लेखा-जोखा आप ख़ुद को सौंपने वाले हैं! अपनी मंज़िल की ओर बढ़ाए कदम कहाँ तक पहुँचे? कितनी तकलीफें आईं, रास्ते की अड़चनों को पटखनी दे कर कैसे आप आगे बढ़े? पूरी इमानदारी से यह सब कुछ खुद को बताना है।
जिन्होंने इमानदार मेहनत की, या वे जो इस क्रम में अपने बढ़ते कदमों पर ढिलाई का शिकार हो गए। अब उस पर, पार पाने का सही समय आ गया है। आलस की रजाई हटा कर जोश की धूप में ख़ुद को तपाने के लिए उठ खड़े होना है क्योंकि आपके रिपोर्ट-कार्ड पर आपके ही हस्ताक्षर होने हैं। सच बात यह है कि आप अपने साथ कभी बहाना नहीं बना सकते। पूरी दुनिया में इंसान सिर्फ खुदसे ही तो झूठ नहीं बोल सकता। या कह दूँ कि वह सिर्फ खुदके साथ ही तो इमानदार होता है! तो आइए सच का सामना करते हैं और इस साल के पहले पंद्रह दिनों का ईमानदार ब्यौरा खुद को देते हैं। पंद्रह दिनों का यही लेखाजोखा आने वाले समय की तस्वीर बनाने वाला है। ऐसी तस्वीर जिसकी आड़ी-तिरछी रेखाएं और भविष्य में भरे जाने वाले रंग आपकी कल्पनाओं और मेहनत पर निर्भर करते हैं।

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