बढ़ा चलन है, मोबाइल का ये ज़माना है बाबू
यह सारा जगत मोबाइल का दीवाना है बाबू
ऐसा लगे  मोबाइल  बिना  मुश्किल है जीना
प्यार व बेवफाई से हो घायल दिल है नगीना
कुसंस्कार भी फैलता इससे मनमाना है बाबू
यह सारा जगत मोबाइल का दिवाना है बाबू
हर काम हो ईमेल जीमेल से इंटरनेट जरूरी
बिना मोबाइल के शिक्षा चिकित्सा भी अधूरी
बैंकिंग व्यापर में भी मोबाइल सयाना है बाबू
यह सारा जगत  मोबाइल का दिवाना है बाबू
फार्म परीक्षाओं के अब ऑनलाइन भरवाते हैं
ज्यादातर परीक्षाएं अब ऑनलाइन करवाते हैं
छुपकर  चैटिंग  मोबाइल से  मनमाना है बाबू
यह सारा जगत  मोबाइल का  दिवाना है बाबू
चिठ्ठी पोस्ट कार्ड तार मोबाइल ने खत्म किए
सिसक रही कहीं भावना ऐसे गहरे ज़ख्म दिए
यूं अनपढ़  कमपढ़ सभी  इसके  नाना हैं बाबू
यह सारा जगत  मोबाइल का  दिवाना है बाबू
विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय साहित्यिक सम्मानों से नवाजी़ गयी वरिष्ठ कवयित्री , लेखिका , कथाकार , समीक्षक , आर्टिकल लेखिका। आकाशवाणी व दूरदर्शन गोरखपुर , लखनऊ एवं दिल्ली में काव्य पाठ , परिचर्चा में सहभागिता। सामाजिक मुद्दे व महिला एवं बाल विकास के मुद्दों पर वार्ता, कविताएं व कहानियां एवं आलेख, देश विदेश के विभिन्न पत्रिकाओं एवं अखबारों में निरन्तर प्रकाशित। संपर्क - tarasinghcdpo@gmail.com

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