होमकविताहेमन्त कुमार शर्मा की कविता - मैं बोलता तेरी तर्जुमानी कविता हेमन्त कुमार शर्मा की कविता – मैं बोलता तेरी तर्जुमानी By Editor September 3, 2023 2 210 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp मैं बोलता तेरी तर्जुमानी है, मेरे शब्द उस अधीरे की कहानी हैं। जो मजदूर बिखरा दिन भर, अन्न पाया बस मुट्ठी भर। मेरे शब्द उसकी मौन बानीं है। राह के दरख़्त सब काट दिये, समतल मग सब पाट दिये। उनकी असमय मौत मेरी जुबानी है। शिक्षा कुछ काम ना आई, सब डूब गई जो की थी पढ़ाई। उस साक्षर की कथा बनानी है। सुंदर पर भीतर से जो काले हैं, गिनती में नहीं और मुॅंह पे तालें है। इन अच्छे बुरों की बात सबको बतानी है। हेमन्त कुमार शर्मा ग्राम – कोना पोस्ट – नानकपुर हरियाणा। Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp पिछला लेखडॉ. ममता पंत की कविताएँअगला लेखडॉ ममता मेहता का व्यंग्य – मेरे अपने Editor RELATED ARTICLES कविता नीलिमा करैया की कविता – हमारी हिंदी September 14, 2024 कविता सरोजिनी पाण्डेय की कविता – हिंदी दिवस September 14, 2024 कविता डॉ. हरनेक सिंह गिल की कविता – प्यार की परिभाषा September 14, 2024 2 टिप्पणी सुंदर पर भीतर से जो काले हैं, गिनती में नहीं और मुॅंह पे तालें है। इन अच्छे बुरों की बात सबको बतानी है। बहुत अच्छी रचना! जवाब दें धन्यवाद आपका।—–हेमन्त जवाब दें कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें टिप्पणी: कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! नाम:* कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें ईमेल:* आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें वेबसाइट: Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed. Most Popular कविताएँ बोधमिता की November 26, 2018 कहानीः ‘तीर-ए-नीमकश’ – (प्रितपाल कौर) August 5, 2018 ‘हयवदन’ : अस्मिता की खोज May 2, 2021 अपनी बात…… April 6, 2018 और अधिक लोड करें Latest मेरी कहानियों में जो आपबीती होती है, वह जगबीती भी होती है- अवधेश प्रीत September 15, 2024 शोभना श्याम की लघुकथा – रिकवरी September 14, 2024 नीलिमा करैया की कविता – हमारी हिंदी September 14, 2024 डॉ. दिलबागसिंह विर्क का लेख – महिला टी 20 विश्व कप में भारत की दावेदारी September 14, 2024 और अधिक लोड करें
सुंदर पर भीतर से जो काले हैं, गिनती में नहीं और मुॅंह पे तालें है। इन अच्छे बुरों की बात सबको बतानी है। बहुत अच्छी रचना! जवाब दें
सुंदर पर भीतर से जो काले हैं,
गिनती में नहीं और मुॅंह पे तालें है।
इन अच्छे बुरों की बात सबको बतानी है।
बहुत अच्छी रचना!
धन्यवाद आपका।—–हेमन्त