होम कविता सुमन शर्मा की कविता – शरद ऋतु कविता सुमन शर्मा की कविता – शरद ऋतु द्वारा सुमन शर्मा - November 8, 2020 176 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet अति सुहावनी,मनभावनी, शरद ऋतु है आई। पूर्ण चंद्रमा संग खिली चाँदनी, अमृत बरसा सुख समृद्धि लाई। नई उमंगें,नव आशाएँ, धवल नवल नभ, शोभा अति सुहाई। पूर्णिमा शरद की आई। निर्मल जल है,स्वच्छ दिशाएँ, कूजत कुंज,खिले कमल,हरषायें। फूले कास,हरित तरुवर हैं, धरा दिखे सुखदाई। मन अनुराग बढ़ाई। शरद ऋतु है आई। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं बिमल सहगल की कविता- जागी आँखों के सपने योगेंद्र पाण्डेय की कविता – गुलमोहर के फूल आशीष मिश्रा की कविता – शून्य है कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.