Saturday, July 27, 2024
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सुमन शर्मा की कविता – शरद ऋतु

अति सुहावनी,मनभावनी,
शरद ऋतु है आई।
पूर्ण चंद्रमा संग खिली चाँदनी,
अमृत बरसा सुख समृद्धि लाई।
नई उमंगें,नव आशाएँ,
धवल नवल नभ,
शोभा अति सुहाई।
पूर्णिमा शरद की आई।
निर्मल जल है,स्वच्छ दिशाएँ,
कूजत कुंज,खिले कमल,हरषायें।
फूले कास,हरित तरुवर हैं,
धरा दिखे सुखदाई।
मन अनुराग बढ़ाई।
शरद ऋतु है आई।
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