होम ग़ज़ल एवं गीत मयंक राजेश की ग़ज़ल ग़ज़ल एवं गीत मयंक राजेश की ग़ज़ल द्वारा मयंक राजेश - November 8, 2020 39 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet करुँ क्या बात, क्या बोलूँ, किसी से मेरा दिल भर गया है दिल्लगी से ज़माना ये बता दे आज मुझको सभी क्यूँ हो गए हैं मतलबी से ज़रुरत से जो रिश्ते है बनाता नहीं मिलना है ऐसे आदमी से पिघल जाएगा पत्थर दिल तुम्हारा ज़रा गुज़रो मुहब्बत की गली से यूँ मिलते रोज़ हैं तुमसे मगर तुम अभी तक लग रहे हो अजनबी से अँधेरे में सुकूं मिलने लगा है लगे है डर हमें अब रौशनी से बचाकर मौत मुझको ले गई जब मेरा दम घुट रहा था ज़िन्दगी से संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं होली पर निज़ाम फतेहपुरी की ग़ज़ल फ़िरदौस ख़ान की ग़ज़ल डॉ. यासमीन मूमल की ग़ज़ल – दर्द मेरे थे जितने सभी मेरे दिल में निहाँ हो गए Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.