तुम्हारी अनुपस्थिति मुझे नहीं खलती
प्रेम होने और उसे पा लेने में
उपस्थिति और अनुपस्थिति से
आखिर क्या फर्क पड़ा है..
कही किसी मोड़ पर अचानक
सामने आ जाओ तुम तो तुम्हे बताऊँ
तुम्हें पता है, तुम्हारी अनुपस्थिति में ही
मैंने तुमसे अधिक प्रेम किया है।
तुम्हारे प्रत्यक्ष होने पर शायद न कर पाती।
तुम जानते हो मैं उस प्रेम की तलाश में हूँ
जो अलौकिक कहलाता है…
मैंने प्रेम किया है तुम्हारे कहीं तो होने से
तुम्हारे ख्याल से, यादों से, और भाव से।
केवल तुमसे प्रेम करना पाप नहीं,
स्मृतियों में तुम्हें स्थान देना गुनाह नहीं।
तो तुम ही बताओं, मुझे मेरे प्रेम को पूर्ण करने में…
कहां तुम्हारी उपस्थिति की आवश्यकता हुई ?
तुम्हारी अनुपस्थिति में ही मैंने जाना
कि मैं तुम्हारे प्रेम में हूँ ।
तुम न मिलने की तकरार न किया करो…
अब तुम्हारी स्मृतियाँ ही तो
चीरकाल तक मेरी हमकदम है।
मैं प्रेम की धीरोदात्त नायिका हूँ
उस धैर्य को क्या पता कि
तुम बीन उम्र गुजारनी है …
2 – अब क्या करें ?
पराया धन मान कर लुटी बेचारी
वह मौन है अब क्या करें ?
जौहरी की जगह पाकर जुआरी
वह सन्न है अब क्या करें ?
ढोल गवार पशु ताडन के अधिकारी
वह धन्य है अब क्या करें ?
मान कर अपना हृदय से चुपचाप
वह सुन रही है अब क्या करें ?
आज भी अपने समय को चुपचाप
वह ढो रही है अब क्या करें ?
मशीनी दौर में कलपुर्जा चुपचाप
वह बन गयी है अब क्या करें ?
पर उंची उडाने भरने का मन में
वह ध्यान कर रही अब क्या करें ?
भीड़ में सबसे अलग चुपचाप
वह चल रही हैं अब क्या कहें ?
रात होते ही सपने सुहाने चुपचाप
वह बुन रही है अब क्या कहें ?
जीवन समर में साथ कोई दे न दे
वह गा रही हैं अब क्या कहें ?
मुखौटों के विरूद्ध डटकर बरअक्स
वह तो खडी हैं अब क्या कहें ?
भविष्य की उज्ज्वल किरण बनकर
वह बढ रही है अब क्या कहें ?
नीत नए आह्वान लेकर फूर्ति से
वह जा रही है अब क्या कहें ?
खुरदरी नुकिली चटकती चट्टानें पार
वह कर रही है अब क्या कहें ?
देख परखकर आज अपनी सोच को
वह धार दे रही है अब क्या कहें ?
3 – जी उठती हूँ !
चेहरे पर हंसी बिखेरकर
टहलती हूं जब उन पहाड़ियों पर
और भर लेती हूं आंखों में
लहराते झुमते दुपट्टे के साथ
निले आसमान पर सफेद बादलों को
तब मैं जी उठती हूं !
झाँकती हूं किसी बिखरे जहन में
और देती हूं नसीहत
धुआं धुआं करने की
उसके बरसों से पाले दुखों को
जो उसे भी दफनाने थे
तब मैं जी उठती हूं !
गुजरती हूँ उन हदों से
ले जाया गया था कभी
मुझे बहला फुसलाकर
जहाँ से लौटना मुश्किल था
परखा जाता रहा लेकर
रोज नई परीक्षा
झटक कर निकल पड़ती हूँ
उजडे शहर के
अपनों में छिपे गैरों को
तब मैं जी उठती हूँ !
डॉ. मीना घुमे ‘निराली’ लेखिका एवं सहायक आचार्य
दयानंद कला महाविद्यालय लातूर ४१३५१२
महाराष्ट्र
9689190729
आदरणीया हार्दिक प्रणाम
आदरणीया मीना जी आपकी हर कविता का अलग-अलग विश्लेषण कर रही हूं।
#स्मृतियां- वास्तव में हर पल साथ रहने वाले एहसास हैं जिनको आपने बड़ी खूबसूरती के साथ विरोधाभास अलंकृत भावों का रूप दिया है। सहनशक्ति इतनी कि दूसरे की सहनशीलता को डिगा दे वो रो दे आप अडिग मंच पर खड़ी हैं।
#अब क्या करें – यादों की बेबसी है जिसके आगे कोई बस नहीं। यादों कारण अनेक प्रकार की सामाजिक व्यक्तिगत समस्याएं आई हैं और उनको सहने के काबिल स्वयं को है बनाया है,। बना रही है और आगे भी तैयार है । फिर वही दृढ़ता एवं सहनशीलता का परिचय आपने प्रस्तुत किया है जो प्रशंसा की योग्य है।
#जी उठती हूं – वहीं स्मृतियां आगे जीवन भर आपके साथ रहेगी आपको हर कदम पर सहारा एवं सहयोग प्रदान करेंगी। पूर्ण आत्म विश्वास झलक रहा है।
कितनी सुंदर भावपूर्ण रचनाएं करके प्रेरणा देने वाली आप धन्य हैं । आपको बहुत-बहुत बधाई।
पुरवाई पत्रिका में मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
डॉ मीना घुमे जी , आपकी बहुत ही अच्छी कविताएँ है. स्मतीयां कविता दिल को छू गई
धन्यवाद आदरणीय डॉ सरोज सिंह जी मेरे लिए आपकी टिप्पणी अत्यंत महत्वपूर्ण है !!
आदरणीया हार्दिक प्रणाम
आदरणीया मीना जी आपकी हर कविता का अलग-अलग विश्लेषण कर रही हूं।
#स्मृतियां- वास्तव में हर पल साथ रहने वाले एहसास हैं जिनको आपने बड़ी खूबसूरती के साथ विरोधाभास अलंकृत भावों का रूप दिया है। सहनशक्ति इतनी कि दूसरे की सहनशीलता को डिगा दे वो रो दे आप अडिग मंच पर खड़ी हैं।
#अब क्या करें – यादों की बेबसी है जिसके आगे कोई बस नहीं। यादों कारण अनेक प्रकार की सामाजिक व्यक्तिगत समस्याएं आई हैं और उनको सहने के काबिल स्वयं को है बनाया है,। बना रही है और आगे भी तैयार है । फिर वही दृढ़ता एवं सहनशीलता का परिचय आपने प्रस्तुत किया है जो प्रशंसा की योग्य है।
#जी उठती हूं – वहीं स्मृतियां आगे जीवन भर आपके साथ रहेगी आपको हर कदम पर सहारा एवं सहयोग प्रदान करेंगी। पूर्ण आत्म विश्वास झलक रहा है।
कितनी सुंदर भावपूर्ण रचनाएं करके प्रेरणा देने वाली आप धन्य हैं । आपको बहुत-बहुत बधाई।