कादम्बनी, पुष्पवाटिका , दस्तक टाइम्स ,मधुराक्षर, प्रभात खबर, हिंदुस्तान, गृहलक्ष्मी पत्र पत्रिकाओं में समय समय पर रचनायें प्रकाशित। प्रकाशित किताब -- अक्स ( कहानी संग्रह ) , मैं अपनी कविताओं में जीना चाहती हूँ (कविता संग्रह )। संपर्क -
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अच्छी कहानी है कात्यायनी जी! औरतों को अपने प्रति होने वाले इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी ही चाहिये। आजकल शराब फैशन से होते हुए आदत में शुमार हो गई है।घर के घर बर्बाद हो रहे हैं। आपकी कहानी सबक की तरह है। बहुत-बहुत बधाइयाँ आपको।
धन्यवाद आपका
ये हुआ सही सबक।शराबी किसी का न पति होता है न बेटा न बाप।वो सिर्फ शराबी ही होता है।इतने सालों भी बेकार ही झेला।एक अच्छी कथा के लिए बधाई कात्यायनी जी।
धन्यवाद