‘द  बेस्ट ब्यूटीशियन ऑफ़ द ईयर  2018 अवार्ड गोज़ टू ….नन अदर  देन …. इससे पहले कि प्रोग्राम की खूबसूरत एंकर संजना ने गालों पर इठलाती अपनी लट को ख़ास अंदाज़ में झटका देकर सामने बैठी ऑडियंस से सवाल किया , शोरगुल यकायक पिन ड्रॉप  साइलेंस में बदल चुका  था । 
” कम  ऑन। … एनी  गेसेस ! “ 
 ” शांभवी “…. हॉल के बाएं कोने से चहेतों की एक टोली अपनी पसंद जताने लगी ।     तभी दूसरे  पल दाहिने कोने से शोख़ युवतियों का एक हुज़ूम  चीख पड़ा – ” सतविंदर “…. स्पॉट लाइट उस पर फोकस  होते ही  पीछे बैठे एक ग्रुप ने नाम लिया “अयूरा “ का। फिर एक स्पॉट लाइट …. और तभी एंकर संजना ने अपनी चहकती  आवाज़ में ऐलान किया  –  
                          “  इस साल 2018 का बेस्ट ब्यूटीशियन अवार्ड ले रही हैं …… “ ऑडियंस में एक पल के लिए सन्नाटा छा गया। तभी संजना ने एक और झटका दिया।  ” ख़ूबसूरती की दुनिया के फ़नकारों,!  बेस्ट ब्यूटीशियन के अवार्ड से पहले हम आपको बताना चाहेंगे बेस्ट रनर अप कौन रहेगी इस  स्पर्धा की . !इसका ऐलान करने मैं बुलाना चाहूंगी  पिछले साल की विजेता रही मोनालिसा  को।  एक बार ज़ोरदार   तालियों से स्वागत हुआ  मोनालिसा का ।”
                मोनालिसा  भी पिछले साल की विजेता बनने के बाद सेलिब्रेटी की  तरह एक बरस के भीतर ही देश भर में धूम मचा चुकी थी.. “ द बेस्ट रनर अप इज़ फ्रॉम सातारा महाराष्ट्र “. सुनते ही दर्शकों में बैठे सातारा से इस आयोजन में पहुंचे एक समूह ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।  शुरूआती कतार  में ही बैठी प्रतिस्पर्धियों में से स्पॉट लाइट फोकस होता है  सातारा की सोफ़िया  पर।  ऊंची कद- काठी की सोफ़िया गेहुएं रंगत की  थी।  । अंग्रेज़ी में एम् फिल कर रही थी सोफ़िया । ज़ोरदार तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उसके बाजू में बैठी एक प्रतिभागी पंजाब की सतविंदर ने उसे बाहों में भरा और सोफ़िया  को स्टेज पर रवाना किया। 
                  सोफ़िया के स्टेज पर पहुँचते ही एक बार   दर्शकों के बीच   जयघोष गूंजा। … “ जय महाराष्ट्र .. जय महाराष्ट्र.. आली रे  आली  आमची सोफ़िया आली ” “  तालियों का शोर थमते ही सोफ़िया को   पचास हज़ार का चेक , बेस्ट रनर अप अवार्ड और प्रशस्ति पत्र दिया मोनालिसा ने  और साथ में अयूरा कम्पनी का गिफ्ट हैम्पर भी।  उधर  एंकर संजना ने दर्शकों की और मुखातिब होकर कहा , ” सोफ़िया ! कैसा महसूस कर रही हो अवार्ड लेकर ! 
                  ” लय भारी ….सर्वांच्या शुभेच्छा। ” मराठी में शुरुआत कर  अवार्ड ने कहा , ” सर्वांचे मनः पूर्वक आभार  ….  आई डेडिकेट दिस  अवार्ड टू माई  फॅमिली हू सपोर्टेड मी  फ्रॉम द  डेप्थ ऑफ़ हार्ट। मोनालिसा से अवार्ड लेते ही तालियों की गड़गड़ाहट एक बार फिर गूंजी।  मोनालिसा ने सोफ़िया से कहा , ” सोफ़िया ! तुम इस कॉम्पिटिशन की रनर अप हो लेकिन ज़िन्दगी के संघर्ष की विजेता बन चुकी हो।  तुम्हे अभी और आगे बढ़ना है। ” थैंक यू  मोनालिसा ! कहकर दोनों ने एक – दूसरे  को गले लगा लिया।
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” कुछ मिनटों के बाद सोफ़िया वापस प्रतिभागियों के बीच थी। लौटते ही उसे  खूब सराहना मिली।  लेडीज एंड जेंटलमैन ….अब आपके इंतज़ार की घड़ियाँ  समाप्त होती है और धड़कते दिल से   सुनिए कौन है द  बेस्ट ब्यूटीशियन ऑफ़ द ईयर 2018 अवार्ड की विजेता।  और इस विजेता को सम्मानित करने के लिए आ रही हैं ब्यूटी पार्लर , सौंदर्य प्रसाधन सामग्री और ब्यूटीशियंस की दुनिया की सिरमौर शहनाज़ हुसैन।  एक बार फिर तालियों की गड़गड़ाहट शुरू होती है और स्पॉट लाइट पहले घूमता है सभी प्रतिभागियों के चेहरे पर और जाकर ठहरता है स्टार मेहमान  शहनाज़ हुसैन पर। ससम्मान सोफे पर बिठाकर एंकर  संजना दर्शकों की ओर मुखातिब हुई – ” हाँ तो ख़ूबसूरती  की दुनिया के दोस्तों ‘!  द  बेस्ट ब्यूटीशियन ऑफ़ द ईयर 2018 अवार्ड की विजेता हैं … और इतना कहकर संजना ने हाथ में रखा माइक प्रतिभागियों की दिशा में कर दिया —-इस बार दो तीन आवाज़ें  गूंजी –
               शाम्भवी —–   बंगाल  से शामिल प्रतिभागी थी…  कोलकतिया 
               पिंकी —       भोपाल से मध्यप्रदेश की पार्टिसिपेंट।  
                हर्षुला –       महाराष्ट्र के पुणे महानगर से  आई थी। मूलतः छत्तीसगढ़िया
                 सोफ़िया …          सातारा से, अयूरा –  दिल्ली  और   आइशा बैंगलोर से।
       सभी का परफॉर्मेंस निश्चित तौर पर बेहद अच्छा रहा  लेकिन इस बार कमाल किया है छत्तीसगढ़ से पुणे में अब स्थाई हो चुकी हर्षुला ने  ।  छत्तीसगढ़ से आई उसकी छह स्कूली  सखियों ने खड़े होकर एक साथ तालियां बजाई और समवेत स्वर में कहा – “  छत्तीसगढ़िया … सबले  बढ़िया  . …! “  अगले ही पल हर्षुला स्टेज की ओर  रवाना हो गई  ।
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              संजना इसी बीच दर्शकों को शहनाज़ हुसैन का औपचारिक  परिचय देने लगी। 
” शायद कुछ लोग इस कार्यक्रम में नए हो सकते हैं।  फिर भी मुझे लगता है शहनाज़ हुसैन का नाम ब्यूटी पार्लर और कॉस्मेटिक्स के क्षेत्र में  कौन नहीं जानता ? मुंबई  का शन्मुखानन्द  हॉल  खचाखच भरा था। हर उम्र की युवतियां , महिलाएं।  कॉस्मेटोलॉजिस्ट , ब्यूटी एक्सपर्ट्स ,कॉस्मेटिक सर्जन्स और सौंदर्य प्रसाधन कंपनियों के प्रतिनिधि भी महज़ शहनाज़ से दोस्ती की वज़ह से उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।   हर्षुला ने स्टेज पर पहुँच कर उन्हें प्रणाम किया।    
                                 ” आपको बहुत – बहुत बधाइयाँ हर्षुला “  वैसे मुझे एंकर संजना ने पहले ही आपके बारे में ब्रीफ किया था। अपनी ज़िन्दगी में जितना संघर्ष आपने किया है वह सचमुच क़ाबिल  – ए – तारीफ़ है। आप की लगन यकीनन आज की नई लड़कियों के लिए इंस्पिरेशन है जो ब्यूटीशियन बनकर सफल होना चाहती हैं. ।  हर्षुला को शहनाज़ हुसैन ने विजेता की चमचमाती ट्रॉफी एक लाख का चेक , गिफ्ट हैम्पर और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करते हुए जब ये शब्द कहे हर्षुला की आँखों में आंसुओं का सैलाब आ  गया ।  उसी पल शहनाज़ हुसैन ने हर्षुला को गले लगा लिया।  रुंधे हुए गले से हर्षुला ने कहा ,” आपसे मिलना मेरा सपना था मैडम।  “ इट वाज़ माय ड्रीम कम ट्रू।“ 
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 अमूमन साढ़े आठ बजे से ग्यारह बजे तक  देश की नामचीन संस्था  नेशनल सेंटर फॉर ट्रांसजेंडर    इक्वालिटी   ने यह अवार्ड समारोह आयोजित किया था।  
” हर्षुला जी ! आप इस अवार्ड  का श्रेय किसे देना चाहेंगी?
“ब्यूटीशियन बनना ही आपका लक्ष्य था ?
” आपके पास तो कॉस्मेटोलॉजिस्ट की डिग्री भी है …क्या कहेंगी इस बारे में ?  
” ब्यूटीशियन बनने  वाली नई  युवतियों के लिए आपका संदेश?  प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक़  मीडिया से घिरी हर्षुला पूरी संजीदगी से सारे सवालों के जवाब देती रही ।  इसी बीच एक मीडिया परसन ने  सवाल किया ,” बीइंग ए  ट्रांसजेंडर आपको  समाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा होगा। ” 
कभी ओठों पर मुस्कान। … असमंजस के एक्सप्रेशन। … दिल में चुभोए गए नश्तरों का दर्द …  ज़िन्दगी की समझाईशों से हासिल समझ से उपजी संजीदगी और समाज के लिए ख़ास तौर पर कुछ कर गुजरने का फोर्टे … समूचा  मीडिया  हर्षुला के जवाबों से  गदगद था। 
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कार्यक्रम में प्रोफेसर सलीमा शेख भी पुणे से आई थीं।मराठी और हिंदी साहित्य के अलावा  एक्टिविज़्म …. वे ज्ञान की शलाका रहीं. स्त्री , पुरुष से जुड़े मसलों और ख़ास तौर पर ट्रांसजेंडर , एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए देश -विदेश में चल रहे उपक्रमों का अपडेट सूचना भण्डार उनके पास था।  लिहाज़ा महाराष्ट्र  के  सभी मीडिया परसन और शोध अध्येता भी रिफ्रेंस लाइब्रेरी की तरह माना करते। 
” मैडम ! नमस्कार … काय म्हणाल तुम्ही ह्या कार्यक्रमा  बद्दल ? तुमचा एक्सपर्ट ओपिनियन ! ” – -एक  वीडियो जर्नलिस्ट ने उनसे   मुखातिब होकर पूछा। 
“फारच   छान ..  राजदीप  पाटिल  ” ट्रांसजेंडर आणि एलजीबीटी समूह आता   शिक्षण आणि करियर बद्दल अत्यधिक जागरूक झाला आहे। ” देखिए! मेनस्ट्रीम समाज से अब उसे उम्मीदें हैं।  दअसल अब ये अपने बूते पर समाज में अपना बेहतर स्थान बनाना चाहते हैं।  ये दीगर बात है कि सामान्य स्त्री या पुरुषों के समाज में भी लोग प्रोफेशनल हो रहे हैं और कुछ प्रगतिशील नहीं बनना चाहते।  
“मैडम … इस ट्रांसजेंडर समाज में भी अनेक लोग शोहरत की बुलंदी पर पहुंचे हैं।  इनमें से कुछ के नाम बताइये  ताकि हमारे दर्शक जान सकें उनमें भी कितनी प्रतिभा छिपी है ” देखिये ! रुद्राणी छेत्री मित्र ट्रस्ट संस्था की अध्यक्ष हैं ,कल्कि सुब्रमणियम ने सहोदरी फाउंडेशन बनाया है ,, पद्मिनी प्रकाश देश की पहली ट्रांसजेंडर टीवी एंकर हैं , और मानबी बंदोपाध्याय कोलकाता में लड़कियों के एक कॉलेज की प्रिंसिपल हैं । इनके अलावा अनेक शिक्षित ट्रांसजेंडर सदस्यों ने विभिन्न क्षेत्रों में सम्माननीय दर्जा हासिल किया है।  आप कभी गूगल पर इनके बारे में पढ़िए ज़रूर “
“ जी मैडम। ..कहकर राजदीप ने सलीमा शेख जी से विदा ली।  
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                  बाकी मीडिया पर्सन्स भी इस अवार्ड समारोह में शामिल  कॉस्मेटोलॉजिस्ट , ब्यूटी एक्सपर्ट्स ,कॉस्मेटिक सर्जन्स और सौंदर्य प्रसाधन कंपनियों के प्रतिनिधियों से  अपने मैगज़ीन सेक्शन के लिए स्टोरी, इंटरव्यू, , बाइट्स और विज्ञापन की जुगत लगाने  की नीयत से उनसे मिलने चले गए। सारा कार्यक्रम अमूमन रात ग्यारह बजे तक चला।  डिनर का अनाउंसमेंट प्रोग्राम के अंत में एक छोटे से ब्रेक के दौरान एंकर संजना ने अपनी दिलकश आवाज में स्टेज से ही कर दिया  था। लिहाज़ा हॉल में मौजूद हुज़ूम अब पिघलकर रेस्त्रां की ओर खिसकने लगा. सबसे पहले तो मुख्य अतिथि शहनाज़  हुसैन ने आयोजकों से विदा ली और खेद जताया ,” सॉरी ! मैं रूकती जरूर लेकिन कल सुबह एक ब्यूटी प्रोडक्ट कम्पनी के मार्केटिंग हेड से इम्पॉर्टैंट डिस्कशन है , सो  … मैं इज़ाज़त चाहूंगी।”  आयोजक दल उन्हें अपनी कार तक छोड़ने के लिए रवाना हो गया।   जैसे ही आयोजक दल डिनर के लिए रेस्त्रां की ओर    मुखातिब हो रहा था मुंबई फैशन मैगजीन की एक जर्नलिस्ट सुंदरा भाटिया ने अवार्ड समारोह की  लीडर मुंबई असोसिएशन ऑफ़ ब्यूटीशियन्स की  प्रेसीडेंट  वीनस  फेशियलवाला को पहचान कर  उन्हें पल भर के लिए रोका – ,” वीनस मैडम ! प्लीज़! अगला अवार्ड फेस्टिवल कहाँ करने का प्लान है ?”    ” मोस्ट प्रॉबेबली फ़्रांस के किसी शहर में …” ” थैंक्स मैम ! सुंदरा ने प्रोफेशनल मुस्कान फेंकी और अपने दीगर .साथियों के साथ डिनर  के लिए  तत्काल रेस्त्रां की ओर रवाना हुई। .. सोच रही थी ” अब तो तय है अपनी फ़्रांस की ट्रिप ” . आयोजन में शामिल सारे  प्रतिभागी , मेहमान और आयोजनकर्ता  रेस्तरां  में  दाखिल हो चुके थे। अब क्या यह भी  बताना पड़ेगा कि ऐसे हाई  प्रोफ़ाइल आयोजनों में अपनी – अपनी डीलिंग्स करने वाइन एंड डाइन की जुगलबंदी कितनी ज़रूरी हुआ करती है !
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  डिनर से पहले हर्षुला को वाश रूम की तलब लगी।जैसे ही वह वाश रूम से बाहर निकल रही थी दूसरे   से सोफ़िया बाहर निकलती नज़र आई नज़रें मिलीं  और दोनों के एक साथ एक ही बात कही ” चलिए …डिनर के लिए चलें …”फिर इस संयोग पर ठठाकर हंस पड़ी दोनों। डिनर के दरम्यान  इक्का-दुक्का बातें हुईं उन दोनों के बीच ….
सोफ़िया…कौन से रूम में रुकी हैं आप “हर्षुला ने पूछा ।
“रूम नंबर 786”
” और आप हर्षुला ?”
“785 “
“अरे वाह ! लेकिन अवार्ड समारोह.में आने  से पहले हम  दोनों  मिल ही नहीं पाए.”हर्षुला ने अचरज व्यक्त किया।
“हर्षुला दरअसल अपनी ही एसोसिएशन की सहेलियों से मिलने चली गई थी। उनका भी नवी मुंबई में पार्लर है। उनसे मिलकर इसलिए मैं सीधे   शन्मुखानन्द से असोसिएटेड बोर्डिंग में चली  गई  । मैं पहुंची तब आप वहां से निकल  चुकी थीं।  ”  सोफ़िया  ने कहा। ” चलो ! कोई बात नहीं , ऐसा करते हैं कल सुबह चाय एक साथ लेते  हैं , हर्षुला ने सोफ़िया के सामने प्रस्ताव रखा।  ” हाँ हाँ ….क्यों नहीं  … सोफ़िया ने हामी भरी और इसी बीच हर्षुला और सोफ़िया अपने – अपने मिलने वालों से ऐसे घिरे कि डिनर  ख़त्म होने तक  एक -दूसरे  से मिल ही नहीं सके। 
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” अरे ! कोई बात नहीं सोफ़िया … मैं मिलने वालों से  घिर गई थी की ध्यान डिनर में कम बातचीत में ही ज़्यादा लगा रहा। “अपने – अपने रूम में जाकर दोनों ने कपडे चेंज किये और लेटी  ही थी कि इंटरकॉम की बेल घनघनाई।  वह कॉल सोफ़िया का था। 
  ” हाँ सोफ़िया बोलो” – हर्षुला ने पूछा   
  ” हर्षुला। .. मैं सोच रही थी मैं तुम्हारे रूम में आ जाती हूँ . गप्पें मारेंगे। फिर सुबह  रेडी होने के बाद की चाय -ब्रेकफास्ट और दिन भर मुंबई घूमेंगे। … क्या बोलती हो  !” सोफ़िया  ने अपनी बात रखी।   ” यो sss ! नेकी और पूछ- पूछ -चल आ जा यार सोफ़िया । …. “हर्षुला ने कहा और पांच मिनट में सोफ़िया , हर्षुला के कमरे के भीतर थी। वैसे भी अमूमन हमउम्र सहेलियों में  जी .. और आप .. की औपचारिकता का लिहाफ़  उतरने में देर नहीं लगती।  
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सोफ़िया भी अब नाइटी में थी।  
” चाय – वाय पियोगी सोफ़िया ”  हर्षुला  ने  पूछा। 
 ” नहीं हर्षुला .. अब तो बस लेटकर गपियाते बैठेंगे हम दोनों। ” कहकर सोफ़िया सीधे बिस्तर पर आ गई. 
” अवार्ड समारोह तो बेशक बेहतरीन था . लेकिन सच कहूँ हर्षुला हम ट्रांसजेंडर्स की ज़िन्दगी भी कितने अभिशप्त होती है यह सो कॉल्ड सभ्य समाज  कहाँ महसूस करता है ! अब पढ़ लिखकर हम लोग आत्मविश्वास से भर चुके हैं वर्ना आज भी हमारे समूह के लोग कैसी नारकीय ज़िंदगी बसर कर रहे  हैं सभी जानते हैं। “-
” बात सही  है लेकिन कुछ जिनमें खुद का ज़मीर जगाने का जुनून नहीं होता उनके लिए दूसरा क्या कर सकता है !”
” सोफ़िया! तुम अपने बारे में कुछ बताओ न” !  
” हर्षुला  ! तुम तो जानती हो कि  समाज में   वृहनल्लाओं की हालत क्या है।  बचपन में ही पता चल गया था। बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक भाव- भंगिमाओं के साथ  नौजवानों के बर्ताव की वजह से मेरे मन में कुंठाएं पनपने लगी थी। पहले तो इनफीरियॉरिटी कॉम्प्लेक्स  आने लगा.पापा ने इस तकलीफ से बाहर निकलने में काफी साथ दिया। यूँ ही एक रोज़ मैं और पापा बात कर रहे थे। 
” देखो बेटा  ! अगर इंसान  खुद को साबित करना चाहता है तब एक ही रास्ता है। पढ़ – लिखकर वह तरक्की करे।  अपने पैरों पर खड़े हो जाए.  सारा आसमान   उसका है  । ” 
” जी पापा ! मैं अपने आप को साबित करके बताऊंगी ” मैंने उनसे वायदा किया और पापा ने मुझे फ़ौरन गले लगा लिया। उसी रोज़ से मैंने पढ़ाई पर पूरा  ध्यान केंद्रित कर दिया।  एन्ड यू  नो  नाऊ  आई एम् डूइंग एम् फिल इन इंग्लिश। ” एक स्कूल में …… इसी साल  टीचरशिप जॉइन की है ” 
” दैट्स वंडरफुल! ” हर्षुला ने उसे अपनी बाहों में समेट  लिया, सोफ़िया  ने बेड  की बाजू में कॉर्नर टेबल पर  रखे अपने वैलेट से हर्षुला को एक फोटो  दिखाया। 
” लगता हैं ये तुम्हारे पापा हैं सोफ़िया ”  
 ” हैं नहीं थे हर्षुला ..” कहते ही सोफ़िया की आखें भर आईं , बीते बरस ही उनका इंतकाल हुआ है। हर्षुला ने फ़ौरन सोफ़िया को गले लगा लिया। बाजू में रखी बोतल से एक घूँट पानी पीकर सोफ़िया कहने लगी –
“छोटा भाई ट्वेल्फ्थ में है। होशियार है… आईटी सेक्टर में  करियर सेट करना चाहता है। अम्मी की पेंशन और मेरी सैलरी से घर चलता है।  लेकिन अब्बू जान से किया  वायदा  हमेशा   मेरी हौसलाअफ़ज़ाई करता है  हर्षुला। “
” ज़रूर सोफ़िया एक बार तुमने ठान लिया न। .. बट .. देखना सोफ़िया हम दोनों मिलकर ज़रूर कुछ सोचेंगे। ” 
” इंशाअल्लाह ! …..”
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” कम ऑन हर्षुला । … टेल मी अबाउट यू ….हर्षुला !  
 ” माई केस इज़  लिट्ल बिट डिफरेंट  सोफ़िया… मेरे पापा पुलिस विभाग में रहे। उन्होंने जेंडर स्टडीज में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी। माँ ने साईकोलॉजी में  एम् एस  सी  किया है। वे गर्ल्स कॉलेज बिलासपुर में प्रोफेसर हैं. यह  तो मेरी खुशकिस्मती है कि मेरे मम्मी और पापा इतने समझदार हैं। वरना यू नो ! मम्मी ने एक बार मुझसे एक किस्सा शेयर किया था।       मेरा  टेंथ स्टेंडर्ड स्कूलिंग चल रहा था। ।
इट वाज़ सन्डे।  मम्मी – पापा चाय पीते बैठे थे। मैं भी भीतर घर पर स्कूल का कोई प्रोजेक्ट वर्क कर रही थी।  बाद में मुझे पापा ने सारा  किस्सा  .रात को ड्यूटी से लौटने के बाद बताया । 
स्टेशन से उन्हें मुखबिर का कॉल आया –
” जय हिन्द सर ! मुखबिर रामलाल। …  २९ डाउन में हिजड़ों का एक ग्रुप कूपों में जाकर उपद्रव मचा रहा है. आप आएँगे क्या ” 
” ठीक है , मैं देखता हूँ ” कहकर सब इंस्पेक्टर मिश्रा ने फोन काट दिया। जीआरपी फोन कर इंस्पेक्टर मिश्रा ने हवलदार नायक और चार जवानों को कंट्रोल करने भेजा।  पांच मिनट में जवानों ने   हिजड़ों की जमकर ठुकाई की और हवालात में मुचलके पर छोडा. 
” मम्मी ! व्हाई दीज़ ट्रांसजेंडर्स आर  सो  वायलेंट! 
 “नॉट ऑल  ऑफ़ देम हर्षुला। सम बिहेव लाइक एंटी सोशल। सर्च गूगल द  डिटेल्स अबाउट देम।  यू विल नो  एवरीथिंग  “
मम्मी के इशारे पर मैंने गूगल  पर ट्रांसजेंडर्स से  जुड़ी सारी जानकारियां लीं। 
        तीन बरस पहले की बात 
” हर्षुला ! डिड  यू न्यू देन  देट यू आर  अल्सो  अ ट्रांसजेंडर! 
” नो डियर ..एवरीथिंग वाज़  सो  स्ट्रेंज. एक दिन यूँ ही मैंने मम्मी से  पूछा ,” मम्मी!  व्हॅट डज़ माई नेम हर्षुला मीन्स ?”
 ” सो सरप्राइजिंग …इन ग्रैजुएशन लेव्हल यू आर  आस्किंग दिस?- मम्मी ने हैरत जताते हुए कहा ,” जाओ अभी हिंदी डिक्शनरी में ढूंढकर देखो। ” मैंने देखा ” हर्षुला    का अर्थ ऐसी युवती …है जिसकी ठोढ़ी पर बाल  होते हैं। सिर्फ एक लाइन   में लिखा था।  संस्कृत  डिपार्टमेंट में  आई विल  डेफिनेटली गेट द रियल मीनिंग मम्मी ! 
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” सोफ़िया ! मम्मी और मैं अक्सर आपस में अकेलेपन में बतियाते हैं।  यू  नो! आई टोल्ड यू… मॉम इस प्रोफेसर ऑफ़ साइकोलॉजी।  मुझे खुद के बर्ताव और बॉडी चेंजेस पर. जब ” समथिंग डिफरेंट ” लगा तब एक रोज़ हम दोनों आपस में बैठकर सीरियस डिस्कशन करने लगे  
” मॉम। .. आई फील , आई एम् अ ट्रांसजेंडर “
” हर्षु  ! आई न्यू यू विल पुट अप दिस  क्वेरी  सम डे । ” मम्मी ने मुझे समझाया ,” लिसन , हर्षु बेटा  ! तुम्हें समझना होगा तुम्हारा दिल तुम्हें क्या बुलाया जाना एक्सेप्ट करता है। यह बताओ , तुम भीतर से क्या महसूस करती हो , लड़का या लड़की कहलाना ?”
” ऑफ़ कोर्स। .. एक लड़की , माँ !”   बेटा ! व्हेन बायोलॉजिकल चेंजेस गो  ऑन इन अ  फीमेल बॉडी तुम्हें यह ऑब्ज़र्व करना होगा। अपने भीतर के शारीरिक परिवर्तन और मेन्टल चेंजेस विदिन यू.”  
   ” मम्मी ! अपने शहर के एंड्रोलॉजिस्ट और यौन विशेषज्ञ डॉ विनय से एडवाइज़ लेने पर यह तय किया जा सकता है कि व्हाट मे बी द सर्जिकल इंटरवेंशन इन फ्यूचर। ”   ” यस। हर्षु ! सेम वे इन द केसेस ऑफ़ ट्रांसजेंडर्स , द जेंडर डिस्फोरिया डेवलप्स ” इसका इलाज मनोचिकित्सक और शल्य चिकित्सक मिलकर करते हैं कि सर्जरी किसी इंडिविजुअल केस में कैसे और कब की जानी है।  यह एक फेज़ वाइज़ प्रोग्राम होता है । ” 
      ” फिर आगे क्या हुआ हर्षुला ?” सोफ़िया ने बेचैनी से पूछा।
“ हमारे बीच फैमिली डिस्कशन चलते रहे।  तब मैं छत्तीसगढ़ में थी।  ग्रेजुएशन के लिए मुझे पुणे आना था। सिम्बायोसिस में एडमिशन लिया और यहीं रहने लगी। ”  
  ”  सोफ़िया ! यार यू नो व्हिचएवर  मे बी द सिटी   हर जगह  सोशल टैबूज़ ….  वी  हैव टू  फेस अ लॉट  ! ”   ” सच तो यह है कि  ट्रांसजेंडर यानी हिजड़ा समाज में पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर भी किस हद तक सोशल ऑस्ट्रासिज्म है जिसे खुले आम ख़ास तौर पर गरीब  परिवारों में देखा जा सकता है  जो माता – पिता हमारे जैसे ट्रांसजेंडर पैदा करते हैं वे ही उन्हें हिकारत से  देखने लगते हैं। यहाँ तक कि उन्हें घर से बाहर तक  निकाल देते हैं। ” 
” सच कहा हर्षुला ! ये हम खुशकिस्मत हैं कि हमारे   पैरेंट्स पढ़े – लिखे समझदार हैं  और हममें  भी पढ़ – लिखकर प्रोग्रेसिव होने और करियर बनाने की ज़िद और ज़ुनून है ”  सोफ़िया ने कहा। 
” राइटली सेड…   सोफ़िया  …इसलिए वी आर मेकिंग प्रोग्रेस।   ” हर्षुला  ने कहा ,” अदरवाइज़ हम भी  बाकी उन  साथियों जैसे  रहते जो ट्रेनों में उपद्रव मचाते हैं और सड़कों पर अश्लील बेहूदा हरकतें कर  खुद को मेनस्ट्रीम समाज  में रहने लायक नहीं रहने देते।
 “देन हर्षुला  ! हाउ डिड  यू गेन दिस मच कॉन्फिडेंस ” सोफ़िया ने  पूछा। 
   “लिसन। … दिस  इज़ माई प्रैक्टिकल एक्सपीरिएंस कि कोई भी युवक हो या युवती। … नॉर्मल हो या ट्रांसजेंडर , उसे तरक्कीपसंद होना चाहिए। हर्षुला ने अपनी . बात आगे बढ़ाई .” एवरीबडी . मस्ट बी  सेल्फ मोटिवेटेड या कम स कम बाकी सक्सेसफुल लोगों  से सीखने का ज़ुनून  ज़रूर होना चाहिए ” पुणे आकर   यू नो ! मैंने यहां की मेट्रोसेक्सुअल तासीर   और एडुकेशनल हब में आई डेवलप्ड माई ब्रॉड माइन्डेडनेस एंड ग्लोबल एट्टीट्यूड … एंड कम्युनिकेशन स्किल। सिम्बायोसिस में एमबीए करना पर्सनालिटी डेवलपमेंट और करियर के मामले में…. एडेड अ फेदर इन माई हैट । ” 
” एंड यस । …आई थिंक  यू  विल एग्री कि  प्रोग्रेसिव सोच की वजह से हमने अपनी ओवरआल पर्सनालिटी पर ध्यान दिया और स्टिल वी आर  ट्राइंग आर बेस्ट … राइट !  ” सोफ़िया की आखों में अब नींद झाँकने लगी थी।  
 ” अब्सॉल्युटली राइट सोफ़िया ” हर्षुला ने कहा ,” चल मेरी जान ! बाकी बातें अब कल करेंगें।  हमार्रे पास काफी वक्त है। “चल अब सोते हैं  यार। … कहकर हर्षुला ने भी उनींदी आवाज़ में कहा  , ” अभी तेरी भी लाइफ के किस्से तो सुनना है यार !”,”
कुछ ही पल में हर्षुला  और सोफ़िया बिस्तर में चारों खाने चित थे। .
. ” सो गुड़ नाइट हर्षुला। … “
” गुड़ नाइट सोफ़िया … मेरी जान !”
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” गुड मॉर्निंग मैम !
” गुड़ मॉर्निंग …. 
रिसेप्शन डेस्क से बोल रहा हूँ। .. कॉफ़ी  ऑर टी मैम  ?
“प्लीज़ सेंड टू कॉफ़ीज़। “
 ” एंड ब्रेकफास्ट मैम।?”
” नो। .. थैंक्स “
” गुड़ मॉर्निंग हर्षुला ” 
” मॉर्निंग डियर “
इसी बीच अटेंडेंट ने डोर बेल दबाई  .” प्लीज़ कम इन “, टेबल पर अटेंडेंट  कॉफी ट्रे रख ही रहा था कि हर्षुला  ने अटेंडेंट से कहा  – 
” प्लीज़ ओपन द विंडो कर्टन्स “ 
” यस  मैम ” कहकर अटेंडेंट कमरे से बाहर  चला गया। कॉफी की चुस्कियों का दौर चलते -चलते वे दोनों ही बाहर का नज़ारा देखने लगे। 
” सो ब्यूटीफुल ना  सोफ़िया ?
” रियली ऑसम यार! “
यकायक सोफ़िया की नज़र हर्षुला की कल अवार्ड समारोह में मिली ट्रॉफी पर पड़ी और कल रात की अधूरी बातचीत को आगे  ख्याल सोफ़िया के मन में आते ही वह किसी ख्याल में गुम हो गई।  
” अरे! क्या सोच रही हो सोफ़िया ?… आर यू ओके ?   
“हर्षुला  ! हैव यू हैड योर सर्जरी ? ” 
” यस। .. ऑफ़ कोर्स सोफ़िया “हर्षुला  ने खुलासा किया ,”यह जो मेरी मॉडल लाइक बॉडी है न वह फेमिनाइज़ेशन सर्जरी का रिजल्ट है ।  मुझे परफेक्ट फीमेल लुक चाहिए था। “
” और जिन्हें मेल बॉडी ऑर्गेन्स चाहिए उनके लिए तो मेस्कुलाइज़ेशन सर्जरी  है ही  ?
” अरे वाह ! सोफ़िया  ! तुम भी छिपी रुस्तम निकली !”    ” हाँ यार ! ,मैंने भी काफी कुछ गूगल कर रखा था आजकल तो यू नो ट्रांसजेंडर्स और  एलजीबीटी समुदाय के लिए स्टेट गवर्नमेंट्स आर  प्रोवाइडिंग जेंडर रि-असाइनमेंट सर्जरी एट  एनी एज अकॉर्डिंग  टू देयर विल ” सोफ़िया ने भी हर्षुला को धीरे से पिंच किया।  
  ” अच्छा हुआ न हम दोनों ने  सर्जरी करा ली !अब परफेक्ट फीमेल लुक में करियर ग्राफ इज़ गोइंग अप सो नाइसली  ना  !”
 ” राइटली सेड… हर्षुला …सो इज़ द केस विथ मेल ट्रांसजेंडर्स . यू  नो दे टू आर ब्लेस्ड विथ देयर इनोवेटिव सर्जरीज़ नो ! ” सोफ़िया ने कहा  .  यकायक घडी की सूइयों की तरफ सोफ़िया की निगाह गई। ” ए  हर्षुला ! इट्स 8 . 30 नाउ। लेटस गेट रेड़ी  फास्ट  ….. एन्ड वेल ! वाट्स प्लान फॉर द  डे ?  
   ” सोफ़िया! हाउ डू  लाइक इम्पीरियल याच क्लब  नियर गेट वे ऑफ़ इंडिया ? दरिया में एकाध घंटा बोटिंग करेंगे। , मज़ा आ जाएगा। 
  ‘ यो !.. यो!    सोफ़िया और हर्षुला की सहमति भरी आवाजें एक साथ आईं. ज़ाहिर है वे दोनों फ्रेश होकर ड्रेसअप होने अपनी – अपनी तैयारी में लग गई थीं।    
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रूम नंबर 786 के दरवाज़े पर कॉल बेल बजी। सोफ़िया ने दरवाज़ा खोला। 
  ” हाई ! सो गॉर्जियस ब्यूटी ! कितनों  का क़त्ल करने का इरादा है आज!” सोफ़िया ने हर्षुला की बांह पर चिकोटी काटी। 
 ” तू भी कोई कम नहीं है मेरी जान! सोफ़िया ने अगले कुछ पलों के भीतर रूम लॉक किया और दोनों  ब्रेकफास्ट के लिए नीचे रेस्त्रां के लिए लिफ्ट से नीचे उतरे।
” मैम ! ऑर्डर प्लीज़। … कुछ ही पल में वेटर ने आकर आर्डर माँगा। 
” मिसल  पाव। … मेरे लिए ” … सोफ़िया ने कहा। 
” और एक भुर्जी पाव। …. 
” टी ऑर  कॉफी मैम “
”  नो … जूस ओके !और जरा जल्दी “
” यस  मैम। … “
” और बता सोफ़िया। .. लाइफ में क्या सीन चल रहा है ? 
” आई थिंक। .. हम दोनों को मिलकर कोई प्लानिंग करनी चाहिए हर्षुला ! सातारा में प्रशांत वारकर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं ट्रांसजेंडर्स  के लिए।  अब मेनस्ट्रीम समाज को चाहिए,” दे  मस्ट हेल्प फॉर ट्रांसजेंडर्स  सोशल एंड इकोनॉमिक अपलिफ्टमेन्ट “सोफ़िया  ने कहा । 
” बात सही है सोफ़िया। .. लेकिन सभी ट्रांसजेंडर्स ने अच्छी बातें माननी भी चाहिए न व्हिच आर बीइंग टोल्ड फॉर देयर  बेटरमेंट !” – हर्षुला . 
” यू आर राइट हर्षुला !अपना करियर बनाने ख़ुद को अलर्ट  और डिवोटेड होना पड़ेगा। यार देखो! हम लोगों ने मेहनत की और आगे बढ़े । .. राइट  ! और भी बढ़ रहे हैं न ! वन मोर थिंग हर्षुला !मैं नेट सर्फिंग कर रही थी। कोलकाता में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी की मानबी भट्टाचार्य एक कॉलेज की प्रिंसिपल हैं। “- सोफ़िया. 
” यस। शी  इज़  वंडरफुल पर्सनालिटी  ” हर्षुला  ने  कहा ,” यू नो ! 29 बरस की  विद्या कांबले  देश की पहली ट्रांसजेंडर हैं जिन्हें नागपुर में लोक अदालत में जज बनाया गया  है।  ” 
” ऑफ़ कोर्स। .इट्स प्राउड फॉर अस ,”- सोफ़िया।  इसी बीच वेटर ने टेबल पर नाश्ता सर्व किया।  शुरू करते – करते हर्षुला ने अपनी बात पूरी की ,” सोफ़िया! .सत्रह बरस की उम्र में यू नो ! विद्या कांबले को घर से निकलना पड़ा। वे सारथी ट्रस्ट में रहीं। .उसे ही अपना  घर समझती हैं। “
” सो इंटरेस्टिंग लेकिन कितना दर्द भरा है न सब कुछ !” सोफ़िया ने अपने शब्द पूरे किए और वे दोनों  ब्रेकफास्ट करने लगीं। नाश्ता अंतिम दौर में था कि वेटर ने जूस सर्व किया। जूस सिप करने के दौरान ही हर्षुला ने कहा – 
” यार सोफ़िया ! उबर कॉल कर न …टैक्सी के लिए। … डेस्टिनेशन देना  …. इम्पीरियल याच क्लब  नियर गेट वे ऑफ़ इंडिया ओके! “- हर्षुला 
बिल पेमेंट होने तक सोफ़िया की एंड्रॉयड स्क्रीन पर टैक्सी ड्राइवर का मैसेज उभर चुका  था ,” रीचिंग विदिन थ्री मिनट्स ” . अगले पल ही हर्षुला और सोफ़िया रेस्त्रां के बाहर थे। 
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” सोफ़िया ! रवीना बारिहा   हैं  छत्तीसगढ़ में।  शी इज़ वंडरफुल एक्टिविस्ट। 
” रियली ! ” सोफिया ने आश्चर्य जताया .. “शायद मैं देख  नहीं पाई उनका नाम” सोफ़िया कहने लगी ,”  “
” उन्होंने नेशनल हिजरा हब्बा कंसल्टेशन एन्ड कल्चरल इवेंट दिल्ली में पार्टिसिपेट किया था। इट  वाज़ अ  पार्ट ऑफ़  पहचान प्रोजेक्ट “- हर्षुला .
” अरे वाह ! प्लीज़ टेल मी अबाउट रवीना। .. यू हैड बीन एट  छत्तीसगढ़। “- सोफ़िया । 
” छोटा रॉकेट। .. छोटा बम  भी कहते हैं रवीना को। 2008 से रवीना बारिहा सक्रिय हैं. वो शासकीय टीचर थी , हरिभूमि , देशबंधु रायपुर अखबार के एडिटोरियल डिपार्टमेंट में  काम भी किया .नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइज़ेशन में भी रही। “
” कभी मिलना पड़ेगा  उनसे। .. फीलिंग ईगर टु  मीट हर।”  सोफ़िया कहने लगी ,”हर्षुला ! चल कभी अपने छत्तीसगढ़ स्टेट का प्रोग्राम बना। … वहां भी स्टेट गवर्नमेंट ने काफी काम किया है …यू वेयर टेलिंग  अबाउट !”
” यू नो सोफ़िया ! छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के पास एक प्रस्ताव भी गया है  कि ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के लिए भी हॉस्टल बनाये जाने चाहिए ” हर्षुला कहने लगी ,”यहां पर एक मेडिकल स्टूडेंट को ” छक्का मामा ” कहकर इतना प्रताड़ित किया गया कि आखिर तंग आकर उसने कॉलेज ही छोड़ दिया। 
” ओह माई गॉड!….दिस इज़ रियली शेमलेस ” सोफ़िया ने दुःख जताया। 
” वन मोर केस यू नो !एक चौदह बरस के टीजी को चार बार रेप किया गया। फेमिली डिड नॉट  एवं रिपोर्ट द केस। एक और केस थी जिसमें यू नो .. एक टीजी की जबरन शादी कर दी गई जिसका दो महीने में ही तलाक हो गया। “हर्षुला का जवाब था। 
” रियली देयर आर लॉट्ज़ ऑफ़ केसेस …मच मोर इज़  टू बी डन  फॉर टीजी एन्ड एलजीबीटी। .. राइट हर्षुला !”- सोफ़िया ने कहा। 
” परफेक्टली  सेड …हर्षुला के शब्द समाप्त हुए थे कि उनकी टैक्सी गेट वे ऑफ़ इण्डिया के पास इम्पीरियल याच क्लब  यानि मुंबई सेलिंग क्लब  के सामने थी। । 
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” सोफ़िया! कभी सेलिंग ..याचिंग के लिए आई हो तुम मुंबई ?- हर्षुला .
” नहीं यार ! बिज़ी थी स्टडीज़ में.. सिर्फ शाहू स्टेडियम  सातारा में स्विमिंग के लिए जाती रही।  तुम्हें मालूम हैं मैं   इंग्लिश लिटरेचर में एम् फिल  कर रही हूँ। ट्यूशन और ब्यूटी पार्लर का काम भी करती हूँ। अब पुणे जाकर पी एच डी  करने का प्लान है। 
” दैट्स वंडरफुल ! सोफ़िया ! मेरा एमबीए कम्प्लीट हो गया है। यहां मेरा भी पार्लर है। अब मुझे भी सावित्री बाई फुले , पुणे विद्यापीठ से  पीएच डी करनी है “सोशियो  – इकोनॉमिक स्टेटस ऑफ़ ट्रांसजेंडर्स इन इण्डिया।  जेंडर स्टडीज से पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री भी वहीँ से हासिल की थी। ” – हर्षुला .
” राइट। … इन देट केस। .. लेट मी  शिफ्ट टू  पुणे  एंड प्लान अकॉर्डिंगली ” सोफ़िया । 
“श्योर मेरी जान ! चल ! अभी तो देख समंदर हम दोनों को सेलिंग के लिए बुला रहा 
 है ” . – हर्षुला। 
“वाओ! सो मेस्मेरिक !….. दोनों के होठों से शब्द निकले और वे अमूमन एक घंटे तक दरिया की लहरों पर सेलिंग – याचिंगा का मजा लेती रहीं । 
     समंदर की लहरें….. ऊपर नीला आसमान…..नीली दुनिया के सौंदर्य से दोनों का मन हल्का हो गया। 
” वैसे भी जिस्म की थकान से  कहीं ज्यादह मन के भीतर का तनाव भीतर से तोड़ देता  है न ! ” यकायक हर्षुला ने सोफ़िया से कहा । 
” रियली हर्षुला  ! हम जिस ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से हैं सम टाइम्स बिफोर आई वाज़ कन्सर्न्ड अ  लॉट ” सोफ़िया की आँखें भीग गई थीं। 
” नो ,,, बट नॉट नाऊ  माई डार्लिंग ! हर्षुला  ने कहकर सोफ़िया को बाहों में भींच लिया  ,”वी  विल बी एस्केलेटिंग ऑन द लैडर  ऑफ़ सक्सेस “
 ” यस। .. ऑबवियसली  हर्षु ” सोफ़िया ने कहा  और दोनों की आँखों  से बहते  आंसू टपककर दरिया की लहरों के साथ साहिल तक पहुँच गए। 
” वी  विल प्रूव आरसेल्फ़ द बेस्टेस्ट “
यो… यो…. हर्षुला  और सोफ़िया दोनों की लहराती आवाज गूंजी और हाथों में हाथ लिए वे अपना याचिंग सेशन ख़त्म कर क्लब से बाहर निकले 
. ” सो। .. आई थिंक वी नीड अ  कप ऑफ़ हॉट कॉफी। .. राइट सोफ़िया “
” ” सो स्वीट ! लेटस गो टू  द कॉफी शॉप नियर बाय “
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” सोफ़िया , तुमने अमृता के बारे में पढ़ा था क्या। .. उनसे मिली हो कभी “? हर्षुला  का सवाल था। 
‘ नहीं हर्षुला। .. याद नहीं आ रहा , कुछ बताओ न!- सोफ़िया कॉफी  के सिप लेते  हुए अपने दिमाग पर ज़ोर देने लगी। 
” लिसन ! छत्तीसगढ़ में है अमृता अल्पेश सोनी।  उसे राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के अलावा पंजाब , हरियाणा और चंडीगढ़ का ज़िम्मा दिया है।  वे नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोजेक्ट ” विहान” के एडवोकेसी अफसर बतौर काम देखेंगी। 
” अमृता कहीं कोल्हापुर वाली तो नहीं है “- सोफ़िया ने पूछा।  हर्षुला ने जब हामी भरी तब सोफ़िया को याद आया , ” मेरी कोल्हापुर की एक फ्रेंड ने ही बताया था।,” हर्षुला ! वी विल डेफिनिटली चॉक  आउट अ  प्रोग्राम टू  स्टडी छत्तीसगढ़ इन  दिस कांटेक्स्ट  “…हर्षुला  रही भी तो थी छत्तीसगढ़ में  ट्वेल्फ्थ स्टैण्डर्ड तक।
” वेरी श्योर  …  सोफ़िया । कुछ दिन वहां रहकर आएँगे और सारी  शासकीय योजनाएं भी समझेंगे जो वहां चल रही हैं…. वि विल नो द रियल ट्रुथ ” – 
” सो व्हाट इज़ नेक्स्ट ” सोफिया ने कहा और इससे पहले कि हर्षुला जवाब देती कॉफी ख़त्म हो चुकी थी। यकायक हर्षुला  के मोबाइल पर कॉल आया। अमूमन  तीन बजे होंगे। 
” मैम ! सुधीर देशपांडे फ्रॉम ब्यूटी कॉन्टेस्ट ऑर्गेनाइजिंग कमिटी। 
” ओके “
” हर्षुला मैम ! फॉर्मेलिटीज पूर्ण करायच्या  आहेत तुम्ही केव्हा येता ? “देशपांडे आगे कहने  लगे ,” तुमच्या यायचा आणि जायचा खर्च देण्यात येणार आहे  फॉर्म वर सिग्नेचर पाहिजेत “
” चेक आउट केव्हा करायचं आहे ?चार वाजे पर्यंत आले तर चालेल ना ? ” महाराष्ट्र में रहने  वाले आउटसाइडर्स भी मराठी बोलना अच्छी तरह सीख लेते हैं। 
 हर्षुला ने भी पुणे आकर  मराठी सीख ली थी। उसने पूछा ,”चेक आउट केव्या करायच  ठरवलं आहे देशपांडे साहेब?”
“मैम  … सुरु झाल आहे कि….हाई  टी  4. 30  पासून सुरु होणार आहे। लवकर पोहोचाल तर छान “
” होय .. नक्की येतो आम्ही तो पर्यन्त  …थैंक यू  “-हर्षुला ने कॉल ऑफ़ कर दिया। 
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” वेलकम मैम …सुधीर देशपांडे ने रिसेप्शन डेस्क से हर्षुला  और सोफ़िया का स्वागत स्टैंडिंग ओवेशन के साथ किया। ” फ़क्त ह्या फॉर्म वर साइन करा मैम ।  .सोफिया मैम तुम्ही पण। .. आणि हो “-दोघांचा मनःपूर्वक अभिनन्दन। … ‘- सुधीर देशपांडे ने फॉर्मेलिटीज पूरी की और दोनों को एक -एक लिफाफा सौंपा। 
अगले ही पल वे हाई -टी में शामिल हो गए।  समूचे हॉल में चाय , स्नैक्स लेते हुए सभी लोग विदाई की औपचारिक रस्म अदायगी के साथ विज़िटिंग और बिज़नेस कार्ड्स का आदान -प्रदान कर रहे थे। अंतिम क्षणों की आपाधापी अमूमन ऐसी ही हुआ करती है।  इसी बीच मंच से मुंबई असोसिएशन ऑफ़ ब्यूटीशियन्स की  प्रेसीडेंट  वीनस  फेशियलवाला के हाथों बाकी सारे प्रतिस्पर्धियों को पार्टिसिपेशन सार्टिफिकेट ससम्मान दिए जा रहे थे। सभी के आने – जाने का ख़र्च बकायदा  दिया गया। 
           ” हाय  हर्षुला … कॉंग्रेट्स . माइसेल्फ अयूरा फ्रॉम डेल्ही ।   एंड यु टू सोफ़िया
” थैंक्स एंड ग्लैड टू  सी यू । “- हर्षुला और सोफ़िया ने आभार जताया ।
” जस्ट एन  आर बैक   आई रिसीव्ड अ  कॉल दैट रुद्राणी छेत्री ,कल्कि सुब्रमणियम ,पद्मिनी प्रकाश ,मानबी बंदोपाध्याय , विद्या कांबले , रवीना बारिहा  और   
अमृता अल्पेश सोनी  भी सात नवंबर को दिल्ली आ रही हैं।आप लोग तैयार रहिएगा।।।। सोफ़िया ”  
 ” यस। .. श्योर ऑफ़ दैट  अयूरा ….. बट प्लीज स्टे इन टच ” हर्षुला  ने कहा  और सभी ने अपने कॉन्टेक्ट नंबर शेयर कर लिए।
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सभी लोगों से  . ‘ चला .. बर आहे , पुन्हा भेटू या ..नक्की नक्की …..  हैलो  ,हाय  .. सी यू अगेन  …. स्टे इन टच ‘  कहने – सुनने की औपचारिकताएँ होती रहीं और आहिस्ता – आहिस्ता  हाई टी वाला हॉल अपनी भीड़ को खोता रहा। 
” सुधीर साहेब ! स्पर्धेत सामिल स्पर्धक आणि  ऑर्गेनाइजर्स चे   कॉन्टेक्ट आणि इ- मेल आई -डी पाठवू शकाल  का ? ” सोफ़िया ने हॉल से बाहर निकलते वक्त पूछा। 
” होय की । … तुम्ही माझा कार्ड ठेवा सोफिया मैम। .. मी   नक्की तुम्हाला पाठवतो। ” सुधीर देशपांडे के कहते ही उन्हें थैंक्स कहकर सोफ़िया और हर्षुला बाहर निकले। 
” इट्स 7. 30 सोफ़िया ! शुड  वी स्टार्ट फॉर मुंबई राइट नाऊ – हर्षुला ने पूछा। 
“ओ  यस। .हर्षुला। .. इट  विल टेक थ्री टू फोर आर्स टू रीच  पुणे राइट! “– सोफ़िया
“हाँ। .. सोफ़िया  ! बीच में भूख लगी तो रूककर क़ुछ  खा लेंगे नहीं तो।“ .. हर्षुला कहने लगी ,” यार रात को तू मेरे रूम पर ही रुक जाना …कल ब्रेकफास्ट करने के बाद सातारा जाने का प्रोग्राम डिसाइड  कर लेना “
” राइट , दैट वुड बी अ  बेटर ऑप्शन ” सोफ़िया ने हामी भरी और वे शन्मुखानंद हॉल से   बोर्डिंग स्पेस के लिए रवाना हो गए। कमरा नंबर 786 और 785 के सामने पहुँचते ही हर्षुला ने कहा ,”  सोफ़िया  ! वी मस्ट  गेट रेडी  फास्ट… बाय 8. 30  वी शुड  स्टार्ट फॉर पुणे। .. राइट !
” यो…” सोफ़िया ने कहा  और दोनों अपने – अपने रूम में दाखिल हो गए। 
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             छह महीने पहले 
               
 स्क्रीन पर बीप- बीप करते ही हर्षुला ने देखा। … हार्डी स्टीवेंस। ….. अगले ही पल हर्षुला के गालों  पर गुलाबी रंगत घुल गई। हर्षुला पुरानी यादों में खो गई। … हार्डी से हर्षुला की मुलाक़ात पुणे में ही हुई थी।.उस रोज़  हर्षुला और   हार्डी   की मुलाकात पुणे यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस गेट पर हुई। हर्षुला का  रिक्शा उसे छोड़कर रवाना हुआ ही था  कि हार्डी  पीछे तेज क़दमों से उसके पास  आया।  
 ” एक्सक्यूज़ मी। … 
” यस  …. व्हाट कैन  आई हेल्प  यू  ?”
” माइसेल्फ  …. हार्डी फ्रॉम ऑबर्न यूनिवर्सिटी   यूएसए “
” ओके” 
 ” एक्टिव मेंबर ऑफ़ अमेरिकन असोसिएशन फॉर जेंडर एंड सेक्सुएलिटी स्टडीज़ “
” वाओ  ….वेरी इंटरेस्टिंग “
”  इफ यू डोंट माइंड मे आई नो योर  नेम प्लीज़! ” हार्डी के बोलने का अंदाज़ हर्षुला को भाने  लगा था। 
” हार्डी ! आई एम् हर्षुला …. अ  ट्रांसजेंडर  पर्स्युंइंग एमबीए फ्रॉम सिम्बॉयसिस। केम  हियर एट द सेम डिपार्टमेंट यू आर  हेडिंग टुवर्ड्स “… हर्षुला  ने हार्डी को बताया। 
“रियली। .. दैट्स ग्रेट हारशूला ! हार्डी के  चेहरे पर हैरत के भाव आये लेकिन अगले ही पल हार्डी की आखों में हर्षुला के प्रति सम्मान झलकने लगा।
” सो वी मस्ट ज्वाइन ईच अदर  ओके “
” हर्षुला, हार्डी की आँखों के  आत्मविश्वास भरे  सम्मोहन  से मुग्ध थी। डिपार्टमेंट ऑफ़ जेंडर स्टडीज़ के रास्ते हार्डी ने हर्षुला को बताया। …” आई एम् डूइंग रिसर्च ऑन  जेंडर स्टडीज़ एट ऑबर्न यूनिवर्सिटी इन कांटेक्स्ट विथ  ट्रांसजेंडर्स  इन इंडिया । “
” दैट्स ग्रेट  हार्डी ! …. हर्षुला ने कहा। 
हार्डी ने विभागाध्यक्ष से जरूरी जानकारियां ली।  उन्होंने एक प्रोफेसर को हार्डी की मदद करने का निर्देश दिया और हर्षुला से कहा ,” हर्षुला। .. हर्षुला । … तुम्ही  मदद करा यांची. बेहतर होगा अगर आप हार्डी के साथ इस इशू को डील करें ” 
” श्योर  सर !कहकर हर्षुला और हार्डी वहां से रवाना हुए।लगभग एक महीना हार्डी के साथ यूं फुर्र हो गया मानो कुछ पल बीते हों। 
जिस दिन हार्डी को  सेन फ्रांसिस्को फ्लाइट  से रवाना होना तय था एयरपोर्ट पर  हर्षुला   , हार्डी को सी ऑफ़ करने गई थी। वे एक -दूसरे  के बेहद करीब हो चुके थे।
” विल यू मैरी मी हर्षुला ”  
” हार्डी। . प्लीज़ गिव मी सम टाइम “
” आई एम् योर्स ,,, हर्षुला …. आई लव यू  “
” लव यू टू हार्डी। .. दोनों ने एक- दूसरे   को बाहों में भर लिया था। आखों से ओझल होने  तक हर्षुला की आँखें भर आई थीं। 
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और तभी दरवाज़े की बेल बजी ….. 
 हर्षुला  ने दरवाज़ा खोला। सोफ़िया रेडी होकर अपनी बैगेज के साथ सामने थी।  
” हर्षुला। ..वाट्स रॉन्ग ” तुम्हारी आँखों में आंसू  !
” ये ख़ुशी के आंसू हैं सोफ़िया ” लुक एट  दिस मैसेज फ्रॉम हार्डी -” ऑबर्स  यूनिवर्सिटी इज़  ऑर्गनाइजिंग  अ वेबीनार ऑन सेवंथ नोवंबर ऑन  योर रिसर्च सब्जेक्ट।  आई गेव योर नेम एज़  प्रॉमिनेंट  स्पीकर  … सो  प्लीज़ बी रेडी। मेक मी अ  वीडियो कॉल। 
” ओ माई गॉड। …. इट्स अमेजिंग ” – हर्षुला , सोफ़िया के गले से लग गई।
” ” हर्षुला  वी मस्ट  मूव नाऊ .. सोफ़िया ने हर्षुला से कहा । . 
 ” थैंक्स हार्डी माई लव।- ‘ हर्षुला  ने फ़ौरन मैसेज डाला, ” आई विल कॉल इन द  मॉर्निंग” ।  बैगेज लेकर रूम लॉक किया और वे दोनों चेक आउट कर गए। 
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    पुणे वापसी का सफर शुरू हो चुका था। शहर की भीड़ से बाहर अब टैक्सी मुंबई – पुणे एक्सप्रेस हाईवे पर फर्राटे भर रही थी। सोफ़िया के एंड्रॉइड पर  बीप -बीप हुई। …. सोहेल… मैसेज ओपन करते ही कंटेंट सामने था।  
” स्वीटहार्ट ! यू आर सेलेक्टेड एज़ अ  पीएचडी केंडिडेट इन योर सब्जेक्ट -“एडुकेशनल स्टेटस ऑफ़ ट्रांसजेंडर्स इन इंडिया विथ रेफरेंस टू  देयर लैंग्वेज स्टडीज़ ” .अपीयर फॉर इंटरव्यू ऑन 15 थ सेप्टेंबर ।  ” 
” हे ! यो । …. कहकर सोफ़िया ने हर्षुला को बाहों में भर लिया। “दोनों की ख़ुशी का पारावार न था। 
” सोफ़िया ! गार्डियन एंजेल्स आर फेवरिंग अस ” हर्षुला ने सोफ़िया का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा , ” माई गट फीलिंग सेज़ दैट बेटर प्रॉस्पेक्ट्स  आर अहेड  “
” माई सेंसेस टू “
“इट्स फाइन। … बट व्हाट अबाउट ….वन हू सेड  स्वीटहार्ट सोफिया !”
मुंबई पहुँचते तक सोहेल के लिए  सोफ़िया और हार्डी के लिए  हर्षुला अपनी हर सांस जीती रही। धड़कते रहे दो दिल उन दोनों के लिए जो इनकी ज़िन्दगी का गंतव्य बन चुके थे  .
                           एहसास -ए – इश्क जब हावी हो जाता है तब भूख और प्यास न जाने कहाँ  फ़ना  हो जाते हैं।हर्षुला  और सोफ़िया भी अपने – अपने महबूब पर मुहब्बत की खुशबुओं में डूबे अशआर बरसाती रहीं। इस सफ़र में हर्षुला  ने सोहेल और सोफ़िया ने हार्डी के बारे में इतना जान लिया जितना शायद उन दोनों नौजवानों को भी  नहीं होगा ! इसी बीच हर्षुला को एक झपकी लगी और वह नींद में खो गई। और  सोफ़िया …. यादों में।
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 ….एम् ए इंग्लिश कर  रही थी उन दिनों सोफ़िया सातारा  में  .. सोहेल ग्रेडुएशन कम्प्लीट कर पुणे यूनिवर्सिटी में एम् ए इंग्लिश करने रवाना हो चुका था। सोफ़िया के वालिद का  इंतकाल जब हुआ टूट चुकी थी सोफ़िया । …सपनों के परखच्चे उड़ते नज़र आ रहे थे।  सोहेल ने उसकी हौसलाअफ़ज़ाई की और ऐन  परीक्षाओं के वक्त पूरी मदद की। 
सोफ़िया का रिजल्ट जब फर्स्ट डिवीजन आया तब सोफिया ने सोहेल को रविवार के रोज़ सोहेल को बिरयानी और खीर की दावत दी। पुणे वापसी के वक्त सोहेल को उसने कहा –
    ” मुझे पार्लर में ड्रॉप  कर  देना सोहेल ” – सोफ़िया ने कहा। 
” श्योर सोफ़िया … 
सोहेल भी अब सोफ़िया की अम्मी को अम्मी ही कहता और यकीनन वालिदा की बूढी आँखें  भी   सब कुछ समझ चुकी थी  . 
” चलता हूँ अम्मी फिर मिलते हैं  ” कहकर सोहेल  और सोफ़िया रवाना हो गए।  पार्लर के पास गाडी रुकी और सोहेल – सोफ़िया की निगाहें आपस में मिली। 
भीगी आँखों को अपने रुमाल से पोंछते हुए सोहेल ने कहा , अब तो तुम भी पुणे आने की तैयारी कर लो जाने मन ! 
” हाँ सोहेल …. अब हम सब पुणे में ही रहेंगे ” – कहकर कार से उतरने से पहले सोफ़िया ने सोहेल का हाथ पकड़कर चूम लिया।  
  ” सोफ़िया । ..”  कहां  ख़्वाबों में ग़ुम  हो गई ! तुमने तो मेरा हाथ चूम लिया। …. लगता है सोहेल को देख लिया ख़्वाब में “
जवाब में सोफ़िया ने धीमे से मुस्कुराकर सोफ़िया का हाथ दबा दिया। 
                        ********  
” मैम । .. डेस्टिनेशन  ” … ड्राइवर के कहते ही हर्षुला  और सोफ़िया ने सामान  समेटा और फ़्लैट की ओर  बढ़ गए। 11 .45  हो चुके थे।  थकान थी और कुछ खाने का भी मूड नहीं कर रहा था उनका। पानी पीकर जैसे ही दोनों सोने की तैयारी में थे   सातारा से अम्मी का फोन  और हर्षुला का फोन रायपुर से  मोबाइल स्क्रीन पर था।  हर्षुला  का फोन रायपुर से इसलिए कि उसके पैरेंट्स रिटायरमेंट के बाद  बिलासपुर से रायपुर शिफ्ट हो चुके थे। सच है ,,,,,,रात को सोने से पहले बच्चे या पैरेंट्स एक बार एक – दूसरे  से बात ज़रूर कर लेते हैं।  दिल को सुकून मिल जाता है। 
सुबह  फटाफट  उठकर  सोफ़िया तैयार थी।सात बजे उसने किचन में जाकर कॉफी  बनाई  और एक प्याला हर्षुला  के लिए भी ले आई।    कॉफी  सिप  करने के दौरान सोफ़िया ने कहा  , ”  रात को अम्मी का फोन था , अब आ रही हो पूछ रही थीं। कोल्हापुर से मुजावर चचा जान आ रहे हैं।  ” 
” ओके सोफ़िया । .. अब तो ” हम चार ” अक्सर मिलते ही रहेंगे। .. अरे वीडियो कॉल पर ही सही !”
एक पल के लिए सोफिया अचकचाई और फिर ” हम चार ” का मतलब समझ कर दोनों ने एक – दूजे को गले से लगा लिया। इसी बीच उबर कॉल करने पर टैक्सी अपार्टमेंट के गेट पर आ चुकी थी जिसे उन दोनों ने ओपन विंडो से देख लिया था। 
“ओके बाय सोफ़िया । ….    टेक  केयर ”
” बाय हर्षु  !….. सी यू सून “
अपने फ़्लैट में लौटने के बाद जैसे ही हर्षुला ने टीवी का स्विच ऑन करने अपना हाथ आगे बढ़ाया … उसकी एंड्रॉइड स्क्रीन पर एक  नाम उभरा — हमराज सफरवाला। उसने फ़ौरन कॉल रिसीव किया –
” हाय हमसफ़र ”  दरअसल हमराज सफरवाला  फिल्म एन्ड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ़ इण्डिया , पुणे में डॉक्यूमेंटरी मेकिंग का कोर्स करने के बाद शार्ट फ़िल्में और डॉक्यूमेंटरी निर्माण  में शोहरत की बुलंदियों पर था। इन दिनों मुंबई में अधिक रहा करता…..  सो काफी अरसे से कोई मुलाक़ात भी नहीं थी। 
” हर्षुला ! कॉंग्रेचुलेशन्स। … “
“व्हाट फॉर हमसफ़र ! वी  हैव नॉट मेट सिंस फ्यू मंथ्स। “बात ही कुछ ऐसी है यार !फिल्म एन्ड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट  पुणे  तुमपर एक फुल  लेंथ कमर्शियल मूवी   बना रहा है। और अगले हफ्ते से इसकी शूटिंग शेड्यूल करनी है  “
“वाओ  ! रियली …  स्माइलिंग मॉर्निंग इनडीड। . थैंक यू हमसफर। …’
” ए  हर्षुला  ! खाली- पीली थैंक यूं नई चलने का क्या ! बोले तो पार्टी ड्यू। … ?
” पक्का यार ….अब तो फिल्म बनने तक साथ ही रहने का नई क्या !
 ” हां ! हर्षुला। .. सो सी यू सून “
” बाय हमसफ़र। .. कहकर हर्षुला अपने ड्रेसिंग टेबल के सामने गई। … आईने में नज़र आता अपना चेहरा चूम लिया। फिर एक पल सोचकर  ….. फिल्म बनने की खुश-  खबर सबसे पहले मम्मी – पापा को दूँगी कहा और कॉल  कर ख़ुशी से भरकर चीख पड़ी  -” हाय  मम्मी ! “
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. आधा दर्जन से अधिक भाषांतर और संकलन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. कविता, कहानी आदि साहित्यिक विधाओं में सृजन जारी है.

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