प्रेम अनमोल है। यह एक दिन मिलने वाला उपहार नहीं है जिसके एक निश्चित दिन पर मिलने पर प्राप्त करने वाला/करने वाली खुशियों से सराबोर हो जाएंगे। ना ही प्रेम एक विशेष दिन को उत्सवमयी बनाने का हक़ मांगता है। प्रेम हर दिन की, हर सांस के साथ गुनगुनाने की ज़रूरत का नाम है। हर पल प्रेम में होना ऐसी अनुभूति है जो जीवन को सार्थक बनाती है। यह एक स्त्री-पुरुष के मध्य का प्रेम भी हो सकता है और अन्य किसी रिश्ते पर निछावर होने, प्रेम देने या प्रेम पाने का कारक भी हो सकता है।
दरअसल प्रेम में होना यानी जीवन जीने की ललक होना है। प्रेम में होना यानी विनम्र होना है। यह ऐसी भावना है जो कहती है कि किसी का ध्यान रखना, उसकी परवाह करना, किसी के चेहरे पर खुशी देखना मेरे जीवनका सबसे बड़ा सुख है। प्रेम के मायने किसी की आँखों की चमक में अपना सुख तलाशना है।
प्रेम सिर्फ लेना या लेने के बदले देना नहीं है। इतनी गहरी भावना को सिर्फ एक दिन तक या एक व्यक्ति तक सीमित नहीं कर सकते। यह हर दिन होने वाली क्रिया है। यह सब ओर फैलाने, हर दिन पाने, प्रतिदिन अपनों और अनजान लोगों में बाँटने से प्राप्त होने वाली सुखमय अनुभूति का नाम है। इसे एक इंसान से आगे बढ़ा कर हर एक की पहुंच तक फैलाने के प्रयास का नाम प्रेम में होना है। पशु-पक्षी, नदी-झरने, पर्वत-मरूथल यानी प्रकृति के हर ज़र्रे से प्रेम करना, प्रेम में होना है, प्रेम-उत्सव मनाना है।
आप सभी को प्रेम में रहने, हर पल के प्रेम-उत्सव मनाने की शुभकामनाएं।
प्रेम की शानदार व्याख्या
प्रेम की परिपक्व परिभाषा
धन्यवाद प्रोफेसर मोइनुद्दीन पीरान एवं डॉ अकरम हुसैन।
शानदार आलेख। वास्तव में प्रेम में होना ही आदमी होना है।
इंसानियत का आधार प्रेम ही है।
धन्यवाद ज्ञान प्रकाश जी।
प्रेम को कविता के माध्यम से सरल भाषा में समजा गया है।
सबसे जटिल बात को सबसे सरल भाषा में कहा जाना चाहिए।
आपके इस बार का ‘मन के दस्तावेज़’ पसंद आया, जान कर अच्छा लगा।
बहुत खूबसूरत लिखा नेह भर
मनोनीत प्रेम सप्ताह में प्रेम पर
पूजा जी, आपको लेख पसंद आया, यह जानना सुखद है।
प्रेम की परिपक्व परिभाषा
शुक्रिया प्रो, मोइनुद्दीन पीरान।
सही है । प्रेम के बीना इन्सान नहीं ।
आपने बिल्कुल सही समझा। यही जीवन का मूल मंत्र है।
सही है ।
धन्यवाद तुकाराम जी।
अहा… कितनी सुन्दर बात… प्रेम में होना यानी जीवन की ललक होनी!
जीवन जीने की ललक तभी पैदा होती है जबहम खुद के या अपने साथ किसी अन्य के प्रेम में होते हैं। इसीलिए प्रेम में होना आवश्यक है।
अहा… कितनी सुन्दर बात… प्रेम में होना यानी जीवन की ललक होना!
धन्यवाद रंजना जी।
Beautifully worded!
Thanks Shivani betu.