अपने आसपास आपको ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जिन्होंने सफल होने के लिए जी-जान से मेहनत की, और वे सफल भी हुए। आपके माता-पिता या परिवार के अन्य लोग भी अपनी मेहनत के दिनों की बातें, आपको बताते होंगे। सोशल मीडिया पर इस किस्म के मीम्स की बाढ़-सी आई रहती है जब पिता या परिवार के अन्य लोग बताते हैं कि किस तरह वे नदी पार कर पढ़ाई करने के लिए जाते थे। 
दरअसल पिछले पच्चीस-तीस दशकों में हमारे देश के साथ ही साथ समूचे विश्व में बदलाव की क्रांति आई है। बदलाव हर क्षेत्र में हुए है। सड़कें बनीं, नये स्कूल-कॉलेज  बने, अस्पताल बनाये गए और भी ना जाने कितने ही तरह के बदलाव हुए। परिणामत: आम इंसान के जीवन में दिन-प्रतिदिन का संघर्ष कम हो गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि आज के युवाओं और बच्चों के पास आने वाली पीढ़ियों को सुनाने के लिए किस्से नहीं होंगे। आज के समय के अपने अलग तरह के संघर्ष है। फर्क बस इतना ही है कि अब नदिया पार करने वाली जद्दोजहद सबके लिए नहीं बची है। इसके बावजूद सफलता की ओर बढ़ने वाले कदमों को अनेक अड़चनों को पार करते हुए अपनी मंज़िल तक पहुँचना होता है। 
संघर्ष, संघर्ष होता है, यह छोटा या बड़ा नहीं होता। जिसने इस कठिन मार्ग को चुना, सफलता उसको ही मिलती है। सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। खूब पसीना बहाना होता है, बिना थके मेहनत करनी होती है तब सफलता आपको चुनती है। इसमें कोई बदलाव संभव नहीं है। हाँ, आपकी मेहनत के किस्सों को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने के तरीक़े में बदलाव संभव है। 
आप अपनी सफलताओं का ग्राफ बड़ा कर लें। आप उस उँचाई पर पहुँच जायें कि आपके जीवन को यानी आपके संघर्षों और कठिनाईयों बारे में जानने की जिज्ञासा लोगों में पैदा हो जाये। आपके आसपास के लोग,  आपने जिस क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है, उस दिशा में आगे बढ़ने का सपना देखने वाले, आपकी यात्रा को जानना चाहें। यदि आप ऐसा कर लेते हैं तब आपको अपने संघर्ष को बताना नहीं होगा। बल्कि लोग आपसे उस समय के बारे में पूछेंगे। आपका वह समय किसी अन्य के लिए मार्गदर्शक बन जायेगा।

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