शनिवार तारीख 02-12-2023, देश की अति प्रतिष्ठित संस्था, ‘विविध भारतीय भाषा संस्कृति संगम’ का 5वां वार्षिक उत्सव, मुंबई के केशव गोरे हाल में सम्पन्न हुआ ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता, मुंबई के जाने-माने, कवि, शायर, लेखक, गीतकार श्री देवमणि पांडे जी ने की । मुख्य अतिथि थे डॉ रमेश यादव और आद प्रमिला शर्मा, विशिष्ट अतिथियों में श्री सी एल राव, मैत्रयी कमीला, शिल्पा सोनटक्के, सेवासदन प्रसाद जी थे। सुश्री लता तेजेश्वर ‘रेणुका’ जी संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष और संस्थापक श्री कोटापल्ली तेजेश्वर जी के द्वारा यह सम्मेलन सफल रहा। चूंकि यह मंच बहुभाषी रचनाकरों को लेकर चलती है इसलिए कार्यक्रम में मुंबई के अलावा, देश के कोने-कोने से भी साहित्यकार पधारे । कार्यक्रम का  शुभारंभ  सुश्री प्रभा शर्मा द्वारा सरस्वति वंदना के साथ हुआ l
कार्यक्रम में 7 साहित्यकारों की पुस्तकों का विमोचन  किया गया जिनमें हैं, ‘मैं भी सैनिक’ – जिस संकलन का संपादन लता जी ने की , चंद फुहारें – लता तेजेश्वर, सूत्रधार – पारमिता षड़ंगी, शमा – गिरिमा घारेखान, कवि गंगा – सरोजा मेटि लोडाय, ज़िंदगी – हिना मोदी, मेरी आवाज – डॉ. मंजुला पाण्डेय जी हैं। इसके अलावा ओड़िआ भाषी साहित्यकार व साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत आद बंशीधर षडंगी जी के सम्मान में उनके अनुपस्थिति में उनकी बेटी पारमिता को लता ‘रेणुका’ जी के पिताजी के नाम से “गो.शाम्भूमूर्ति आचारी स्मृति साहित्य भूषण सम्मान” प्रदान किया गया।
साथ ही ‘मैं भी सैनिक,’ किताब में सम्मिलित सर्वश्रेष्ठ तीन लघुकथाकारों को प्रथम विजेता सुश्री मंजु शर्मा जांगिड़, द्वितीय सुश्री गिरिमा घारेखान और तृतीय सुश्री नीना छिब्बर को लघुकथा-वीर सम्मान से सम्मानित किया गया। वर्ष 2023 में प्रकाशित हुई सर्वश्रेष्ठ पुस्तक-लेखकों का सम्मान किया गया,  जिसमें प्रमुख थी, सुश्री उषा साहू की किताब – बच्चे और त्यौहार, सुश्री शिल्पा सोनटक्के की किताब – अलाव पर ज़िदगी, सुश्री मैत्रीय कमीला – अनुदित किताब छुट्टी।
दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया, उपस्थित अतिथियों और विभिन्न राज्यों से आये कवियों ने अपनी सुंदर रचनाओं से काव्य पाठ किया । अनिता रवि, नीलांजना देवी, मंजुल भटनागर, रश्मि जी,ॐ प्रकाश पांडेय, शिल्पा सोनटक्के, मंजुशर्मा जांगिड़, शुभकीर्ति माहेश्वरी, गिरिमा घारेखान, हिना मोदी, नैना डेलिवाले जी ने काव्य पाठ किया । दोनों सत्र का संचालन उषा साहू, पारमिता षडंगी जी, और सुश्री नूरस्सबा ने किया। मैत्रयी कमीला जी ने आभार प्रकट किया। उपस्थित सभी रचनाकारों के धन्यवाद ज्ञापन के साथ, कार्यकर्म सम्पन्न हुआ।

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