किसी की दौलत नहीं हूं मैं मोहब्बत हूं !
कोई अमानत नहीं हूं सबकी इज्जत हूं !!
जन गण मन में रही सदा,रिहाइश मेरी ,
शांति प्रेम एकता की है फरमाइश मेरी !
यूं हिंदुस्तान की मैं सनातनी शरीयत हूं !
किसी की दौलत नहीं हूं मैं मोहब्बत हूं !!
जाति-धर्म कौम में वतन यूं न बांटिये ,
गुल खिलें खिले रहें चमन यूं न काटिये!
किसी की कल्पना नहीं मैं हकीकत हूं !
किसी की दौलत नहीं हूं मैं मोहब्बत हूं !!
छद्मवेश में मिलते लोग गुम है मानवता ,
लील रही इंसानियत को बढ़ती दानवता !
एक इंसा हूं मैं खुद की शख्सियत हूं !
किसी की दौलत नहीं हूं मैं मोहब्बत हूं !!
रचयिता डाक्टर तारा सिंह अंशुल
सम्प्रति ( डाक्टर तारा सिंह )
सी0डी0पी0ओ0
महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश
लखनऊ उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीय महासचिव भारतीय नारी सेना
उपाध्यक्ष राष्ट्रीय महिला काव्य मंच
कवयित्री , आर्टिकल लेखिका , कहानीकार
देश विदेश के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कविता कहानी प्रकाशन
ऑनलाइन प्रतिलिपि में कवितायें ,कहानी प्रकाशन
आकाशवाणी और दूरदर्शन गोरखपुर में कविताओं व कहानी का प्रसारण , परिचर्चाएं!
सम्मान प्राप्त :—
श्रेष्ठ कवियत्री सम्मान जे एम डी प्रकाशन नई दिल्ली
क्रांति धरा सम्मान मेरठ
अंतरराष्ट्रीय तथागत साहित्य सृजन सम्मान सिद्धार्थ नगर
भारतीय दूतावास नेपाल के तत्वावधान /संयोजन में
जनकपुर नेपाल में अंतर्राष्ट्रीय विशिष्ट प्रतिभा सम्मान प्राप्त !
प्रभात जन संस्थान द्वारा कंटेशिया हाउस
कनॉट प्लेस नई दिल्ली स्वच्छता अग्रदूत सम्मान से नवाजा गया !