डॉ नितिन सेठी की कलम से – रूढ़िवाद और जड़ मान्यताओं का प्रतिवाद: दहन

हरियश राय प्रख्यात् कथाकार हैं। अपने सामाजिक उपन्यासों और कहानियों के माध्यम से वे आसपास के परिवेश की बात उठाते हैं और उसे अपने तरीक़े से कथारूप में अभिव्यक्ति देते हैं। समाज के अनेक अवयव हैं जो समाज को गत्यात्मक अवस्था में लाते हैं।...

रूस-यूक्रेन युद्ध पर द्नेप्रो शहर, यूक्रेन से राकेश शंकर भारती की रिपोर्ट

राकेश शंकर भारती एक लंबे अर्से से यूक्रेन के शहर द्नेप्रो में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। वे हिन्दी के प्रतिष्ठित कथाकार एवं उपन्यासकार हैं। राकेश भारती रूसी, जापानी, फ्रेंच समेत कई अन्य भाषाओं के जानकार हैं... वे यूक्रेन में अनुवादक का...

“फिल्म बनाने और अच्छी फिल्म बनाने में जमीन आसमान का फर्क होता है”

हरियाणा का अब तक का एकमात्र ओटीटी प्लेटफार्म स्टेज एप्प हरियाणा सिनेमा से बाहर निकल कर अब राजस्थानी सिनेमा को बढ़ावा देने तथा उसे सहारा देने के लिए उतरा है। इस बार राजस्थानी सिनेमा के इतिहास में वेब सीरीज का एक के बाद एक...

देवी नागरानी का संस्मरण – मैं भी कुछ लिखूं : इच्छा पूर्ति का पहला कदम

हर किसी को किसी भी परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए एक कठिन परिश्रम के दौर से गुज़रते हुए कई परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. मैंने भी ठीक उसी तरह खुद को मुकम्मल सिंधी बनाने के लिए अपनी मातृभाषा सिंधी सीखने के लिए...

पद्मा मिश्रा की लघुकथा – महानता

शिखा पूरी कक्षा के सामने हैरान परेशान सी खड़ी थी, वह समझ नहीं पा  रही थी कि आज सुधा  मैडम को हुआ क्या है ?--रोज की तरह उसकी तारीफ करने की बजाय वह इतना नाराज क्यों हो उठीं ?-- कक्षा में कवि  रत्नाकर के पद सुधा मैडम पढ़ा रही थीं-- यह...

डॉ मुक्ति शर्मा की कविता – जाने क्या है…!

जाने क्या है? खलिश है खला है जाने क्या है ये कुछ मुझ में प्रज्वलित है जाने क्या है...। आंखों से दिल का हाल बयां हुआ है होंठ क्यों सिले हैं जाने क्या है। अभी तक कोलाहल में तल्लीन है यह कंपन यही बस तरतीब है जाने क्या है। दुनिया की परवाह ना...