विधानसभा का होली सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के बाद शुरू हो चुका था। सदन के अंदर माननीय सदस्य हंगामा कर रहे थे कि राज्यपाल के अभिभाषण में राज्य के विकास की बातें तो हैं लेकिन हम सदस्यों को होली का कुछ भी उपहार नहीं मिला है। सरकार की ओर से जवाब आया कि माननीय सदस्य शांत रहें और सदन का होली सत्र चलने दें। पहले सरकार राज्य के लोगों का होली पर विकास करना चाहती है। इसके बाद ही माननीय सदस्यों को होली का उपहार दिया जायेगा।

इसी बीच वित मंत्री ने स्पीकर के आदेश पर होली का बजट पढ़ना शुरू किया। उन्होंने कहा कि होली पर राज्य के युवाओं को एक दिन के लिए नौकरी दी जायेगी और दूसरे दिन वे रिटायर करा दिये जायेंगे। इस पर टोकते हुए एक सदस्य ने कहा यह तो युवाओं को ठगने का काम किया जा रहा है। वित मंत्री ने उन्हें उत्तर देते हुए कहा कि इससे युवाओं को नौकरी करने का अवसर प्राप्त होगा। उन्हें भी महसूस होगा कि वे बेरोजगार नहीं हैं। भले ही नौकरी एक दिन के लिए ही क्यों न हो।

दूसरे सदस्य ने पप्रश्न किया कि एक दिन में आखिर युवा सरकारी नौकरी पाकर कौन सा तीर मार लेंगे। वित्त मंत्री ने जवाब दिया वे एक दिन में भांग घोटेंगे। होली पर राज्य के लोगों को भांग पिलाया जायेगा ताकि वे आंदोलन की राह छोड़कर विकास की राह पर चल सकें।

वित मंत्री ने होली का अपना बजट पढ़ना जारी रखा और कहा होली पर सड़कों के किनारे भांग का शिविर लगाया जायेगा। राज्य के सभी नागरिकों को एक-एक गिलास भांग मुफ्त दिया जायेगा। दूसरा गिलास मांगने पर उसकी कीमत एक रूपये वसूली जायेगी। इससे सरकार को जो आय प्राप्त होगी उसे राज्य के बेरोजगार युवाओं के बीच बांटा जायेगा।

वित मंत्री ने आगे बताया होली के बाद सड़कों की सफाई के लिए भी सरकार के पास योजनाएं हैं। तभी कुछ लोग पानी-पानी चिल्लाने लगे। एक सदस्य ने कहा कि होली पर राज्य में पानी की कमी हो जाती है। कई इलाके के लोग होली खेलने के बाद पानी की कमी के कारण स्नान नहीं कर पाते हैं। वित मंत्री ने उन्हें बताया कि ऐसे लोगों के लिए आसपास की नदियों से पानी की आपूर्ति की जायेगी। इस बीच एक सदस्य ने कहा राज्य की नदियों में पानी नहीं है। नदियां नाले में तब्दील हो चुकी हैं।

तब पर्यावरण मंत्री का जवाब आया कि नदियों की सफाई की व्यवस्था की जा रही है। होली खेलने के बाद जो लोग स्नान नहीं कर पायेंगे उन्हें सरकारी वाहन से नदियों के तट पर पहुंचाया जायेगा और साबून इत्यादि देकर स्नान कराया जायेगा। नदी में कोई गिर न जाये इसके लिए एनडीआरएफ की टीम की तैनाती की जायेगी। ताकि गिरे हुए व्यक्ति को तत्काल नदी से निकाला जा सके।

गृह मंत्री भी पूरे होली के मूड में थे। उन्होंने बताया कि होली के लिए प्रत्येक थाने में भांग की व्यवस्था की जायेगी। भांग पीने के बाद अगर कोई व्यक्ति सड़कों पर हंगामा करता हुए पाया गया तो उसे थाने के लॉकर में बंद कर भांग के डंडे से पीटा जायेगा। इसके लिए सरकार ने भांग के डंडों की व्यवस्था थाने में की है।

गृह मंत्री ने आगे बताया कि इस बार राज्य के अधिकारी होली नहीं खेलेंगे। अगर कोई अधिकारी होली खेलते हुए पकड़ा गया तो उसे होली अदालत में प्रस्तुत किया जायेगा। उसके साथ होली की धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जायेगा और अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे आगामी साल की होली के दिन जमकर भांग पिलाया जायेगा। इसका समर्थन सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर की।

अब बारी थी स्वास्थ्य मंत्री की। उन्होंने होली के अवसर पर लोगों के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देने की बातें कहीं। उन्होंने बताया कि इस बार सरकारी अस्पतालों में होली आउटडोर का विशेष प्रबंध किया जायेगा। वहां होली के चिकित्सक होली का आला लटकाकर बैठेंगे और सभी मरीजों को होली की दवाइयां देंगे। अगर कोई मरीज होली के दिन बीमार पड़ जाता है तो उसकी पूरी देखभाल की जायेगी। इसके लिए होली एंबुलेस की व्यवस्था की जायेगी।

होली सीटीस्कैन से लेकर होली एक्सरे किया जायेगा। गर्भवती महिलाओं को अगर होली के दिन बच्चा होता है तो उन्हें होली का विशेष सर्टिफिकेट दिया जायेगा। ऐसी महिलाओं को होलीश्री या होली माता की उपाधि से नवाजा जायेगा। उनके साथ चिकित्सक फोटो खींचायेंगे जिसे राज्य की पत्रिका में छापा जायेगा।

विधान सभा का होली सत्र चल ही रहा था कि तभी वहां पागलखाने से कुछ वार्डर पहुंच गये और मंत्री से लेकर विधायक बने लोगों को पहचान लिया और दो-दो डंडे लगाते हुए कहा-साले हम सुबह से तुम लोगों को खोजने में परेशान है और तुमलोग यहां विधानसभा का होली सत्र चला रहे हो। एक पत्रकार को पकड़ते हुए कहा पागलखाने में तो तुम सिर्फ न्यूज की बातें किया करते थे। यहां विधानसभा का न्यूज लिख रहे हो। लगता है कि इस न्यूज को अपने बाप के अखबार में छापोगे।

तभी स्पीकर बने पागल ने घोषणा कर दी कि विधानसभा की कार्यवाही आगामी सत्र के लिए स्थगित कर दी जाती हैं। उसे भी दो डंडे लगाकर पागलखाने के वार्डर अपने साथ लेते चले गये। इस प्रकार विधानसभा का होली सत्र माननीय सदस्यों को वार्डरों का डंडा लगने के बाद खत्म हो गया। वार्डरों ने फर्जी विधानसभा के परिसर में माननीय सदस्यों को दौड़-दौड़कर पकड़ा और वापस पागलखाने लेकर चले गये।

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