राजीव तनेजा का व्यंग्य – दुःख भरे दिन बीते रे भईय्या

कोई कुछ भी कहता या बातें बनता फिरे लेकिन वक्त तो सच में आज बिलकुल भी नहीं था मेरे पास। भागदौड़ ही इतनी थी कि बस पूछो मत। सुबह से ले कर दोपहर भी अब होने को आयी थी मगर मजाल है जो एक...

दिलीप कुमार का व्यंग्य – कुदरत का निज़ाम

पाकिस्तान की एक रिपोर्टर कुदरत बलोच ने वहां के निवर्तमान कप्तान बाबर आजम से पूछा - “अब आप कप्तान नहीं रहे, ये कैसा कुदरत का निजाम है ?" बाबर – “देखें जी कुदरत ये निजाम नहीं आजम है। आप बलोच लोग जानबूझकर आजम को निजाम कहती...

अशोक गौतम का व्यंग्य – अविजित मच्छर से शिष्टाचार भेंट

मैं अपने कमरे और दिमाग की खिड़की लगभग बंद ही रखता हूं। गलती से खुली रह जाए तो रह जाए। इसलिए नहीं कि मुझे शुद्ध हवा, शुद्ध विचार से चिढ़ है। मुझे शुद्ध हवा से महंगाई जितनी घुटन होती है। मुझे शुद्ध हवा से...

डॉ ममता मेहता का व्यंग्य – गिरगिट

"चल न क्या किताबों में मुंह गड़ाए बैठी रहती है." नीरू ने चारु के कंधे हिलाते हुए कहा. "अरे अरे रुक तो.. बहुत ही बढ़िया कहानी है,बस इसे खत्म कर लेने दे फिर चलते हैं." चारु ने किताब में नजरें गड़ाए ही कहा. "अरे चल छोड़...

डॉ. रामवृक्ष सिंह का व्यंग्य – पुष्प तोड़ासन

रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ने के कारण अनेक प्रकार की आसन्न व्याधियों के निवारण का एकमात्र उपाय है प्रातः भ्रमण। ऐसा हमारे चिकित्सक का कहना है। लिहाज़ा आजकल नींद जल्दी टूट जाती है और डॉक्टर के बताए अनुसार प्रातः भ्रमण का क्रम जारी...

डॉ ममता मेहता का व्यंग्य – मेरे अपने

ट्रिन ट्रिन... ट्रिन ट्रिन ...ट्रिन..फ़ोन की घण्टी बजी "हलो"मैंने फ़ोन उठाया "हां राज 25 तारीख को क्या कर रहे हो." उधर से सतीश की आवाज़ आई मैं अचकचा गया,  "25 को ? कौन सी 25?" "अरे,कौन सी 25 क्या ? यही 25 परसो.." मैं असमंजस में, " 25 को...