प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद ट्विटर पर अपना संदेश लिखा, “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!”
14 जुलाई 2023 का दिन भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा। इस दिन चार ऐतिहासिक घटनाएं घटित हुईं – श्रीहरिकोटा से चन्द्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण; भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फ़्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन ऑफ़ ऑनर’ से सम्मानित किया गया; फ़्रांस के बैस्टिल डे पैरेड में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया जहां प्रधानमंत्री ने सलामी ली और इस अवसर पर भारत की तीनों सेनाओं के 269 जवानों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया।
हर भारतीय का सीना गर्व से भर उठा जब पेरिस की सड़कों पर ‘सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा’ की धुन गूंज रही थी। याद रहे कि फ़्रांस बैस्टिल दिवस अपने 1789 के फ़्रांसीसी चेतना की क्रान्ति की याद में मनाता है। इस अवसर पर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने शांज़-लीज़े (फ़्रांस का कर्तव्य पथ) के ऊपर से फ़्लाईपास्ट में भाग लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परेड की तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, “फ्रांस की यात्रा यादगार रही। भारतीय सेना की टुकड़ी को इसमें हिस्सा लेते देखना शानदार रहा। मैं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और फ्रांस के लोगों के गर्मजोशी भरे सत्कार के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। भारत और फ्रांस के बीच मित्रता बढ़ती रहे।”
उन्होंने आगे कहा, “फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस दुनिया के लिए ‘स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे’ का प्रतीक है। आतंकवाद की लड़ाई में भारत और फ्रांस हमेशा से ही सहयोगी रहे हैं।”
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछली बार जब मैं फ्रांस आया था तो यह तय हुआ था कि यहां अध्ययन कर रहे छात्रों को पढ़ाई के बाद 2 साल कार्य वीजा दिया जाए। अब, तय हुआ है कि जो छात्र फ्रांस में मास्टर डिग्री हासिल कर रहे हैं उन्हें अध्ययन के बाद 5 साल के लंबे समय का कार्य वीजा दिया जाए।” भारतीय विद्यार्थियों के लिये यह शायद सबसे अधिक सुखद समाचार होगा।
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि “मुझे यहां पेरिस के बैस्टिल डे परेड में पंजाब रेजिमेंट को देखकर गर्व हुआ। हम एक ऐतिहासिक विश्वास के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं। भारत और फ्रांस मिलकर वैश्विक संकटों का समाधान ढूंढ सकते हैं। हम युवाओं को नहीं भूल सकते।”
हर भारतीय को इस पर भी गर्व होगा कि भारत के प्रधानमंत्री शायद विश्व भर में सर्वाधिक देशों से सर्वोच्च सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। यह सिलसिला 2016 में शुरू हुआ और अब तक सऊदी अरब (2016), अफ़गानिस्तान (2016), फ़िलिस्तीन (2018), संयुक्त अरब अमीरात (2019), रूस (2019), मालदीव (2019), बहरीन (2019), अमरीका (2020), भूटान (2021), पलाऊ गणराज्य (2023), फ़िजी (2023), पापुआ न्यू गिनी (2023), मिस्त्र (2023) और अब फ़्रांस (2023) जैसे 14 देश भारतीय प्रधानमंत्री का अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से अलंकृत कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त बिल गेट्स फ़ाउण्डेशन जैसी विश्व की बहुत सी संस्थाएं भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्मानित कर चुकी हैं।
हमें याद रखना होगा कि अभी हाल ही में फ़्रांस एक गंभीर समस्या से गुज़रा है जब देश में हिंसा और आगज़नी का दौर चल रहा था। देश के 45,000 से अधिक पुलिसकर्मी अभी भी उस हिंसा से निपटने के लिये तैनात किये गये हैं। ऐसे माहौल में भारत के प्रधानमंत्री का फ़्रांस दौरा कहीं वहां के राष्ट्रपति को यह संदेश भी देता है कि भारत अपने मित्र के कठिन हालात में उनके साथ खड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ़्रांस से ही एक और घोषणा भी की जिसके अनुसार अब भारतीय सैलानी फ़्रांस में यूनिफ़ाइड पेमेण्ट इण्टरफ़ेस या यूपीआई के माध्यम से ख़र्चा कर सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रारम्भ की गयी ऑनलाइन भुगतान की यह एक नयी प्रणाली है जो अन्तर-बैंक लेनदेन को सुविधाजनक बनाता है।
भारत में गूगल पे, फ़ोन पे, पेटीएम, एमेज़ॉन पे, एअरटेल पेमेंट्स बैंक, सैमसुंग पे, व्हट्सऐप पे जैसे विभिन्न ऐप सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। 2022 के आंकड़ों के अनुसार 382 बैंक इस सिस्टम से जुड़े हुए हैं। भारत में आजकल पटरी पर गोलगप्पे या नारियल पानी बेचने वाले से लेकर बड़े से बड़े डिपार्टमेण्ट स्टोर में इसी विधा से पैसों की अदायगी की जा रही है। डिजिटल पेमेंट भारतीयों के रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुका है। आंकड़े इंगित करते हैं कि यूपीआई प्रणाली जल्दी ही वीज़ा और मास्टर कार्ड के लिये ख़तरे की घंटी बनने जा रहा है।
फ़िलहाल फ़्रांस के अलावा नीदरलैँड, सिंगापुर, सऊदी अरब, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, बेल्जियम, नेपाल, भूटान जैसे देश यूपीआई प्रणाली से जुड़ चुके हैं।
फ़्रांस में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा आज इस समय जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, इसके कुछ ही घंटों बाद चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण होने जा रहा है। उनकी बात सुन कर मेरी आंखों के सामने 2019 के वो पल सामने आ गये जब चंद्रयान-2 कुछ तकनीकी कारणों से असफल हो गया था।
इस मिशन की असफलता ने इसरो प्रमुख के. सिवन एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भावुक कर दिया था। इसरो कंट्रोल रूम में वैज्ञानिकों को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री बाहर निकले और भावुक इसरो प्रमुख के. सिवन प्रधानमंत्री के कंधे पर सिर रख कर फफक-फफक कर रो पड़े। प्रधानमंत्री ने इसरो प्रमुख को गले लगा कर हिम्मत दी; उनकी पीठ थपथपाई और उन्हें हौसला देने के बाद ही वहां से प्रस्थान किया।
मगर आज सफलताओं और गर्व का दिन था। सब कुछ आशाओं के अनुरूप हो रहा था। इसरो के वर्तमान प्रमुख एस. सोमनाथ के चेहरे पर जैसे पूरा कार्यक्रम पढ़ा जा सकता था। उन्हें पिछली असफलता का पूरा ज्ञान था। जितने बदलाव करने ज़रूरी थे, वो सब किये गये थे। प्रोजेक्ट की सफलता के बारे में सबसे अधिक जानकारी वही रखते थे। इस बार प्रधानमंत्री मोदी वहाँ मौजूद नहीं थे।
वहां मौजूद केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण भारत की स्वदेशी क्षमताओं को दोहराता है। और यह उस सपने को सच साबित करता है जो विक्रम साराभाई ने छः दशक पहले देखा था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद ट्विटर पर अपना संदेश लिखा, “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह वास्तव में भारत के लिए गौरव का क्षण है और श्रीहरिकोटा में हम सभी के लिए भाग्य का क्षण है, जो बनने वाले इतिहास का हिस्सा थे। भारत को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो को धन्यवाद और अनलॉक करके इसे संभव बनाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद। श्रीहरिकोटा के द्वार और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सक्षम बनाना..।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसरो टीम और चंद्रयान-3 मिशन के पीछे के सभी लोगों को बधाई दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य शीर्ष नेताओं ने भी देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ की लॉन्चिंग से जुड़े वैज्ञानिक दल को बधाई दी है।
14 जुलाई 2023 हम सब को याद रखना होगा। एक भारतीय होने के नाते ऐसा बहुत कम होता होगा जब हमें एक ही दिन इतनी सकारात्मक और गौरवान्वित करने वाली ख़बरें मिलें। वैश्विक स्तर पर हमें हर तरफ़ से बधाइयां मिल रही हैं।
चीनी सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चंद्रयान-3 को लेकर भारत को बधाई दी। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “बधाई हो! भारत ने शुक्रवार को अपने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को ऑर्बिट में सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। उम्मीद है कि अंतरिक्ष यान अगस्त में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर लेगा। अगर भारत इस कोशिश में सफल हो जाता है तो वो चंद्रमा पर कंट्रोल्ड लैंडिंग करने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।”
चीन के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसी दुनिया की तमाम महाशक्तियों ने भी भारत को चंद्रयान की लॉन्चिंग पर बधाई दी है। वहीं ‘नासा’ (NASA) प्रमुख बिल नेल्सन ने ट्वीट करते हुए कहा कि चंद्रयान-3 लाँच पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संघठन (ISRO) को बधाई। चंद्रमा पर आपकी सुरक्षित यात्रा की कामना करता हूं। हम नासा के लेज़र रेट्रोरिफ़्लेक्टर ऐरे सहित मिशन से आने वाले वैज्ञानिक परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
हिंदी कवि एवं फ़िल्मी गीतकार प्रसून जोशी ने अपने दिल की भावनाओं को कुछ यूं व्यक्त किया है –
अंतरिक्ष में गूंज उठे हम चंद्रयान का गान लिए चाँद तिरंगे रंग में रंगा नयी एक पहचान लिए।
मेरे भारत के वैज्ञानिक तुम गौरव हो भारत का ऊँचा माथा लिए खड़े हम सच्चा एक अभिमान लिये।
बेहद समीचीन विषय और पूरी पृष्ठभूमि के साथ,,,शानदार और खूबसूरत संपादकीय।अक्सर मीडिया बस फ्रंट डेस्क को ही कवर कर लफ्फाज़ी के मुल्लमें से लीप पोत कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है।
यहां पर आदरणीय तेजेंद्र शर्मा निश्चित रूप से साधुवाद और बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने व्यक्ति विशेष नहीं वर्ण भारत के प्रधानमंत्री सफलताओं को भी सामने रखा,बहुधा, बड़े-बड़े स्तंभकार विशेष रूप राजनैतिक टिप्पणी कार अंदाज ए बयां से महरूम रहते हैं और उन पर किसी पार्टी विशेष की आइडलोजी को प्रचारित प्रसारित करने का आरोप स्वाभाविक रूप से लगता है।विपक्ष भी इस पर अपनी सियासी चाल चलता ही रहता है।यह विकासशील और अविकसित अर्थव्यवस्थाओं का सामान्य फीचर है।
वस्तुतः ये सारे सम्मान जो इस संपादकीय में वर्णित हैं,वे भारत के प्रधानमंत्री को मिले हैं।अब जिस प्रधान मंत्री विशेष में नेतृत्व और दूरदर्शिता होगी विश्व उसे ही श्रेय देगा।प्रत्यक्ष रूप से आदरणीय मोदी जी परंतु परोक्ष और मूल रूप से यह सारे सम्मान एक सौ चालीस करोड़ के जनसमूह को प्रदान किए गए हैं।
उपरोक्त के विषय यह बात भी दीगर है कि इस से पहले और सात दशक में कोई भी प्रधानमंत्री इतने प्रभावी ढंग से हमारे लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाया,तो यह साधुवाद और बधाई प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के हिस्से में आनी अनिवार्य है।
अब बात आती है ,मीडिया रिपोर्टिंग की ,,,तब या तो लफ्फाज़ी और चाटुकारिता से लबरेज़ आलेख या फिर विपक्ष की कलुषित मानसिकता को दर्शाते आलेख?!
भारत के युवा और आम जन को संतुलित और तथ्यपरक रिपोर्टिंग कैसे पढ़ने और समझने को मिलेगी।
यहां यह संपादकीय आलेख एक संतुलित और समग्र रूप से तथ्यपरक होने की नज़ीर यानी उदाहरण प्रस्तुत करता है।
सादर
भाई सूर्यकांत जी आपकी विस्तृत एवं यथार्थपरक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार। पुरवाई पत्रिका भारतीय टीवी चैनलों की तरह शोर नहीं मचाती। हम अपने पाठकों को स्थिति से अवगत करवाना बेहतर समझते हैं। गहराई से समझाने का प्रयास करते हैं…
साहित्य मात्र किस्सागोई, कविता या निबंधो की दुनिया नही है। सरल भाषा, मौलिकता व विचारो के ढेर सारे भावो को शब्दो मे पिरोकर किसी भी क्षेत्र पर लेखनी चलाने का महान लक्ष्य साहित्य की पहचान है।
तेजेन्द्र सर! की संपादकीय राजनीति के झरोखो से बहुत सी जानकारी उडेलती, मस्तिष्क को विचारो के सागर मे बहाती है।
प्रत्येक अंक का संपादकीय हमारी पढाकू भूख को तृप्त करता है।
संगीता आप जैसे पारखी पाठकों की प्रतिक्रिया ही हमारा संबल है। मैं अपने संपादकीय भी कहानीकार की दृष्टि से ही लिखने का प्रयास करता हूं ताकि पुरवाई के पाठक आसानी से संपादकीय के साथ जुड़ सकें। हार्दिक आभार।
Your Editorial of the day enlists the glorious events of 14th July with as much pride n appreciation as resides in our hearts too.
Certainly these enumerated four events on a single day make this day a red letter day for all Indians.
You have also pointed out how the use of Indian rupee in foreign countries n the extension of their visa will facilitate our students further.
A heartwarming text.
Warm regards
Deepak Sharma
Deepak ji, being an NRI we can feel the change that has developed in the attitude of our adopted countries towards us as well as India. People living in India may not realize what what we all have been seeing over the decades in foreign lands. For us this was a genuinely proud day!
चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण हर भारतवासी के लिए गर्व का विषय है l इस विशाल उपलबद्धि के अतिरिक्त विदेशों, विशेषकर फ्रांस में हमारा देश भारत किस तरह अपना रुतबा बढ़ा रहा है उस पर आपने इस तथ्यात्मक तार्किक आलेख द्वारा सोच को एक नई दृष्टि दी l आभार
वाकई ये हम सबके लिए गर्व का विषय केवल भारत के बेवकूफ विपक्ष को छोड़कर, अच्छा हुआ कि इन तथाकथित लोगों को आपने अपने संपादकीय में स्थान नहीं दिया। ये इसी योग्य हैं। आभार
भाई आलोक, हमें आज कोई नकारात्मक बात नहीं करनी थी। जब दिन गौरव और गर्व से भरपूर हो तो नकारात्मक बातों या व्यक्तियों के बारे में क्यों सोचना। आपका धन्यवाद।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस के बैस्टिल डे पर भारतीय वायु सेना के विमानों की छत्र छाया में मिले सर्वोच्च सम्मान और कुछ ही देर बाद भारत का अन्तरिक्ष
ड्रीम प्रोजेक्ट मिशन चंद्रयान-3 की युगांतकारी प्रदर्शन पर उत्कृष्ट,शानदार सम्पादकीय के लिये आपको और पुरवाई को हार्दिक बधाई।
बहुत बढ़िया लेख तेजिंदर शर्मा जी । प्रधानमंत्री मोदी जी ने निस्संदेह देश की गरिमा को विश्वभर में ऊँचाइयों तक पहुँचाया है । हम सभी भारतीय गौरान्वित हैं ।
धन्यवाद
बहुत बढ़िया लेख तेजिंदर शर्मा जी । प्रधानमंत्री मोदी जी ने निस्संदेह देश की गरिमा को विश्वभर में ऊँचाइयों तक पहुँचाया है । हम सभी भारतीय गौरान्वित हैं ।
धन्यवाद
देश के प्रधानमंत्री द्वारा अर्जित सम्मान के विषय में उल्लेख देश के लिए गौरवशाली बात है। चन्द्रयान – 3 की सफलता को देश का मान बताने वाली सम्पादकीय बहुत संतुलित रही। आपकी विद्वता का प्रतीक है।
14 जुलाई एक गौरव दिवस जिसके गौरवान्वित पलों को आपने जिस तरह पूरे शोध और विश्लेषण के साथ अपने सम्पादकीय में समेटा है वह अद्भुत है। इतिहास के धरोहर की भांति प्रतीत होता हुआ सम्पादकीय।
बिल्कुल सही कहा सर आपने 14 जुलाई 2023 का दिन इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। हमें गर्व है अपने देश पर,अपने देश के वैज्ञानिकों पर और अपने प्रधानमंत्री पर और साथ ही साथ पुरवाई के संपादक आप पर जो अपने देश से इतनी दूर होने पर भी देश की मिट्टी से जुड़े हुए हैं।भारत के पल-पल की सटीक जानकारी अपने पुरवाई के माध्यम से देश-विदेश को अवगत कराते हैं। बहुत बहुत शुभकामनाएं और आभार।
भारत के चंद्र अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए आज के आपके संपादकीय ‘धरती से अतंरिक्ष तक भारत ही भारत’ ने हर भारतीय का सीना गर्व चौड़ा कर दिया है।
14 जुलाई सच में भारत के लिए अविस्मरणीय दिन है। चाँद की ओर भारत की छलांग तथा उसी दिन फ़्रांस के बैस्टिल दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान तथा विदेशी धरती पर भारतीय सैनिकों का मार्च पास्ट तथा विदेशी धरती पर ‘ सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा ‘ की गूंजती धुन।
इसके साथ ही फ़्रांस के बैस्टिल दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी। सदा की तरह ज्ञानपिपासु पाठक के लिए ज्ञानवर्धक संपादकीय के लिए आपको साधुवाद।
बड़े भैया को सदैव साधुवाद
हम पत्रिका के माध्यम से न केवल साहित्यिक गतिविधियों से जुड़ते हैं अपितु वैज्ञानिक तथ्यों को समझाने में भी आप एक बेहतरीन शिक्षक की भूमिका निभाने दृश्यमान होते हैं । यह हम सभी के लिए गौरवांवित करने वाला प्लेटफ़ार्म है, जहाॅं निरंतर देश-विदेश, खेल समाचार,कथा-साहित्य की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हैं ।
हार्दिक शुभकामनाएं, प्रणाम
बेहद समीचीन विषय और पूरी पृष्ठभूमि के साथ,,,शानदार और खूबसूरत संपादकीय।अक्सर मीडिया बस फ्रंट डेस्क को ही कवर कर लफ्फाज़ी के मुल्लमें से लीप पोत कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है।
यहां पर आदरणीय तेजेंद्र शर्मा निश्चित रूप से साधुवाद और बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने व्यक्ति विशेष नहीं वर्ण भारत के प्रधानमंत्री सफलताओं को भी सामने रखा,बहुधा, बड़े-बड़े स्तंभकार विशेष रूप राजनैतिक टिप्पणी कार अंदाज ए बयां से महरूम रहते हैं और उन पर किसी पार्टी विशेष की आइडलोजी को प्रचारित प्रसारित करने का आरोप स्वाभाविक रूप से लगता है।विपक्ष भी इस पर अपनी सियासी चाल चलता ही रहता है।यह विकासशील और अविकसित अर्थव्यवस्थाओं का सामान्य फीचर है।
वस्तुतः ये सारे सम्मान जो इस संपादकीय में वर्णित हैं,वे भारत के प्रधानमंत्री को मिले हैं।अब जिस प्रधान मंत्री विशेष में नेतृत्व और दूरदर्शिता होगी विश्व उसे ही श्रेय देगा।प्रत्यक्ष रूप से आदरणीय मोदी जी परंतु परोक्ष और मूल रूप से यह सारे सम्मान एक सौ चालीस करोड़ के जनसमूह को प्रदान किए गए हैं।
उपरोक्त के विषय यह बात भी दीगर है कि इस से पहले और सात दशक में कोई भी प्रधानमंत्री इतने प्रभावी ढंग से हमारे लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाया,तो यह साधुवाद और बधाई प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के हिस्से में आनी अनिवार्य है।
अब बात आती है ,मीडिया रिपोर्टिंग की ,,,तब या तो लफ्फाज़ी और चाटुकारिता से लबरेज़ आलेख या फिर विपक्ष की कलुषित मानसिकता को दर्शाते आलेख?!
भारत के युवा और आम जन को संतुलित और तथ्यपरक रिपोर्टिंग कैसे पढ़ने और समझने को मिलेगी।
यहां यह संपादकीय आलेख एक संतुलित और समग्र रूप से तथ्यपरक होने की नज़ीर यानी उदाहरण प्रस्तुत करता है।
सादर
भाई सूर्यकांत जी आपकी विस्तृत एवं यथार्थपरक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार। पुरवाई पत्रिका भारतीय टीवी चैनलों की तरह शोर नहीं मचाती। हम अपने पाठकों को स्थिति से अवगत करवाना बेहतर समझते हैं। गहराई से समझाने का प्रयास करते हैं…
भारत के गौरव को आपके संपादकीय ने चार चांँद लगा दिये, बधाई और हार्दिक धन्यवाद।
शैली जी यह आपकी आज तक की सबसे छोटी टिप्पणी है। इसका अर्थ हम यही निकालते हैं कि हमारा इस बार का संपादकीय आपकी अपेक्षाओं पर सबसे अधिक खरा उतरा। आभार।
अभिभूत हूँ , आज एक भारतीय होने का गर्व है मुझे, शानदार रिपोर्टिंग। तेजेन्द्र जी कैसे लिख लेते हो इतना कुछ और इतना शोधात्मक आलेख? कोटि कोटि बधाई।
सर आप जैसे वरिष्ठों का मार्गदर्शन और पाठकों का स्नेह ही सब करवा लेता है। आभार।
इस गौरवमय क्षण का आपने वर्णन कर पुनः आनंदित कर दिया आदरणीय सर जी
हार्दिक आभार अणिमा जी।
साहित्य मात्र किस्सागोई, कविता या निबंधो की दुनिया नही है। सरल भाषा, मौलिकता व विचारो के ढेर सारे भावो को शब्दो मे पिरोकर किसी भी क्षेत्र पर लेखनी चलाने का महान लक्ष्य साहित्य की पहचान है।
तेजेन्द्र सर! की संपादकीय राजनीति के झरोखो से बहुत सी जानकारी उडेलती, मस्तिष्क को विचारो के सागर मे बहाती है।
प्रत्येक अंक का संपादकीय हमारी पढाकू भूख को तृप्त करता है।
संगीता आप जैसे पारखी पाठकों की प्रतिक्रिया ही हमारा संबल है। मैं अपने संपादकीय भी कहानीकार की दृष्टि से ही लिखने का प्रयास करता हूं ताकि पुरवाई के पाठक आसानी से संपादकीय के साथ जुड़ सकें। हार्दिक आभार।
तथ्यात्मक शोध और संतुलित प्रस्तुति करता संपादकीय, साधुवाद एवं नमन ,संपादक महोदय।
सरोजिनी जी, इस संतुलित टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार।
Your Editorial of the day enlists the glorious events of 14th July with as much pride n appreciation as resides in our hearts too.
Certainly these enumerated four events on a single day make this day a red letter day for all Indians.
You have also pointed out how the use of Indian rupee in foreign countries n the extension of their visa will facilitate our students further.
A heartwarming text.
Warm regards
Deepak Sharma
Deepak ji, being an NRI we can feel the change that has developed in the attitude of our adopted countries towards us as well as India. People living in India may not realize what what we all have been seeing over the decades in foreign lands. For us this was a genuinely proud day!
आप की शोध दृष्टि को प्रणाम। तथ्यों की सटीक और आकर्षक प्रस्तुति। विषय की भरपूर जानकारी देना तो कोई आप से सीखे। फिर एक बार पुरवाई के संपादक को सलाम।
डॉ. अन्सारी आपकी प्यार भरी टिप्पणी के लिये हार्दिक आभार।
चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण हर भारतवासी के लिए गर्व का विषय है l इस विशाल उपलबद्धि के अतिरिक्त विदेशों, विशेषकर फ्रांस में हमारा देश भारत किस तरह अपना रुतबा बढ़ा रहा है उस पर आपने इस तथ्यात्मक तार्किक आलेख द्वारा सोच को एक नई दृष्टि दी l आभार
वंदना जी आपने संपादकीय के तथ्यों को सही समझा है। हार्दिक आभार।
वाकई ये हम सबके लिए गर्व का विषय केवल भारत के बेवकूफ विपक्ष को छोड़कर, अच्छा हुआ कि इन तथाकथित लोगों को आपने अपने संपादकीय में स्थान नहीं दिया। ये इसी योग्य हैं। आभार
भाई आलोक, हमें आज कोई नकारात्मक बात नहीं करनी थी। जब दिन गौरव और गर्व से भरपूर हो तो नकारात्मक बातों या व्यक्तियों के बारे में क्यों सोचना। आपका धन्यवाद।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस के बैस्टिल डे पर भारतीय वायु सेना के विमानों की छत्र छाया में मिले सर्वोच्च सम्मान और कुछ ही देर बाद भारत का अन्तरिक्ष
ड्रीम प्रोजेक्ट मिशन चंद्रयान-3 की युगांतकारी प्रदर्शन पर उत्कृष्ट,शानदार सम्पादकीय के लिये आपको और पुरवाई को हार्दिक बधाई।
भाई दीक्षित जी हार्दिक आभार।
भारत के बढ़ते गौरव को प्रणाम करता संपादकीय – सब का सीना गर्व से चौड़ा हुआ और माथा उंचा। हमें भारत पर गर्व है और आप पर भी।
संतोष जी बस कुछ ऐसा ही महसूस हुआ… धर्ती से आकाश तक भारत ही भारत…
लगभग हर पहलू को समेटता सार्थक संपादकीय। हार्दिक बधाई
नीरज जी बहुत बहुत आभार…
बहुत बढ़िया लेख तेजिंदर शर्मा जी । प्रधानमंत्री मोदी जी ने निस्संदेह देश की गरिमा को विश्वभर में ऊँचाइयों तक पहुँचाया है । हम सभी भारतीय गौरान्वित हैं ।
धन्यवाद
मनवीन कौर पाहवा ।
संभाजी नगर महाराष्ट्र
मनवीन जी बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत बढ़िया लेख तेजिंदर शर्मा जी । प्रधानमंत्री मोदी जी ने निस्संदेह देश की गरिमा को विश्वभर में ऊँचाइयों तक पहुँचाया है । हम सभी भारतीय गौरान्वित हैं ।
धन्यवाद
मनवीन कौर पाहवा ।
संभाजी नगर महाराष्ट्र
देश के प्रधानमंत्री द्वारा अर्जित सम्मान के विषय में उल्लेख देश के लिए गौरवशाली बात है। चन्द्रयान – 3 की सफलता को देश का मान बताने वाली सम्पादकीय बहुत संतुलित रही। आपकी विद्वता का प्रतीक है।
रेखा जी आपकी स्नेहपूर्ण टिप्पणी के लिये हार्दिक आभार।
14 जुलाई एक गौरव दिवस जिसके गौरवान्वित पलों को आपने जिस तरह पूरे शोध और विश्लेषण के साथ अपने सम्पादकीय में समेटा है वह अद्भुत है। इतिहास के धरोहर की भांति प्रतीत होता हुआ सम्पादकीय।
धन्यवाद जया। ऐसी टिप्पणी हौसला बढ़ाती है।
बिल्कुल सही कहा सर आपने 14 जुलाई 2023 का दिन इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। हमें गर्व है अपने देश पर,अपने देश के वैज्ञानिकों पर और अपने प्रधानमंत्री पर और साथ ही साथ पुरवाई के संपादक आप पर जो अपने देश से इतनी दूर होने पर भी देश की मिट्टी से जुड़े हुए हैं।भारत के पल-पल की सटीक जानकारी अपने पुरवाई के माध्यम से देश-विदेश को अवगत कराते हैं। बहुत बहुत शुभकामनाएं और आभार।
अंजु जी इस ज़ोरदार समर्थन के लिए हार्दिक आभार।
भारत के लिए गौरव और स्वाभिमान के पलों पर विस्तृत और सारगर्भित प्रतिवेदन से सजी हुई सम्पादकीय पढ़कर खुशी हुई ।
साधुवाद
Dr Prabha mishra
प्रभा जी आपने लन्दन पहुंचते ही संपादकीय पढ़ भी लिया और टिप्पणी भी कर दी! अद्भुत!
नि:शब्द
बहुत ही सुंदर सम्पादकिय सर जी
हार्दिक शुभकामनाएं
धन्यवाद सपना।
भारत के चंद्र अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए आज के आपके संपादकीय ‘धरती से अतंरिक्ष तक भारत ही भारत’ ने हर भारतीय का सीना गर्व चौड़ा कर दिया है।
14 जुलाई सच में भारत के लिए अविस्मरणीय दिन है। चाँद की ओर भारत की छलांग तथा उसी दिन फ़्रांस के बैस्टिल दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान तथा विदेशी धरती पर भारतीय सैनिकों का मार्च पास्ट तथा विदेशी धरती पर ‘ सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा ‘ की गूंजती धुन।
इसके साथ ही फ़्रांस के बैस्टिल दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी। सदा की तरह ज्ञानपिपासु पाठक के लिए ज्ञानवर्धक संपादकीय के लिए आपको साधुवाद।
इस सार्थक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार सुधा जी।
बड़े भैया को सदैव साधुवाद
हम पत्रिका के माध्यम से न केवल साहित्यिक गतिविधियों से जुड़ते हैं अपितु वैज्ञानिक तथ्यों को समझाने में भी आप एक बेहतरीन शिक्षक की भूमिका निभाने दृश्यमान होते हैं । यह हम सभी के लिए गौरवांवित करने वाला प्लेटफ़ार्म है, जहाॅं निरंतर देश-विदेश, खेल समाचार,कथा-साहित्य की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हैं ।
हार्दिक शुभकामनाएं, प्रणाम
पूनम आप सब का स्नेह पुरवाई की शक्ति है। हार्दिक आभार।