कोरोनावायरस के कोहराम मे पिछले साल 73 वां कान फिल्म समारोह नहीं हो सका था। जिस भव्य पैलेस में हर साल दुनिया भर के सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों और कलाकारों का मेला लगता है , वहां कोरोना के मरीजों की देखभाल हो रही थी और बाद में उसे वैक्सीनेशन सेंटर में बदल दिया गया था। इसी 6 जुलाई की जगमगाती शाम ग्रैंड थियेटर लूमिएर में अमेरिका की मशहूर अभिनेत्री जोडी फोस्टर ने इस साल जूरी के अध्यक्ष अश्वेत फिल्मकार स्पाइक ली, दक्षिण कोरिया के आस्कर विजेता बोंग जून हो और स्पेन के पेद्रो अलमदोवार के साथ जब 74 वें कान फिल्म समारोह का शुभारंभ किया तो इसे जीवन में सिनेमा की वापसी के रूप में देखा गया। 
कोरोनावायरस की महामारी के कारण लंबे समय तक चले लाकडाउन के बाद यह दुनिया का पहला ऐसा फिल्म समारोह था जिसमें कुछ भी वर्चुअल या आनलाइन नहीं था, सबकुछ फिजिकल था। उसी शाम पेद्रो अलमदोवार ने जोडी फोस्टर को आनरेरी पाम डि ओर अवार्ड से सम्मानित किया। पिछले एक-डेढ साल से बंद पड़े फिल्म उद्योग के लिए यह सचमुच खुशी का मौका था क्योंकि सिनेमा के विश्व बाजार का राजस्व करीब अस्सी फीसदी तक कम हो गया है। जोडी फोस्टर ने ठीक ही कहा कि इस जानलेवा लाकडाउन में उन जैसे करोड़ों फिल्म प्रेमियों के लिए सिनेमा  लाइफ लाइन रहा है।  स्वास्थ्य के कड़े प्रतिबंधों के बावजूद एक बार फिर कान का रेड कार्पेट गुलजार हुआ।

 

आमतौर पर मई के दूसरे सप्ताह में होनेवाला कान फिल्म समारोह कोरोना के कारण इस बार जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू हो सका। रेड लिस्ट में शामिल भारत सहित कई देशों के फिल्म कलाकार और पत्रकार वहां नहीं जा सके।  प्रत्येक व्यक्ति को हर 48 घंटे में कोरोना का पीसीआर टेस्ट कराना पड़ा। फ्रांस ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के कारण अपनी सीमाएं लगभग सील कर दी। फिर भी कान में सिनेमा का जश्न जबरदस्त हुआ। 
समारोह की शुरुआत फ्रांस के लेओस कोरेक्स की  अंग्रेजी फिल्म अनेट से हुआ जबकि समापन निकोलस बेदास की फिल्म फ्राम अफ्रीका विद लव से हुआ। इटली के मास्टर फिल्मकार मार्को बेलुचियो की नई फिल्म मार्क्स कैन वेट आकर्षण का केंद्र रही।  मार्को बेलुचियो को समापन समारोह में पाउलो सोरेंटीनो ने  ‘आनरेरी पाम डि ओर‘  अवार्ड प्रदान किया।
ग्रैंड थियेटर लूमिएर में आयोजित एक भव्य समारोह में जूरी के अध्यक्ष अश्वेत फिल्मकार स्पाइक ली ने 74 वें कान फिल्म समारोह के पुरस्कारों की घोषणा की। जूलिया डूकोर्ना की फ्रेंच फिल्म टाइटेनको सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पाम डि ओर अवार्ड दिया गया।कान फिल्म समारोह के 74 सालों के इतिहास में जूलिया डूकोर्ना पाम डि ओर अवार्ड पाने वाली दूसरी महिला फिल्मकार है। इससे पहले 1993 में यह अवार्ड न्यूजीलैंड की महिला फिल्मकार जेन कैंपियों को उनकी फिल्म द पियानो के लिए दिया गया था। इसके 28 साल बाद किसी स्त्री फिल्मकार को यह अवार्ड मिला है। इससे पहले जूलिया डूकोर्ना 69 वें कान फिल्म समारोह (2016) में अपनी पहली फिल्म राके लिए चर्चित हो चुकी है। 
इसी साल 13-14 अप्रैल 2021 को भारत में फ्रांस के दूतावास ने जब सिनेमा में स्त्री नाम से एक जलसा किया तभी से यह लगने लगा था कि इस बार 74 वे कान फिल्म समारोह में किसी महिला फिल्मकार को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पाम डि ओर अवार्ड मिलेगा। इस कार्यक्रम में भारतीय फिल्म प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा को फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां वेस ले ड्रियान ने सम्मानित किया। फ्रेंच फिल्म प्रोड्यूसर  सैंड्रिन ब्रिऊआ ने खुलकर कहा था  कि वे लोग इस बार 74 वे कान फिल्म समारोह में स्त्री फिल्मकारों के लिए कोशिश करेंगे।
लगता है कि सैंड्रिन ब्रिऊआ और अन्य स्त्रीवादियों की कोशिशें रंग लाई और इस बार जूलिया डूकोर्ना सहित कम से कम पांच महिला फिल्मकारों को विभिन्न खंडों में अवार्ड दिए गए। इनमें भारत की पायल कपाड़िया भी एक है जिन्हें अपनी फिल्म अ नाइट आफ नोईंग नथिंग के लिए सहयोगी गतिविधि डायरेक्टर्स फोर्टनाइट खंड में द गोल्डन आई डाक्यूमेंट्री प्राइज‘  प्रदान किया गया। 

इनके साथ ही शार्ट फिल्म खंड में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पाम डि ओर अवार्ड हांग कांग के तांग यी को उनकी फिल्म आल द क्रोज इन द वर्ल्ड के लिए दिया गया। तांग यी अमेरिका के न्यूयार्क विश्वविद्यालय की छात्रा है। अन सर्टेन रिगार्ड खंड में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार रूस के कीरा कोवालेंको की फिल्म अनक्लिंचिंग द फ्रिस्ट्स को मिला। किसी निर्देशक को पहली फिल्म के लिए दिया जाने वाला कैमरा डि ओर अवार्ड क्रोएशिया मूल की अमेरिकी फिल्मकार  अंटोनेटा अलामत कुसिजानोविक की फिल्म मुरिना को दिया गया।
कान फिल्म समारोह में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण अवार्ड ग्रैंड प्रिक्स  असगर फरहादी की ईरानी फिल्म अ हीरो और फिनलैंड के जुहो कौसमानेन की फिल्म कंपार्टमेंट नंबर 6 को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। समारोह की उद्घाटन फिल्म अनेट के लिए फ्रांस के लेवोस कैरेक्स को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला। ड्राइव माई कार के लिए जापान के हामागुची युसुके और टाकामासा ओए को सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार मिला। थाईलैंड के एपिचैटपोंग वीरासेथाकुल की फिल्म   ‘मेमोरिया और इजरायल के नाडाव लापिड की फिल्म अहेड स नी को जूरी प्राइज दिया गया। 
नार्वे के जोआचिम ट्रीयर की फिल्म द वर्स्ट परसन इन दि वर्ल्ड में उत्कृष्ट अभिनय के लिए रेनेट रेंसवे को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और आस्ट्रेलिया के जस्टिन कुरजेल की फिल्म नीट्राम में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए  सेलेब लांड्री जोंस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के अवार्ड से नवाजा गया।फिल्म स्कूलों के लिए दिया जाने वाला सिनेफौंडेशन खंड में प्रथम पुरस्कार बेल्जियम के थेओ डेगेन की फिल्म द सालामांडेर चाइल्डको मिला।
विश्व सिनेमा में स्त्री फिल्मकारों की भागीदारी बढ़ाने के लिए कान फिल्म समारोह के दौरान पिछले कई सालों से पेरिस की एक संस्था  केरिंग फाउंडेशन वुमन इन मोशन प्रोजेक्ट चला रही है। यह संस्था कान फिल्म समारोह की आफिशियल पार्टनर भी है। 12 मई 2018 को 71 वें कान फिल्म समारोह के दौरान सिनेमा में स्त्रियों के मुद्दे को लेकर जूरी की अध्यक्ष आस्ट्रेलियाई मूल की मशहूर अमेरिकी अभिनेत्री केट ब्लैंशेट के नेतृत्व में सैकड़ों महिला फिल्मकारों ने रेड कार्पेट पर मार्च किया था। कान फिल्म समारोह के निदेशक थेरी फ्रेमो ने बार बार इस बात को दोहराया है कि उनकी कोशिशों से कान फिल्म समारोह की जूरी में स्त्री फिल्मकारों की भागीदारी लगातार बढ़ती गई है।
74 वे कान फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पाम डि ओर अवार्ड जीतने वाली जूलिया डूकोर्ना की फिल्म टाइटेन सेक्स और हिंसा से भरी हुई जादुई यथार्थ की साई फाई बाडी हारर फंतासी है। इस फिल्म में जेंडर आइडेंटिटी को दार्शनिक आधार बनाया गया है लेकिन अंततः यह एक अतिवादी सिनेमा है जिसके प्रदर्शन से पहले आयोजकों को यह घोषणा करनी पड़ी कि इस फिल्म के कुछ दृश्य गंभीर सदमा पहुंचा सकते हैं। फिल्म के प्रदर्शन के दौरान कई दर्शक बाहर निकल गए और कई तो बाथरूम में उल्टियां करने लगे।   
  
दर्शकों के लिए यह कल्पना करना थोड़ा मुश्किल है कि कोई स्त्री एक कार के साथ सेक्स ही नहीं कर सकती, वल्कि चरम सुख प्राप्त कर सकती हैं और इस तरह गर्भवती भी हो सकती है और उसकी योनि से रक्त की जगह काला मोबिल ऑयल निकल सकता है। जिस निर्ममता से वह एक के बाद एक लोगों  की हत्याएं करती है, उसे देखकर क्वेंतिन तारंतीनो की मशहूर फिल्म किल बिलकी सीरीयल किलर नायिका की याद आती है।
बचपन में एक कार दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो जाने पर फिल्म की नायिका अलेक्सिया के सिर में डाक्टर आपरेशन कर टाइटेनियम प्लेट लगा देते हैं जिसे फ्रेंच भाषा में टाइटेन कहते हैं। जवान होने पर अलेक्सिया पिता को छोड़कर चली जाती है और कारों की प्रदर्शनियों में सेक्सी डांसर बन जाती है। कारों के साथ आलिंगन, चुंबन, सेक्स, प्रेम, चरम सुख और अंततः गर्भवती होने के दृश्य थोड़े अजीबोगरीब हैं। कई हत्याओं के बाद पुलिस से बचने के लिए अलेक्सिया पुरुष वेष धारण कर एक ऐसे व्यक्ति का बेटा बनने की कोशिश करती है जिसे वह दस साल पहले ही खो चुका है। फिल्म की टैगलाइन उसकी छाती पर टैटू की शक्ल में है जिसपर लिखा है –लव इज ए डाग फ्राम हेल।
हमेशा की तरह इस बार कान फिल्म समारोह के आफिशियल सेलेक्शन  में  कोई भारतीय फिल्म नहीं थी। केवल पर्यावरण विशेष सिनेमा फार द क्लाइमेट में दिल्ली के जानलेवा प्रदूषण पर भारतीय फिल्मकार राहुल जैन की डाक्यूमेंट्री  ‘ इनवीजीबल डीमंसऔर सहयोगी गतिविधि डायरेक्टर्स फोर्टनाइट मे पायल कपाड़िया की फिल्म अ नाईट आफ नोइंग नथिंग शामिल की गई है। इस बार का कान फिल्म समारोह पर्यावरण संरक्षण को भी समर्पित है।
भारत के शाजी एन करूण की  मलयालम फिल्मस्वाहमवह आखिरी फिल्म है जिसे 47 वे कान फिल्मोत्सव (1994) के मुख्य प्रतियोगिता खंड में चुना गया था। पिछले 27  सालों में कोई भी भारतीय फिल्म कान फिल्म समारोह के मुख्य प्रतियोगिता खंड में  नही चुनी गई  है।1913 में कान ने भारत को अतिथि देश का सम्मान जरूर दिया था। लेकिन ऑफिशियल सेलेक्शन या मुख्य खंड में तब भी कोई भारतीय फिल्म नहीं थी। 

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