हमारा मानना है कि हर क्षेत्र में अच्छे और बुरे लोग होते हैं। ड्रग लेना, बेचना, ड्रग की पार्टियां करना सब ग़ैर-कानूनी है। संजय दत्त, फ़रदीन ख़ान और विजय राज ड्रग मामलों के ज्वलंत उदाहरण हैं। कोई नहीं कह रहा कि पूरी फ़िल्म इन्डस्ट्री ड्रग लेती है। मगर जो जो नाम जांच में सामने आएं उन पर कार्यवाही ज़रूरी है, फिर चाहे कोई नाम कितना भी बड़ा क्यों न हो।

सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद मृत्यु के बाद केन्द्र की तीन जांच एजेंसियां मुंबई में डेरा जमा चुकी हैं – सी.बी.आई, ई.डी. और एन.सी.बी.। सी.बी.आई. सुशांत सिंह की मृत्यु की जांच कर रही है; ई.डी. सुशांत के पैसों को लेकर रिया चक्रवर्ती द्वारा किये गये तथाकथित घोटालों की जांच कर रही है और एन.सी.बी. बॉलीवुड में ड्रग्स की स्पलाई और सेवन की जांच कर रही है। इन में सबसे अधिक शांत ढंग से सी.बी.आई. काम कर रही है क्योंकि सुशांत की मौत को लेकर अभी कुछ भी सामने नहीं आया है। उम्मीद है कि एम्स द्वारा की जा रही जांच के बाद शायद कुछ मुद्दे साफ़ हो पाएंगे।
कहा जा रहा है कि रिया चक्रवर्ती ने एन.सी.बी. को बॉलीवुड के 25 नामों की सूची दी है जिनके तार ड्रग्स से जुड़े हुए हैं। 
दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने करण जौहर के घर में रखी गयी ड्रग पार्टी के वीडियो को लेकर शिकायत दर्ज कराते हुए कहा, “करण जौहर जल्द लेंगे कॉफी विद एन.सी.बी.। करण जौहर की इस पार्टी में मलाइका अरोड़ा, दीपिका पादुकोण, अर्जुन कपूर, वरुण धवन, दीपिका पादुकोण, विक्की कौशल और शाहिद कपूर जैसे कई कलाकार दिखाई दिए थे। मनजिंदर सिंह सिरसा ने साल भर पहले यह रिपोर्ट मुंबई पुलिस के पास दर्ज करवाई थी मगर सुशांत की मृत्यु के केस की ही तरह मुंबई पुलिस ने इस मामले को भी दबा दिया था। 
इधर महाराष्ट्र सरकार ने जबसे बी.एम.सी. का सहारा लेकर कंगना रनौत के दफ़्तर को बुलडोज़ किया है तबसे कंगना और भी मुखर रूप से महाराष्ट्र सरकार औऱ बॉलीवुड गैंग पर जवाबी हमला बोल रही है। उसने बॉलीवुड में ड्रग्स रैकेट की गटर को लेकर ख़ासे गंभीर आरोप लगाए। 
उधर लोकसभा सांसद रवि किशन ने बॉलीवुड में ड्रग्स के सेवन पर सरकार द्वारा एक्शन लेने की वकालत की। रवि किशन ने सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग्स ऐंगल को लेकर लोकसभा में कहा था, नशीले पदार्थों की तस्करी और लत की समस्या बढ़ रही है। देश के युवाओं को नष्ट करने के लिए षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। हमारे पड़ोसी देश इसमें योगदान दे रहे हैं। पाकिस्तान और चीन से ड्रग्स की तस्करी की जाती है। इसे पंजाब और नेपाल में लाया जाता है। ड्रग्स की लत का शिकार बॉलीवुड भी है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स की लत काफी ज़्यादा है। कई लोगों को पकड़ लिया गया हैय़ एन.सी.बी. बहुत अच्छा काम कर रही है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं वह इस पर सख़्त कार्रवाई करे, दोषियों को जल्द से जल्द पकड़े और उन्हें सजा दे। जिससे पड़ोसी देशों की साज़िश का अंत हो सके.
रवि किशन के इस बयान पर समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ अभिनेत्री एवं अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन ने राज्य सभा में रवि किशन के इस बयान पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा, “यह बहुत शर्म की बात है कि लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं।”
जया भादुड़ी के इस बयान के पक्ष में अनुभव सिन्हा, सोनम कपूर, तापसी पन्नु, ऋचा चड्ढा, अनुराग कश्यप और उर्मिला माटोंडकर खुल कर सामने आ गये। शिवसेना को तो जैसा अचानक ऑक्सीजन मिल गयी। शिवसेना खुल कर जया बच्चन के पक्ष में बोलने लगी और अमिताभ बच्चन एवं जया बच्चन की सुरक्षा बढ़ा दी।  
महाभारत के भीष्म पितामह और बच्चों के शक्तिमान मुकेश खन्ना ने कहा, इंडस्ट्री में अब नेपोटिज्म बढ़ गया है, ग्रुपिज्म बढ़ गया है और अगर रवि किशन ड्रग्स मामले को उठाते हैं तो जया बच्चन कहती हैं कि जिस थाली में खाते हो उसमें छेद करते हो।’ उनका ये बयान पूरी तरह हास्यास्पद है। अगर ड्रग्स के मुद्दे को उठाया जा रहा है तो उसमें आपको दिक्कत क्यों हो रही है? आप ये क्यों कहते हैं कि इंडस्ट्री की आलोचना मत करो?”
रणवीर शोरी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “थालियाँ सजाते हैं यह अपने बच्चों के लिए। हम जैसों को फेंके जाते हैं सिर्फ़ टुकड़े। अपना टिफ़िन ख़ुद पैक करके काम पे जाते हैं हम। किसी ने कुछ दिया नहीं है। जो है, वो है जो यह लोग हमसे ले नहीं सके। इनका बस चलता तो वो भी अपने ही बच्चों को दे देते।” रणवीर के इस ट्वीट पर लोग कमेंट कर उनकी इस बेबाकी की तारीफ कर रहे हैं।
वरिष्ठ अभिनेत्री जया प्रदा ने भी इस बात की वकालत की है कि बॉलीवुड में ड्रग के इस्तेमाल की जांच की जाए। कंगना रनौत ने अपनी प्रतिक्रिया धमाकेदार ढंग से दी, “कौन सी थाली दी है जया जी और उनकी इंडस्ट्री ने? एक थाली मिली थी जिसमें दो मिनट के रोल आइटम नम्बर्ज़ और एक रोमांटिक सीन मिलता था वो भी हेरो के साथ सोने के बाद। मैंने इस इंडस्ट्री को फ़ेमिनिज़म सिखाया, थाली देश भक्ति नारीप्रधान फ़िल्मों से सजाई, यह मेरी अपनी थाली है जया जी आपकी नहीं।
शिवसेना सरकार का व्यवहार समझ नहीं आया। शेखर सुमन के पुत्र के पांच साल पुराने इंटरव्यू को आधार बना कर महाराष्ट्र के गृहमन्त्री कंगना रनौत पर ड्रग मामले में जांच बिठाने जा रही हैं। मगर सिरसा साहब द्वारा जमा करवाए वीडियों को ठण्डे बस्ते में डाल दिया है। 
बॉलीवुड में ड्रग्स का सेवन वर्तमान पीढ़ी  में अधिक प्रचलित हुआ है। कुन्दन लाल सहगल और चन्द्रमोहन और मीना कुमारी के ज़माने से लेकर 1990 तक बहुत से कलाकार अधिक शराब पीने से अपना नुकसान करते रहे। मगर वे शराब से केवल अपना नुक़्सान करते थे। जहां तक ड्रग्स का सवाल है यह एक सामाजिक बीमारी है। 
हमारा मानना है कि हर क्षेत्र में अच्छे और बुरे लोग होते हैं। ड्रग लेना, बेचना, ड्रग की पार्टियां करना सब ग़ैर-कानूनी है। संजय दत्त, फ़रदीन ख़ान और विजय राज ड्रग मामलों के ज्वलंत उदाहरण हैं। कोई नहीं कह रहा कि पूरी फ़िल्म इन्डस्ट्री ड्रग लेती है। मगर जो जो नाम जांच में सामने आएं उन पर कार्यवाही ज़रूरी है, फिर चाहे कोई नाम कितना भी बड़ा क्यों न हो। 
लेखक वरिष्ठ साहित्यकार, कथा यूके के महासचिव और पुरवाई के संपादक हैं. लंदन में रहते हैं.

10 टिप्पणी

  1. बहुत ही संतुलित और विचारणीय आलेख। दरअसल सभी अपनी चमड़ी बचाने की जुगत में हैं। देखते हैं ऊँट किस करवट बैठेगा

  2. ड्रग की पार्टी करते हैं और फिर वीडियो भी शेयर करते हैं ! हिम्मत तो देखिये! अपने सटीक लिखा – कार्यवाही ज़रूरी है!

  3. बढ़िया विश्लेषण ।जिस थाली में खाते हैं उसकी शुचिता की जिम्मेदारी भी आपकी ही है और अगर आप वह काम नहीं कर सकते तो कम से कम एजेंसियों को यह काम करने दीजिये।
    संतुलित सारगर्भित लेख।

  4. ड्रग्स के मामले की सही जांच ज़रूरी है। वहीं सोशल मीडिया पर लगे आरोप-प्रत्यारोप केवल पक्ष या विपक्ष के खेमे खड़े कर रहे हैं। अच्छा संपादकीय।

  5. बहुत सामयिक आलेख आज युवा पीढ़ी ड्रग्स की गिरफ्त में आती जा रही है। इसके उपयोग का क्लाइमैक्स फ़िल्म इंडस्ट्री में देखा जा सकता है।

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