हर जगह
वुहान ही वुहान
हे भगवान !
दोनों बड़े हैं
कोबिड व गोविन्द
दोनों अड़े हैं !
कोरोना काल
दुखान्त फिल्म का शो
विश्व-मंच पे !
क्यों रे विहान
बना डाले तूने क्यों
इतने वुहान ?
हो चली है क्यों
कोरोना कालरात्रि
इतनी लम्बी ?
रुकें,न रुकें
कोरोना के बाद भी
जग के आँसू !
दयानिधान
कहाँ है तेरी दया
खोजे जहान !
इतने शव
देखे हैं क्या पहले
तूने केशव ?
थू है विहान
तेरी मुट्ठी में भी क्यों
सिर्फ़ वुहान ?
लहूलुहान
डॉलर यूरो रूबल
पौंड युवान !
कैसा तांडव
आंँखों ने देखे बस
शव ही शव !
जीतने तक
हार जाएगा सारा
जग बेचारा !
हाथ धोना है
वर्ना जीवन से ही
हाथ धोना है !
कोरोना क्रुद्ध
भूमिगत हैं सारे
देव प्रबुद्ध !
शिकार पर
निकला है कोरोना
कोई रोको ना !
ये भी होना है
कोरोना के बाद भी
भोर होना है !
यदा यदा हि..
तूने कहा था कृष्णा
याद तो है ना ?