होम कविता रश्मि लहर की कविता – प्रेम का चंदन ले आओ कविता रश्मि लहर की कविता – प्रेम का चंदन ले आओ द्वारा रश्मि लहर - October 31, 2021 60 1 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet मृत्यु आ जाने से पहले, प्रेम का चंदन ले आओ। क्षीण बाहें कांपती हैं, नेह आलिंगन ले आओ।। पट रही है ये धरा अब, मानवी-निश्चेष्ट तन से, खुल चुकी हैं मुट्ठियां भी, जो बंधी थीं क्षणिक धन से। टूटती हैं तन शिराएं, सजग अभिनंदन ले आओ। मृत्यु आ जाने से पहले, प्रेम का चंदन ले आओ।। पवन में चीखें घुली हैं, घूरती बुझती चिताएं। जन्म-जन्मांतर के साथी, पर कहां संग मिट भी पाएं। भ्रमित स्वर-लहरी न भाए, गीत स्पंदन ले आओ। मृत्यु आ जाने से पहले, प्रेम का चंदन ले आओ। जागकर मधुरिम सवेरा, दे नहीं ऊर्जा रहा। दु:ख कतारों में खड़ा, हर पीर को उलझा रहा। जन्म लें कुछ नव-कथाएं, जागृति नंदन ले आओ। मृत्यु आ जाने से पहले, प्रेम का चंदन ले आओ। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं रेखा भाटिया की कविता – लैंप पोस्ट के पास सरोजिनी पाण्डेय की कविता – जीवन का पाथेय अर्पणा शर्मा की कविता- अनंत कैद – पंगुता 1 टिप्पणी बहुत बहुत धन्यवाद जवाब दें Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.
बहुत बहुत धन्यवाद