Saturday, July 27, 2024
होमकवितासुमन शर्मा की कविता - पंद्रह अगस्त

सुमन शर्मा की कविता – पंद्रह अगस्त

यें हिन्दोस्तान मेरा है
ये हिन्दुस्तान तेरा है,
हम सबके इस हिन्दुस्तान का,
फिर इक नया सबेरा है।
महामारियों की मार को,
सीमा पर दुश्मनों के वार को,
गंगा और तिरंगा वाली,
इस धरती ने ललकारा है,
अनेकता में एकता का,
भाव कभी न हारा है।
हिन्दुस्तान हमारा है।
गाँधी नेहरू के इस देश की
ओर,देख रहा जग सारा है।
हमारी सभ्यता और संस्कृति का
चहुँओर गूँज रहा जयकारा है,
एकता और अखंडता से,
हमने हर समस्या को उकेरा है,
न तेरा है,न मेरा है,
हम सबके हिन्दुस्तान का,
यह इक नया सबेरा है।
RELATED ARTICLES

1 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Most Popular

Latest