यें हिन्दोस्तान मेरा है
ये हिन्दुस्तान तेरा है,
हम सबके इस हिन्दुस्तान का,
फिर इक नया सबेरा है।
महामारियों की मार को,
सीमा पर दुश्मनों के वार को,
गंगा और तिरंगा वाली,
इस धरती ने ललकारा है,
अनेकता में एकता का,
भाव कभी न हारा है।
हिन्दुस्तान हमारा है।
गाँधी नेहरू के इस देश की
ओर,देख रहा जग सारा है।
हमारी सभ्यता और संस्कृति का
चहुँओर गूँज रहा जयकारा है,
एकता और अखंडता से,
हमने हर समस्या को उकेरा है,
न तेरा है,न मेरा है,
हम सबके हिन्दुस्तान का,
यह इक नया सबेरा है।
वाह …बेहद सुंदर रचना