एक बीमारी ने क्या गजब दुनिया दिखाई हर तरफ एक जंग सी नजर आई .. कहीं बीमारी से लड़ने की, कहीं किसी को गलत साबित करने की कहीं किसी को नीचा दिखाने की कहीं खुद को कुछ नया सिखाने की
एक छोटे से वायरस ने सबको साधारण बना दिया जिसको पिछड़ा हुआ कहते थे उसका कहा मनवा दिया .. नमस्ते, हाथ धोना, साफ सफाई तो हमारे पूर्वजों ने समझाया आज पूरी दुनिया में उसकी जरूरत का लोहा मनवाया
जिनको समाज ने बनाया मौलाना/फादर/पुजारी उन्होंने ही दी धर्म और जातिवाद की बीमारी .. किसी को भी मानो चाहे वो हो भगवान /जीसस /खुदा बस सच्चाई और ईमानदारी की राह से ना होना जुदा
एक गजब दुनिया दिखाई है हर तरफ एक जंग सी नजर आई है
धर्म हमारे लिए है हम धर्म के लिए नहीं .. कर्म करने वाले कुछ सोचते नहीं डॉक्टर, नर्स, डिलवरी मैन और सफाई वाला .. अपनी परवाह ना कर तुम्हारे कामों में लगा है आज हर इन्सान एक साथ खड़ा है
असलियत तो इंसान है इन्सान ही भगवान है .. वाह क्या गजब दुनिया दिखाई है एक जंग सी नजर आई है
जिनको यूजलैस कहा जाता था .. आज सब वही बनने की चाह में हैं मुबारक हो आज सब कलाकार बनने की राह में हैं … पहले दुनिया में थी अब सोशल मीडिया पर मची होड़ है क्या इसका कोई तोड़ है ?
मैं कलाकार हूँ … मैं संगीतकार हूँ .. मैं रचनाकार हूँ .. वाह रे मालिक क्या गजब दुनिया दिखाई है हर तरफ एक जंग सी नजर आई है ||
वहीं कहीं दूर मैं इस सबके बीच अपने को मानता निराकार हूँ कभी कभी सोचता हूँ ..
क्या होगा ? कैसे होगा ? कब होगा ? और लगता है .. कुछ नही था तो अच्छा था कुछ नहीं होता तो अच्छा होता क्या हो गया कुछ होकर भी कुछ नहीं होगा तब भी अच्छा होगा
बेफिक्र सा मस्त मौला रहने में सार है, नहीं जीतना कुछ बस बाँटना प्यार है कोई जंग नहीं.. ना ही कोई गिला शिकवा अब बस मान ही लूँ एक शांत दुनिया उस पार है एक बीमारी ने गजब दुनिया दिखाई है …..