होम कविता डॉ. मुक्ति शर्मा की कविता – तिब्बत की आज़ादी कविता डॉ. मुक्ति शर्मा की कविता – तिब्बत की आज़ादी द्वारा डॉ. मुक्ति शर्मा - February 14, 2021 265 2 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet तिब्बत की आज़ादी का सपना लेकर चल पड़े हम। सपना जल्दी अपना होगा यह संकल्प कर चले हम। एक छोटी सी चिंगारी देखते-देखते आग बन गयी। मेहनत हमारी अवश्य एक दिन रंग लाएगी छोटी सी चिंगारी अवश्य ज्वाला बन जाएगी। अब तो सो रही जनता को भी जगाना है। अभी तो हमें भोले शंकर को भी आज़ाद करवाना है। हमारी मेहनत अवश्य रंग लाएगी भगवे चोटले की छत्रछाया कुछ तो कमाल दिखाएगी। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं मनवीन कौर की कविता – मेरे पापा हरदीप सबरवाल की चार कविताएँ अनीता रवि की कविता – मैं पांचाली नहीं 2 टिप्पणी मुक्ति शर्मा बेहतरीन कविता जवाब दें सुन्दर जवाब दें Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.
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