होम कविता डॉ. मुक्ति शर्मा की कविता – तिब्बत की आज़ादी कविता डॉ. मुक्ति शर्मा की कविता – तिब्बत की आज़ादी द्वारा डॉ. मुक्ति शर्मा - February 14, 2021 353 2 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet तिब्बत की आज़ादी का सपना लेकर चल पड़े हम। सपना जल्दी अपना होगा यह संकल्प कर चले हम। एक छोटी सी चिंगारी देखते-देखते आग बन गयी। मेहनत हमारी अवश्य एक दिन रंग लाएगी छोटी सी चिंगारी अवश्य ज्वाला बन जाएगी। अब तो सो रही जनता को भी जगाना है। अभी तो हमें भोले शंकर को भी आज़ाद करवाना है। हमारी मेहनत अवश्य रंग लाएगी भगवे चोटले की छत्रछाया कुछ तो कमाल दिखाएगी। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं बिमल सहगल की कविता- जागी आँखों के सपने योगेंद्र पाण्डेय की कविता – गुलमोहर के फूल आशीष मिश्रा की कविता – शून्य है 2 टिप्पणी मुक्ति शर्मा बेहतरीन कविता जवाब दें सुन्दर जवाब दें कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.
मुक्ति शर्मा बेहतरीन कविता
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