Wednesday, October 16, 2024
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डॉ. मुक्ति शर्मा की कविता – तिब्बत की आज़ादी

तिब्बत की आज़ादी का
सपना लेकर चल पड़े हम।
सपना जल्दी अपना होगा
यह संकल्प कर चले हम।
एक छोटी सी चिंगारी
देखते-देखते आग बन गयी।
मेहनत हमारी अवश्य एक दिन रंग लाएगी
छोटी सी चिंगारी अवश्य ज्वाला बन जाएगी।
अब तो सो रही
जनता को भी जगाना है।
अभी तो हमें भोले शंकर
को भी आज़ाद करवाना है।
हमारी मेहनत अवश्य रंग लाएगी
भगवे चोटले की छत्रछाया
कुछ तो कमाल दिखाएगी।
डॉ. मुक्ति शर्मा
डॉ. मुक्ति शर्मा
संपर्क - 9797780901
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