होमकवितारश्मि लहर की कविता - विकल आखर कविता रश्मि लहर की कविता – विकल आखर By रश्मि लहर August 13, 2023 0 207 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp अचानक एक निर्वस्त्र सदी को देख फटने लगता है स्तब्ध बादलों का मन बढ़ जाती है रुग्ण वेदना की उलझन लहू चू पड़ता है पीढ़ियों की लहुलुहान ऑंखों से बन्दी बने भाव माथा पीटने लगते हैं बेबसी की सलाखों से। सपनों के खेत में दहशत से भरी मिलती हैं कुछ अन-अकुवाई कल्पनाऍं। वर्तमान के कटीले पथ पर दाॅंत भींचे टहलती रहती है सभ्यता भाग्य रेखाओं को कुरेदती हुई विचलित हैं कुछ थरथराती उॅंगलियों की तटस्थता। यथार्थ के निस्तेज मुख पर फैलती जा रही है बेबसी की झाइयाॅं संवेदनाओं की कर्ण-भेदी चीखें विचारों की धरा पर दरार पैदा कर रही हैं। विद्रोह की पदचाप सुनकर काॅंप गये हैं कुछ ऐतिहासिक कृत्य। आत्महंता न बनने को कटिबद्ध हो चुके हैं कुछ पारदर्शी सत्य। रश्मि लहर इक्षुपुरी कालोनी, लखनऊ उत्तर प्रदेश मो.9794473806 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp पिछला लेखसूर्यकांत शर्मा की कलम से ‘रानी और रॉकी की प्रेम कहानी’ की समीक्षाअगला लेखरमा भारती की कविताएँ रश्मि लहरसंपर्क - [email protected] RELATED ARTICLES कविता नेहा वर्तिका की कविता – है थका हुआ शहर मेरा September 28, 2024 कविता बिमल सहगल की कविता – खंडित मूर्तियाँ September 28, 2024 कविता हरिहर झा की कविता – मीत है बाजार की September 28, 2024 कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें टिप्पणी: कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! नाम:* कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें ईमेल:* आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें वेबसाइट: Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed. Most Popular कविताएँ बोधमिता की November 26, 2018 कहानीः ‘तीर-ए-नीमकश’ – (प्रितपाल कौर) August 5, 2018 ‘हयवदन’ : अस्मिता की खोज May 2, 2021 अपनी बात…… April 6, 2018 और अधिक लोड करें Latest प्रो. सरोज शर्मा का लेख – विद्यालयी शिक्षा के व्यापकत्व की दिशाएं और संभावनाएं September 29, 2024 मनविंदर सिंह भाटिया की कलम से – आधी आबादी के मन की गहरी थाप September 28, 2024 डॉ. मधु संधु की कलम से – प्रवास में पैर जमाने की संघर्ष कथा- वह दिन आयेगा ज़रूर September 28, 2024 नेहा वर्तिका की कविता – है थका हुआ शहर मेरा September 28, 2024 और अधिक लोड करें