Saturday, July 27, 2024
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मयूरी चोरड़िया की कविताएँ

1
देश की आन, बान शान पर, हम आँच कभी न आने देंगे,
तू देश नही झुकने देगा, और हम तुझे नही झुकने देंगे
विश्व गुरु थे हम, विश्व लीडर हैं हम, सदा विश्व मे आगे रहेंगे
और युग युगों तक, जब तक है जान, जय भारत, दोहराते रहेंगे…
विश्व के कोने कोने मे, जन जन मे देश भक्ति हो, जज़्बा ये ही जगाते रहेंगे,
और सभी देश विरोधी सून ले
कभी न हारेंगे हम , ये तिरंगा हमेशा लहराते रहेंगे
2
लोगो के गुनाहों की,सरे आम नुमाइश ना कर…
महज़ इंसान है तु,उनकी सजा मुक़र्रर ना कर…
तु कर कर्म अपना,कोई दगा ना कर…
औऱ खुदा है कहीं ना कहीं, तु ही सबका हिसाब ना कर..
3
दोबारा ना सोचना…..
सुनो लड़को –
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
तुम गर कभी फँस जाओ, किसी चक्रव्यूह में,
पाओ खुद को संकटो के घेरो में, महाभारत से हो हालात जीवन में,
तो उठा लेना सुदर्शन चक्र, और तुम भी श्री कृष्ण हो जाना…..
और सुनो लड़कियों –
जीवन की रणभूमि में,
किसी के भी अधिकार में,
गर लक्ष्मी बन हो अपमान तुम्हारा,
प्रश्न में हो अस्तित्व तुम्हारा,
खतरे में हो स्वाभिमान तुम्हारा,
तो उठा लेना तलवार, और तुम भी रानी लक्ष्मी बाई हो जाना …..
दोबारा ना सोचना…..
4
पुराना जमाना कितना प्यारा था दोस्तों, वो पुराना जमाना…
बारिश के पानी मे नहाना, और कागज़ की नाव बनाना….
पड़ोसियों से बतियाना, रंगबिरंगी पतंगों को उड़ाना …
रिश्तेदारो का लगा रहता, एक दुसरे के घर आना जाना….
खुली हवा में साँस लेना, और पनघटों पे, पानी लेने जाना….
एक दूजे के घर आंगन बैठ कर, घंटो तलक बतियाना,
सबका मिलजुल कर, एक दूसरे का, सुख दुख बाट लेना….
और प्यारा लगता था सबको, एक दूजे का रूठना मनाना…..
बच्चो की मासूमियत शरारतें करना, सबके दिलों को लुभाना…
घर आँगन का दीपक की लो से जगमगाना….
नहीं था फितरत में शामिल, इंसानों को आजमाना…..
सभी गाते थे मिलकर, प्यार का सुरीला तराना….
औऱ सच्चे थे इंसान, नहीं था रिवाज़ दो चेहरों को लगाना….
सच कहते है हम दोस्तों, बहुत ही खूबसूरत था वो जमाना….
मयूरी चोरड़िया
मयूरी चोरड़िया
मयूरी चोरड़िया चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. संपर्क - [email protected]
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