राकेश शंकर भारती एक लंबे अर्से से यूक्रेन के शहर द्नेप्रो में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। वे हिन्दी के प्रतिष्ठित कथाकार एवं उपन्यासकार हैं। राकेश भारती रूसी, जापानी, फ्रेंच समेत कई अन्य भाषाओं के जानकार हैं… वे यूक्रेन में अनुवादक का काम करते हैं। रूस द्वारा यूक्रेन पर किये गये आक्रमण पर उनके अपने निजी अनुभव एवं विचार हैं। वे अपने अनुभव एवं रूस के यूक्रेन पर आक्रमण पर अपनी प्रतिक्रिया पुरवाई के पाठकों के साथ साझा कर रहे हैं। ये उनके अपने विचार हैं। पुरवाई पत्रिका केवल उन्हें साझा कर रही है। हमारे पास उनके विचारों के तथ्यात्मक सच की जांच करने के कोई साधन मौजूद नहीं हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध और भारतीय मीडिया…
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राकेश शंकर भारती, द्नेप्रो शहर, यूक्रेन, (यूक्रेन – 09/12/2022)
राकेश जी आपने यूक्रेन, रूस युद्ध पर विस्तार से
लेख दिया है पढ़कर मन विचलित हो गया
मानवता किस ओर जा रही है समझ नहीं आता
जब इंसान ही नहीं होंगे तो कौन किस पर राज करेगा ।
साधुवाद
Dr Prabha mishra
गधा लेखक है। न भाषा सही, न ज्ञान है। बस युक्रेनी नाज़ियों की डर से उलूल – ज़ुलुल लिखता है। अमेरिकी दोस्ती युक्रेन को महंगी पड़ेगी। ये नाज़ी लेखक नही लिखता कि कैसे वहाँ की आर्मी का Azov बटालियन रूसी भाषी युक्रेनी नागरिकों की हत्या करता है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 15,000 से ज्यादा रूसी भाषी युक्रेनी नागरिकों की हत्या युक्रेन की नाज़ी सेना ने दोनबास (दनेस्क और लुगाँस्क) में की है। रूस वहाँ खुल कर हमला नहीं कर सकता क्योंकि युक्रेन में रूसी भाषी नागरिक मारे जा सकते हैं, क्योंकि युक्रेनी सेना उनका ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। लेकिन एक दिन सत्य विजयी होगा।
ये गधा लेखक है। न भाषा सही, न ज्ञान है। बस युक्रेनी नाज़ियों की डर से उलूल – ज़ुलुल लिखता है। अमेरिकी दोस्ती युक्रेन को महंगी पड़ेगी। ये नाज़ी लेखक नही लिखता कि कैसे वहाँ की आर्मी का Azov बटालियन रूसी भाषी युक्रेनी नागरिकों की हत्या करता है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 15,000 से ज्यादा रूसी भाषी युक्रेनी नागरिकों की हत्या युक्रेन की नाज़ी सेना ने दोनबास (दनेस्क और लुगाँस्क) में की है। रूस वहाँ खुल कर हमला नहीं कर सकता क्योंकि युक्रेन में रूसी भाषी नागरिक मारे जा सकते हैं, क्योंकि युक्रेनी सेना उनका ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। लेकिन एक दिन सत्य विजयी होगा।